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लॉकडाउन में बियर की बढ़ी मांग, पर यहां तो हजारों लीटर नालियों में फेंक रही हैं कम्पनियां

देश में कोरोना वायरस का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा हैं। केंद्र सरकार ने इस पर काबू पाने के लिए देश भर में लॉकडाउन लागू कर रखा है। जो 3 मई तक जारी रहेगी। दवा, परचून. राशन और बैंक के अलावा और अन्य जरूरी सेवाओं को छोड़कर सभी जगहों पर बंदी का आदेश लागू हैं।

Aditya Mishra
Published on: 22 April 2020 11:48 AM IST
लॉकडाउन में बियर की बढ़ी मांग, पर यहां तो हजारों लीटर नालियों में फेंक रही हैं कम्पनियां
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नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा हैं। केंद्र सरकार ने इस पर काबू पाने के लिए देश भर में लॉकडाउन लागू कर रखा है। जो 3 मई तक जारी रहेगी। दवा, परचून. राशन और बैंक के अलावा और अन्य जरूरी सेवाओं को छोड़कर सभी जगहों पर बंदी का आदेश लागू हैं।

इस बीच दिल्ली एनसीआर के पास गुरुग्राम में हजारों लीटर बियर नालियों में बहाये जाने की घटना सामने आई है। जानकारी के मुताबिक़ माइक्रो ब्रुअरीज में एक लाख लीटर बियर अभी तक बाटल्स में पैक नहीं किये जा सके थे।

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कीमत से ज्यादा खर्च सुरक्षा में

इसे खुले में खराब होने से बचाने के लिए जो लागत आएगी, वो इसके मूल्य से कई गुणा अधिक बताई जा रही है। ऐसे में न चाहते हुए भी मजबूरीवश बियर को नालियों में बहाया जा रहा है।

यहां ये भी जानना जरूरी है कि माइक्रो ब्रुअरीज एक छोटी भट्टी होती है, जिसमें खास तौर अपने परिसर में ही खपत के लिए सीमित मात्रा में बीयर तैयार की जाती हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक स्ट्राइकर ऐंड सोइ 7 ने अपने गुरुग्राम आउटलेट से 5,000 लीटर बियर नाली में उड़ेल दी है। ऐसा करने वाली ये कोई पहली कम्पनी नहीं है बल्कि इसी तरह प्रैंकस्टर कम्पनी ने भी 3 हजार लीटर बियर नालियों में बहा दी है। जबकि, माइक्रो ब्रुअरीज को 1 लाख लीटर से ज्यादा ताजा बियर को नष्ट करना पड़ा है।

इसलिए उठाया गया ये सख्त कदम

ब्रुअरी कंसल्टेंट्स ने बताया कि, बियर को तरोताजा बनाये रखने के लिए प्लांट इसे एक तय टेम्प्रेचर पर रखते हैं। हर रोज उसकी देखरेख की जाती है। लेकिन, लॉकडाउन की वजह से ये अब ये काम नहीं हो पा रहा है।

ब्रुअर्स ने बताया कि ये परेशानी सिर्फ लॉकडाउन तक ही नहीं है। बल्कि इसका असर आगे भी देखने को मिलेगा। ऐसा नहीं है कि लॉकडाउन खत्म होते ही ग्राहकों की भीड़ दुकानों पर उमड़ने लगेगी।

इस तरह प्लांट को इसका सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ेगा। यहां ये भी जानना जरूरी है कि कुछ कम्पनियों ने ऑनलाइन बियर बेचने की अनुमति केंद्र सरकार से मांगी थी लेकिन उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी गई।

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Aditya Mishra

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