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लॉकडाउन के चलते यहां फंसे थे 1300 श्रद्धालु, अब भेजे जा रहे वापस
महाराष्ट्र के लातूर जिले के राठेडा गांव में लॉकडाउन के चलते करीब 1300 लोग फंस गए थे, जिन्हें निजी बस से उनके गांव जाधववाडी भेजा जा रहा है।
लातूर: कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लॉकडाउन लागू किया गया है। लॉकडाउन के चलते बहुत से लोग अपने राज्यों/इलाकों से अलग-ठलग देश के अलग-अलग इलाकों में फंसे हुए हैं। ऐसे में राज्य सरकारें इन सभी लोगों के लिए उचित प्रबंध कर रही हैं। ताकि कोरोना के संक्रमण से बचाया जा सके।
वहीं कुछ राज्यों में लोगों को उनके राज्यों में भेजने का भी इंतजाम किया जा रहा है। ऐसी ही एक खबर महाराष्ट्र के लातूर जिले से सामने आ रही है। दरअसल, यहां राठेडा गांव में लॉकडाउन के चलते करीब 1300 लोग फंस गए थे, जिन्हें निजी बस से उनके गांव जाधववाडी भेजा जा रहा है। जाधववाडी पुणे जिले में आता है।
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सत्संग कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए थे लोग
ये सभी लोग राठोडा गांव में महानुभव पंथ के सत्संग कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए थे, लेकिन लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद यहीं फंस गए। आपको बता दें कि राठोडा गांव में फरवरी महीने से ही सत्संग का कार्यक्रम चल रहा था। लेकिन सत्संग के दौरान लॉकडाउन का एलान होने से ये सभी लोग यहीं फंस गए थे।
करीब 4-5 दिन पहले यहां पर जोरों से बारिश हुई और इससे सत्संग का मंडप उखड़ गया। इसके चलते खाना बनाने का सामान भी खराब हो गया। जिसके चलते इन महानुभवी साधकों को सिर छिपाने के लिए मंदिर और स्कूलों का सहारा लेना पड़ा।
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टेस्ट करने के बाद दी गई जाने की अनुमित
इनकी स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने इन्हें निजी बसों से इनके गांव जाधववाडी आश्रम लौटने की इजाजत दे दी है। इन लोगों को बसो में बैठाकर पुणे की जाधववाडी भेजा जा रहा है। एक 44 सीट वाली बस में करीब 22 यात्रियों को ही बैठाया गया है। फिलहाल अभी 32 बसें उपलब्ध हुई हैं।
इन बसों से सभी साधकों की वापसी कराने के लिए तीन दिन लगेंगे। इन सभी साधकों पर प्रशासन निगरानी रख रही है। सभी साधकों के टेस्ट करने के बाद ही उन्हें आगे जाने की अनुमति दी जा रही है।
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