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जन औषधि दिवस: रोने लगे पीएम मोदी, जब महिला ने कहा-भगवान हैं आप

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जन औषधि दिवस के मौके यूपी के 900 औषधि केन्द्रों को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी भावुक भी हो गये।

Shivani Awasthi
Published on: 7 March 2020 3:59 AM GMT
जन औषधि दिवस: रोने लगे पीएम मोदी, जब महिला ने कहा-भगवान हैं आप
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लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जन औषधि दिवस के मौके यूपी के 900 औषधि केन्द्रों को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी भावुक भी हो गये। दरअसल, कार्य्रकम के दौरान एक महिला ने पीएम मोदी की तुलना भगवान से करते ही कहा कि, मैंने भगवान को नहीं देखा, लेकिन आपको देखा है। ये सुन पीएम की आँखे नम हो गयीं।

Live Update:

पीएम मोदी यूपी के 900 जन औषधि केन्द्रों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित कर रहे हैं।

इस दौरान कई लाभार्थियों ने उनसे बात भी की। कई सवालों के जवाब पीएम मोदी ने दिए।

कार्यक्रम में दीपा शाह ने अपने मन की बात रखी। उन्होंने कहा, '2011 में मुझे लकवा हुआ था, मैं बोल नहीं पाती थी। इलाज जो चल रहा था काफी महंगा था, जिसकी वजह से घर चलाना तक मुश्किल हो गया था। फिर जन औषधि से दवाएं लेना शुरू किया। जिससे पैसा बचा। पहले दवाइयां 5 हजार की आती थीं, अब 1500 की आती हैं। बाकी बचे पैसों से मैं घर चलाती हूं, फल खाती हूं।' महिला ने आगो कहा कि मैंने ईश्वर को नहीं देखा, लेकिन ईश्वर के रूप में मोदी को देखा है। इसपर महिला रोने लगी। वहीं पीएम मोदी भी भावुक हो गए।

क्या है जन औषधि योजना:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है जन-औषधि केंद्र योजना। इसके तहत गरीबों तक सस्ती और सही दवाई पहुंचाई जाने की योजना है। इस उद्देश्य की पूरी के लिए ही सरकार जन औषधि केंद्र खोलने के लिए अनुदान दे रही है।

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बता दें कि सरकार द्वारा 'जन औषधि स्टोर' बनाए गए हैं, जहां जेनरिक दवाईयां उपलब्ध करवाई जाती हैं। गौरतलब है कि जेनरिक दवाईयां ब्रांडेड दवाईयों के मुकाबले सस्ती होती हैं, हालाँकि प्रभाव ब्रांडेड दवाइयों के जैसा ही होता है। इसी जानकारी से लोगों को जागरूक करने के लिए जन औषधि अभियान शुरू किया गया है। ताकि जनता समझ सके कि ब्रांडेड मेडिसिन की तुलना में जेनेरिक दवाइयों कम मूल्य पर बाजार में उपलब्ध हैं और उनकी गुणवत्ता में भी कोई कमी नहीं है।

इस योजना के फायदा:

जन औषधि योजना के तहत आम नागरिकों को बाजार से 60 से 70 फीसदी कम कीमत पर दवाइयां मुहैया कराई जा सकती है। इसी उद्देश्य से प्रदेश में लगभग 900 जन औषधि केंद्र खोले गए हैं।

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कैसे जुड़े जन औषधी केन्द्रों से:

भारत के नागरिक ही इस योजना से जुड़ सकते हैं। कोई भी व्यक्ति या कारोबारी, अस्पताल, गैर सरकारी संगठन, फार्मासिस्ट, डॉक्टर और मेडिकल प्रेक्टिशनर जन-औषधि केंद्र खोलने के लिए आवेदन कर सकता है।

ऐसे करें आवेदन:

जन औषधि केंद्र खोलने का इच्छुक व्यक्ति अगर अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से है या दिव्यांग है तो भारत सरकार उसे वितीय सहायता भी उपलब्ध कराती है।

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जन औषधि केंद्र शुरू करने के लिए आवेदन करने वाले को आधार कार्ड एवं पैन कार्ड की जरूरत होगी।

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Shivani Awasthi

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