कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने, झारखंड में सीबीआई पर सियासत,

झारखंड में सत्ता की हिस्सेदार कांग्रेस ने राज्य सरकार के निर्णय का समर्थन किया है। पार्टी का मत है कि, पिछले छह वर्षों में केंद्रीय जांच एजेंसी का जमकर दुरुपयोग हुआ है। सीबीआई को सामने रखकर राज्य सरकारों को अस्थिर करने की कोशिश हुई है।

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Published on: 6 Nov 2020 1:57 PM GMT
कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने, झारखंड में सीबीआई पर सियासत,
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झारखंड में सत्ता की हिस्सेदार कांग्रेस ने राज्य सरकार के निर्णय का समर्थन किया है। पार्टी का मत है कि, पिछले छह वर्षों में केंद्रीय जांच एजेंसी का जमकर दुरुपयोग हुआ है।

रांची। झारखंड में केंद्र और राज्य की लड़ाई दिनों दिन बढ़ती जा रही है। इस बीच हेमंत सोरेन सरकार ने राज्य के अंदर सीबीआई की इंट्री पर पाबंदी लगा दी है। केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई अब बिना राज्य सरकार की मंज़ूरी के कोई भी जांच या छापेमारी नहीं कर पाएगी। सरकार के इस निर्णय के बाद यूपीए और एनडीए ख़ेमे के बीच जमकर सियासत हो रही है। सत्ताधारी कांग्रेस ने राज्य सरकार के निर्णय को सही क़रार दिया है। वहीं, प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा ने इसे घबराहट में उठाया गया क़दम बताया है।

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सरकार के निर्णय के साथ कांग्रेस.

झारखंड में सत्ता की हिस्सेदार कांग्रेस ने राज्य सरकार के निर्णय का समर्थन किया है। पार्टी का मत है कि, पिछले छह वर्षों में केंद्रीय जांच एजेंसी का जमकर दुरुपयोग हुआ है। सीबीआई को सामने रखकर राज्य सरकारों को अस्थिर करने की कोशिश हुई है।

विरोधी दलों के नेताओं और संघ विरोधी अधिकारियों को फंसाने की कोशिश हुई है। यही वजह है ग़ैर भाजपा शासित राज्यों को इस तरह का क़दम उठाना पड़ रहा है।

पार्टी प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि, झारखंड देश का सातवां राज्य बन गया है जहां सीबीआई को राज्य के अंदर जांच करने से पहले अनुमति लेनी होगी।

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सरकार ने घबराहट में उठाया क़दम- भाजपा.

भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि, हेमंत सोरेन सरकार ने भयभीत होकर और घबराहट में सीबीआई को जांच से रोका है। पार्टी के प्रदेश कार्यालय में मीडिया कर्मियों से बात करते हुए उन्होने कहा कि, एक तरफ तो सरकार भ्रष्टाचार की जांच कराने की बात कहती है और दूसरी तरफ सीबीआई को प्रतिबंधित करती है। इससे साफ है कि, दाल में कुछ काला है।

बाबूलाल ने मुख्यमंत्री के क़रीबी अमित अग्रवाल को शैडो सीएम कहा और बताया कि, पिछले दिनों अमित अग्रवाल के कोलकाता स्थित आवास पर आईटी की छापेमारी हुई थी।

बताया जाता है कि, इस दौरान एक डायरी मिली है जिसमें कई लोगों का नाम है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को डर है कि, कहीं सीबीआई उनके घर तक न पहुंच जाए। लिहाज़ा, सीबीआई को झारखंड आने से रोका जा रहा है।

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केंद्र और राज्य के बीच बिगड़ते संबंध.

झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार आने के बाद से ही केंद्र और राज्य के बीच संबंध अच्छे नहीं रहे हैं। बात चाहे कोल ब्लॉक नीलामी की हो या फिर केंद्रीय शिक्षा नीति का मामला हो या फिर जीएसटी का बकाया का विषय हो। इन सभी मामलों में केंद्र और राज्य के बीच अनबन रही है। ताज़ा मामला डीवीसी के बकाया से जुड़ा है। राज्य ने केंद्र पर आरोप लगाया है कि, बिना प्रदेश सरकार की अनुमति के बकाया राशि को बैंक खाता से काट लिया गया है। केंद्र सरकार का ये क़दम संघीय ढांचे के खिलाफ है।

सीबीआई पर लगाम लगाने वाला 7वां राज्य.

झारखंड देश का सातवां राज्य है जहां सीबीआई को जांच या छापेमारी करने से पहले राज्य की अनुमति लेना ज़रूरी होगा। झारखंड से पहले महाराष्ट्र, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और केरल ने इस तरह का क़दम उठाया है। ये सभी राज्य ग़ैर भाजपा शासित हैं।

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रांची से शाहनवाज़ की रिपोर्ट।

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