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रेड जोन में फंसा देश का हस्तशिल्प उद्योग, लग सकता है 15 हजार करोड़ का झटका
सार्वधिक निर्यात उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों से होता है, क्रिसमय 2020 के लिए ऑर्डर की सप्लाई अगस्त सितंबर तक की जानी है लेकिन यूरोप, अमेरिका, यूके समेत तमाम देशों से कोरोना की चपेट में आने से 15000 करोड़ रुपये का मिला ऑर्डर सप्लाई में लटक गया है।
नोएडा। कोरोना वायरस (कोविड19) महामारी की चपेट में आने से देश का हस्तशिल्प उद्योग रेड जोन में फंस गया है। उद्योग को 15000 करोड़ रुपये की चपत लगना तय माना जा रहा है। आठ हजार करोड़ रुपये का ऑर्डर मौजूदा समय में खरीदार रद कर चुके है। जबकि तीन हजार करोड़ रुपये का तैयार ऑर्डर नोएडा की इकाइयों से लेकर मुबंई पोर्ट फंसा पड़ा है। हालांकि राहत के लिए एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्रॉफ्ट ने सरकार से गुहार लगाई है।
वर्तमान समय में करीब 8 हजार करोड़ रुपए का आर्डर रद्
निर्यातकों का कहना है कि कुल 23 हजार करोड़ रुपये का हस्तशिल्प कारोबार है। सार्वधिक निर्यात उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों से होता है, क्रिसमय 2020 के लिए ऑर्डर की सप्लाई अगस्त सितंबर तक की जानी है लेकिन यूरोप, अमेरिका, यूके समेत तमाम देशों से कोरोना की चपेट में आने से 15000 करोड़ रुपये का मिला ऑर्डर सप्लाई में लटक गया है।
नोएडा से 3 हजार करोड़ रुपए के आर्डर मुंबई पोर्ट से लेकर इकाईयों फंसा
जनवरी का एक हजार करोड़ रुपये का तैयार ऑर्डर सप्लाई हुआ था, लेकिन वह मुबंई पोर्ट में फंसा हुआ है, जबकि फरवरी में दो हजार करोड़ रुपये का तैयार ऑर्डर फैक्ट्री में डंप पड़ा है। मार्च में होली के बाद लॉकडाउन के कारण संकट खड़ा हो गया। अब खरीदारों की ओर से आठ हजार करोड़ रुपये का ऑर्डर रद कर दिया गया है। जबकि लॉकडाउन के कारण 4 हजार करोड़ रुपये का ऑर्डर तैयार नहीं किया जा सकता।
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हस्तशिल्प कारोबार की स्थिति :
वर्ग संख्या
कुल निर्यातक 11000
कुल कारोबार 23000 करोड़ रुपये
उत्तर प्रदेश 5000 हस्तशिल्प निर्यातक
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रेड जोन में शहर, निर्यात उत्पाद
शहर उत्पाद
आगरा स्टोन हैंडीक्रॉफ्ट
सहारनपुर वुड क्रॉफ्ट
मुरादाबाद मेटल क्रॉफ्ट
अलीगढ़ मेटल क्रॉफ्ट
रामपुर एम्ब्रोइडरी फैब्रिक
नोएडा ओवर ऑल
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एक्समार्ट इंटरनेशनल के एमडी ने कहा
मामले में एक्समार्ट इंटरनेशनल के एमडी राजेश कुमार जैन (वर्तमान अध्यक्ष सोशल मीडिया, पूर्व उपाध्यक्ष एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीकॉफ्ट) ने बताया कि हस्तशिल्प निर्यातकों का यह सीजन होता है, पिछले वर्ष तक 15 हजार करोड़ रुपये का कारोबार हो चुका था। सरकार से जीएसटी समेत अन्य मद में पड़ा पैसा जल्द रिलीज करने का आग्रह किया है।
एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीकॉफ्ट के महानिदेशक बोले
वहीं एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीकॉफ्ट के महानिदेशक राकेश कुमार ने कहा, 'पूरा हस्तशिल्प उद्योग निर्यात पर आधारित है, निर्यातकों को नुकसान होने से उद्योग हाशिए पर चला गया है। सरकार से राहत मांगी है, कुछ सुझाव भी दिए है, इंतजार किया जा रहा है।'
दिपांकर जैन
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