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कोरोना काल में फीस नहीं भरी तो स्कूल ने शिक्षा मंत्री की नातिन को क्लास लेने से रोका

शिक्षामंत्री से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उनकी नातिन रिया ने उन्हें क्लास से हटाने के बारे में बताया, जिसके बाद उन्होंने खुद ही स्कूल पहुंचकर फीस जमा करवाई।

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Published on: 20 Sept 2020 4:12 PM IST
कोरोना काल में फीस नहीं भरी तो स्कूल ने शिक्षा मंत्री की नातिन को क्लास लेने से रोका
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मंत्री की नातिन बोकारो डीपीएस स्कूल में पढ़ती है। उन्होंने ये भी कहा, वह मंत्री के रूप में नहीं बल्कि एक अभिभावक के तौर पर स्कूल पहुंचे थे।

बोकारो: प्राइवेट स्कूलों की फ़ीस को लेकर मनमानी की बात किसी से भी छिपी हुई नहीं है। स्कूलों की मनमाने के आगे पैरेंट्स को झुकते हुए कई बार देखा और सुना गया है।

कोरोना काल में सरकार की तरफ से स्कूलों को हिदायत दी गई है कि वे वे फीस को लेकर नरमी बरतें। लेकिन स्कूलों की मनमानी इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि वे सरकार के आदेश की धज्जियां उड़ा रहे हैं।

हद तो तब हो गई जब उन्होंने फ़ीस के लिए झारखंड के शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो नातिन रिया को ही ऑनलाइन क्लास से हटा दिया। जब उन्हें इस मामले की जानकारी हुई तो वे तुरंत स्कूल पहुंचे और काउंटर पर खड़े होकर फीस जमा की।

money रुपए की फोटो(सोशल मीडिया)

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नातिन ने खुद बताई थी ये बात

शिक्षामंत्री से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उनकी नातिन रिया ने उन्हें क्लास से हटाने के बारे में बताया, जिसके बाद उन्होंने खुद ही स्कूल पहुंचकर फीस जमा करवाई।

मंत्री की नातिन बोकारो डीपीएस स्कूल में पढ़ती है। उन्होंने ये भी कहा, वह मंत्री के रूप में नहीं बल्कि एक अभिभावक के तौर पर स्कूल पहुंचे थे।

उधर इस मामले की जानकारी जैसे ही मुख्य विपक्षी दल भाजपा के नेताओं हुई तो उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि निजी स्कूलों की मनमानी का आलम सरकार को आईना दिखाने के लिए पर्याप्त है।

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Children बच्चों की फोटो(सोशल मीडिया)

बीजेपी ने बोला हमला

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि चास के दिल्ली पब्लिक स्कूल की घटना तो बस एक उदाहरण मात्र है। चूंकि यह मामला सूबे के शिक्षा मंत्री के घर से संबंधित था, इसलिए मंत्री आनन-फानन में स्कूल पहुंच गए।

उन्होंने कहा कि हर दिन राज्य के सैकड़ों-हजारों अभिभावक निजी स्कूलों की मनमानी से परेशान हैं, लेकिन प्रदेश का शिक्षा मंत्रालय और राज्य सरकार इन स्कूलों के सामने असहाय हैं।

उधर इस मामले में शिक्षा पदाधिकारी ने जांच के आदेश दिए हैं, ताकि स्कूल के दावे की पड़ताल की जा सके। वहीं जब इस बारे में बोकारो डीपीएस स्कूल से बात की गई तो उनकी तरफ से बताया कि रिया का नाम नहीं काटा गया था। स्कूल की प्रधानाध्यपक शैलजा जयकुमार ने बताया कि छात्रा का नाम सूची से नहीं हटाया गया था।

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