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ईरानी लड़ाकू महिलाएं: अमेरिका भी लड़ने से पहले सोचेगा 10 बार

ईरान के पास ऐसी खुबसूरत महिलाएं हैं जो किसी भी देश की आर्मी के ताकतवर जवान से कम नहीं है। ये ईरानी महिलाएं रेगिस्तान में मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग लेती हैं।

Shivani Awasthi
Published on: 14 Jan 2020 10:30 AM GMT
ईरानी लड़ाकू महिलाएं: अमेरिका भी लड़ने से पहले सोचेगा 10 बार
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दिल्ली: ईरान के हथियारों और मिसाइलों के जरिये देश की शक्ति के बारे में आंकलन किया जा सकता है, लेकिन ईरान के पास ऐसी खुबसूरत महिलाएं हैं जो किसी भी देश की आर्मी के ताकतवर जवान से कम नहीं है। ये ईरानी महिलाएं रेगिस्तान में मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग लेती हैं। इन्हें निन्जा वॉरियर्स (Iranian Ninja Girls) के तौर पर तैयार किया जाता है, जो किसी भी पुरुष के साथ दो दो हाथ करने में माहिर होती हैं।

जाने ईरानी निन्जा वॉरियर के बार में सब कुछ:

ईरान में निन्जा वॉरियर तैयार करने के लिए ट्रेनिंग कैंप चलाया जाता है। ये ट्रेनिंग कैंप अकबर फराजी संचालित करते हैं। इस कैंप में महिलाओं को मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग की जाती है।

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इनकी ट्रेनिंग देश की राजधानी तेहरान से करीब 40 किमी दूर रेगिस्तान में होती है। बता दें कि इस इलाके के जुगहिन कासल पर महिलाओं को निन्जा बनाने की ट्रेनिंग की शुरुआत 1989 में हुई थी। इस ट्रेनिंग कैंप से अब तक करीब 4 हजार महिलाएं निन्जा रेंजर्स की ट्रेनिंग ले चुकी हैं।

कौन है अकबर फराजी:

मार्शल आर्ट ट्रेनर अकबर फराजी करीब 30 सालों से ये काम कर रहे हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि ये महिलाएं किसी भी पुरुष से दो-दो हाथ करने में सक्षम हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि निश्चिंत हूं कि मेरी कोई भी छात्रा निन्जा ट्रेनिंग का इस्तेमाल किसी को चोट पहुंचाने के लिए नहीं करेगी।

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क्या है निनजुत्सु मार्शल आर्ट्स:

ईरानी महिलाएं जिस निनजुत्सु मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग लेती हैं, वो दुनिया की सबसे खतरनाक मार्शल आर्ट्स में शुमार किया जाता है। जापान में 1185 से 1868 में युद्ध के दौरान स्थानीय लोगों ने इसका काफी उपयोग किया। ोअकबर फराजी इस स्टाइल के निन्जा मार्शल आर्ट को जापान से ईरान लेकर आये और इस को ईरानी महिलाओं तक पहुँचाया।

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महिलाएं बदला लेने के लिए नहीं कर सकती मार्शल आर्ट्स का इस्तेमाल:

वहीं निन्जा वॉरियर बनने के लिए कड़ी मेहनत करने वाली इन महिलाओं का कहना है कि मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग से उनके भीतर अनुशासन और आत्म विश्वास आता है। इसके अलावा उनका कहना है कि इस ट्रेनिंग के जरिये वो आत्मरक्षा के बेहतरीन गुण सीखती हैं। उन्होंने बताया कि ये हमारे प्रतिदिन की जिंदगी में असर डालता है। हमें शांत, अनुशासित और मजबूत बनने में मदद करता है। वहीं जानकारी के मुताबिक, मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग लेने वाली इन महिलाओं को प्रशिक्षण के दौरान ये शपथ दिलाई जाति है कि वह अपनी सीख का इस्तेमाल किसी से बदला लेने के लिए नहीं करेंगी।

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Shivani Awasthi

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