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मेरा सौभाग्य है कि मुझे अटल टनल के लोकार्पण का अवसर मिला है: PM मोदी

इस टनल की वजह से मनाली और लाहौल स्फीति घाटी सालों भर एक-दूसरे से जुड़े रह सकेंगे। इससे पहले बर्फबारी की वजह से लाहौल स्फीति घाटी साल के 6 महीनों तक देश के बाकी हिस्सों से कट जाती थी।

Newstrack
Published on: 3 Oct 2020 10:40 AM IST
मेरा सौभाग्य है कि मुझे अटल टनल के लोकार्पण का अवसर मिला है: PM मोदी
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Live- मोदी ने किया अटल टनल का उद्घाटन, चीन-पाक सीमा पर बढ़ी देश की ताकत

नई दिल्ली: पीएम मोदी ने आज मनाली में अटल टनल का उद्घाटन किया। रोहतांग में स्थित 9.02 किलोमीटर लंबी ये टनल मनाली को लाहौल स्फीति से जोड़ती है। इस टनल की वजह से मनाली और लाहौल स्फीति घाटी सालों भर एक-दूसरे से जुड़े रह सकेंगे। इससे पहले बर्फबारी की वजह से लाहौल स्फीति घाटी साल के 6 महीनों तक देश के बाकी हिस्सों से कट जाती थी। अटल टनल से लेह-मनाली के बीच की दूरी 46 किमी कम होगी। साथ ही चीन-पाकिस्तान बॉर्डर पर भारत की रणनीतिक ताकत भी बढ़ेगी।

अटल टनल की लंबाई 9 किलोमीटर है

लद्धाख में चीन लगातार घुसपैठ की फिराक में है। लेकिन अब उसके लिए ऐसा करना आसान नहीं होगा। पीएम मोदी आज अटल टनल का उद्धाटन करेंगे, जो भारत के लिए चीन पर एक मास्टर स्ट्रोक साबित होगा। अटल टनल बनकर तैयार और इसकी लंबाई 9 किलोमीटर है। इसके साथ ही पीएम मोदी कोरोना काल में पहली सार्वजनिक सभा करेंगे। पीएम मोदी सोलांग वैली में जनसभा करेंगे

अटल टनल लेह, लद्दाख की लाइफलाइन

-पीएम मोदी ने कहा कि अटल टनल लेह, लद्दाख की लाइफलाइन बनेगी। लेह-लद्दाख के किसानों, बागवानों और युवाओं के लिए भी अब देश की राजधानी दिल्ली और दूसरे बाजारों तक पहुंच आसान हो जाएगी।

-अटल टनल से मनाली और केलांग के बीच की दूरी 3-4 घंटे कम हो ही जाएगी। पीएम मोदी ने कहा कि पहाड़ के मेरे भाई-बहन समझ सकते हैं कि पहाड़ पर 3-4 घंटे की दूरी कम होने का मतलब क्या होता है।

इंजीनियरों और मजदूर भाई बहनों को मैं नमन करता हूं

-टनल के उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज सिर्फ अटल जी का ही सपना पूरा नहीं हुआ है, बल्कि हिमाचल प्रदेश के करोड़ों लोगों का दशकों पुराना इंतजार खत्म हुआ है।

-पीएम मोदी ने कहा, मेरा सौभाग्य है कि मुझे अटल टनल के लोकार्पण का अवसर मिला है। अक्सर लोकार्पण की चकाचौंध में वो लोग कहीं पीछे रह जाते हैं, जिनके परिश्रम से ये सब संभव हुआ है।

-इस महायज्ञ में अपना पसीना बहाने वाले, अपनी जान जोखिम में डालने वाले, मेहनतकश जवानों, इंजीनियरों और मजदूर भाई बहनों को मैं नमन करता हूं।

-पीएम मोदी ने कहा कि लेह-लद्दाख के किसानों, बागवानों और युवाओं के लिए भी अब देश की राजधानी दिल्ली और दूसरे बाजारों तक पहुंच आसान हो जाएगी। अटल टनल से मनाली और केलांग के बीच की दूरी 3-4 घंटे कम हो ही जाएगी।

pm modi inaugurate atal tunnel-3

-पीएम मोदी ने कहा कि पहाड़ के मेरे भाई-बहन समझ सकते हैं कि पहाड़ पर 3-4 घंटे की दूरी कम होने का मतलब क्या होता है।

-पीएम मोदी दोपहर 12 से 12:45 तक सिस्सू में जनसभा करेंगे, जबकि 12:50 पर वापस टनल होकर सोलंगनाला पहुंचेंगे और भाजपा नेताओं को संबोधित करेंगे।

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पीएम मोदी कोरोना काल में पहली सार्वजनिक सभा करेंगे

-आज शुरु हुई अटल टनल भारत के लिए चीन पर एक मास्टर स्ट्रोक साबित होगा। अटल टनल की लंबाई 9 किलोमीटर है। टनल के उदघाटन के बाद पीएम मोदी कोरोना काल में पहली सार्वजनिक सभा करेंगे। पीएम मोदी सोलांग वैली में जनसभा करेंगे।

pm modi inaugurate atal tunnel-2

क्यों है अहम अटल टनल

-रोहतांग में स्थित 9.02 किलोमीटर लंबी ये टनल मनाली को लाहौल स्फीति से जोड़ती है। इस टनल की वजह से मनाली और लाहौल स्फीति घाटी सालों भर एक-दूसरे से जुड़े रह सकेंगे। इससे पहले बर्फबारी की वजह से लाहौल स्फीति घाटी साल के 6 महीनों तक देश के बाकी हिस्सों से कट जाती थी।

-थोड़ी देर पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मनाली पहुंचे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनका हवाई अड्डे पर स्वागत किया। सुबह 10 बजे रोहतांग में प्रधानमंत्री का कार्यक्रम होगा।

pm modi inaugurate atal tunnel

अटल टनल का 'नंबर गेम'

- 10 साल में बनी अटल टनल

- 10,000 फीट की ऊंचाई पर

- 9 किमी लंबाई

- 3000 कार/दिन गुजर सकती है

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अटल टनल की खासियत

- सभी मौसम के लिए उपयुक्त

- आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार

- सुरंग के नीचे एग्जिट गेट

- बर्फ-हिमस्खलन से बेअसर

- 150 मीटर पर फोन

- ऑटोमेटिक CCTV सिस्टम

- हवा की गुणवत्ता मापने का यंत्र

- आग से निपटने में सक्षम

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अटल टनल से ये होंगे फायदे

- पाकिस्तान-चीन बॉर्डर पर रणनीतिक ताकत बढ़ेगी

- सीमावर्ती इलाकों तक जल्द पहुंचना संभव हुआ

- सर्दियों में सेना के लिए रसद पहुंचाना आसान हुआ

- पूरे साल सीमावर्ती इलाकों पर चौकसी और बढ़ेगी

- सर्दियों में सीमा पर सेना की ताकत और बढ़ेगी

- सर्दियों में रोहतांग दर्रे से गुजरने की मुश्किलें खत्म

- सामान पहुंचाने के लिए जोजिला पास पर निर्भरता खत्म

- विकट हालात में खासतौर से चीन से निपटना आसान हुआ

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