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जानिए कौन हैं जस्टिस एसए बोबडे, देश के होंगे 47वें चीफ जस्टिस

जस्टिस शरद अरविंद बोबडे(एसए बोबडे) देश के अगले सीजेआई होंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनके नाम पर मुहर लगा दी है। 18 नवंबर को वह सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में शपथ लेंगे और उनका कार्यकाल 23 अप्रैल 2021 तक रहेगा।

Dharmendra kumar
Published on: 28 Aug 2023 8:11 AM GMT (Updated on: 28 Aug 2023 8:12 AM GMT)
जानिए कौन हैं जस्टिस एसए बोबडे, देश के होंगे 47वें चीफ जस्टिस
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नई दिल्ली: जस्टिस शरद अरविंद बोबडे(एसए बोबडे) देश के अगले सीजेआई होंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनके नाम पर मुहर लगा दी है। 18 नवंबर को वह सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में शपथ लेंगे और उनका कार्यकाल 23 अप्रैल 2021 तक रहेगा। एसए बोबडे देश के 47वें चीफ जस्टिस होंगे।

बता दें कि वर्तमान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कुछ दिनों पहले ही उनके नाम की केंद्र सरकार से सिफारिश की थी। वर्तमान सीजेआई ही अगले चीफ जस्टिस के नाम की सिफारिश करते हैं। आईए बताते हैं जस्टिस बोबडे से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां।

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जानिए कौन हैं अगले CJI बनने वाले एसए बोबडे

सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट के मुताबिक जस्टिस एसए बोबडे इस समय राम मंदिर विवाद मामले की सुनवाई कर रही संविधान पीठ का हिस्सा हैं। इसके अलावा भी वह कई बड़े फैसलों में शामिल रहे हैं।

जस्टिस एसए बोबडे का जन्म 24 अप्रैल, 1956 को महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ। उन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय से बीए और एलएलबी की पढ़ाई की है। 1978 में वह बार काउंसिल के सदस्य बन गए। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में प्रैक्टिस की शुरुआत की और 1998 में वरिष्ठ वकील बन गए।

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साल 2000 में बोबडे को बॉम्बे हाईकोर्ट का अतिरिक्त जज नियुक्त गया। इसके बाद साल 2012 मे वह मध्य प्रदेश के हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बन गए। साल 2013 में वह सुप्रीम कोर्ट में जज का कार्यभार ग्रहण किया। वह 23 अप्रैल 2021 को रिटायर हो जाएंगे। बोबड़े का सुप्रीम कोर्ट में आठ साल का कार्यकाल है।

इन केस में शामिल रहे हैं एसए बोबडे

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के ही तीन जज कर रहे थे। जांच करने वाली इस पीठ में जस्टिस एसए बोबडे, एनवी रमन और इंदिरा बनर्जी शामिल थीं।

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सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड को लेकर एक आदेश दिया था जिसमें कोर्ट ने कहा था कि आधार कार्ड के बिना कोई भी भारतीय सुविधाओं से वंचित नहीं रह सकता है। इस पीठ में जस्टिस एसए बोबडे, पूर्व जस्टिस चेलमेश्वर और जस्टिस नागप्पन शामिल थे।

सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक लगाई थी। इस फैसले में जस्टिस एसए बोबडे भी शामिल थे। इस पीठ में तत्कालीन चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर, जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस एसऐ बोबडे शामिल थे। यह याचिका तीन बच्चों ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी।

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राम मंदिर विवाद पर सुनवाई पूरी हो चुकी है। अभी इस पर फैसला आना बाकी है। रोजाना सुनवाई करने वाली संविधान पीठ में जस्टिस एसए बोबडे भी शामिल हैं। पांच जजों की पीठ में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस नजीर शामिल हैं।

Dharmendra kumar

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