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341 लोकसभा प्रत्याशियों को मिले 50% से ज्यादा वोट: एडीआर

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वॉच (एनईडब्लू) ने लोकसभा की 542 सीटों पर हुए चुनावों के बाद उनके वोट शेयर का विश्लेषण किया है। इस विश्लेषण में कई अहम बातें सामने आई हैं। एडीआर और एनईडब्लू की रिपोर्ट के मुताबिक नेताओं ने 52.7 फीसदी वोटों के औसत से जीत दर्ज की।

Dharmendra kumar
Published on: 18 July 2019 10:26 PM IST
341 लोकसभा प्रत्याशियों को मिले 50% से ज्यादा वोट: एडीआर
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नई दिल्ली: एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वॉच (एनईडब्लू) ने लोकसभा की 542 सीटों पर हुए चुनावों के बाद उनके वोट शेयर का विश्लेषण किया है। इस विश्लेषण में कई अहम बातें सामने आई हैं। एडीआर और एनईडब्लू की रिपोर्ट के मुताबिक नेताओं ने 52.7 फीसदी वोटों के औसत से जीत दर्ज की।

रिपोर्ट के मुताबिक 542 उम्मीदवारों में 341 उम्मीदवार (63 प्रतिशत) 50 या इससे ज्यादा फीसदी वोटों से जीते हैं जबकि 201 (37 प्रतिशत) उम्मीदवारों की जीत का औसत 50 फीसदी वोटों से कम रहा। बीजेपी के विजयी 303 उम्मीदवारों में 79 (26 प्रतिशत) ऐसे नेता हैं जिन्हें चुनावी क्षेत्र में 50 फीसदी से कम वोट मिले।

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79 सांसदों ने अपने निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान किए गए कुल वोटों के 50 फीसदी से कम के साथ जीत हासिल की। कांग्रेस के विजयी 52 सांसदों में से 34 सांसदों मतलब 65 प्रतिशत सांसद, कुल मतों के 50 प्रतिशत से कम के साथ जीते। जबकि द्रमुक(डीएमके) के 23 में से चार उम्मीदवारों (17 प्रतिशत) ने कुल मतों के 50 प्रतिशत से कम के साथ जीत हासिल की। रिपोर्ट के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस के 22 विजयी उम्मीदवारों में से 16 (73 फीसदी) और वाईएसआरसीपी के 22 विजयी उम्मीदवारों में से 9 (41 प्रतिशत) ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में कुल मतों के 50 प्रतिशत से कम मतों से जीत हासिल की।

233 उम्मीदवार दागी रहे जिनमें 132 (57 फीसदी) ऐसे थे जिन्होंने 50 फीसदी से ज्यादा वोट शेयर के साथ जीत हासिल की। 475 करोड़पति उम्मीदवारों में 313 (66 प्रतिशत) ऐसे हैं जिन्हें 50 फीसदी या इससे ज्यादा वोट मिले। रिपोर्ट के मुताबिक कुल उम्मीदवारों में 7 विजेता ऐसे हैं जिन्होंने मात्र 2 हजार वोटों से जीत हासिल की। 3 प्रत्याशियों की जीत का अंतर 50 फीसदी वोटों से ज्यादा था।

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233 उम्मीदवार ऐसे रहे जो दागी थे लेकिन मजे से चुनाव जीत गए, इनमें 115 प्रत्याशियों ने साफ सुथरी छवि वाले नेताओं को शिकस्त दी। इनमें 6 उम्मीदवारों ने 40 फीसदी वोटों के औसत से जीत दर्ज की। गुजरात के नवसारी से बीजेपी उम्मीदवार सीआर पाटिल ने 52.7 प्रतिशत वोटों के अंतर से जीत हासिल की। 115 नेता ऐसे भी हैं जिन्होंने घोषित आपराधिक बैकग्राउंड वाले नेताओं के खिलाफ जीत हासिल की। इनमें 7 प्रत्याशियों की जीत 40 फीसदी वोटों के साथ दर्ज की गई।

कुल 475 विजेता करोड़पति उम्मीदवारों में 54 ने गैर-करोड़पति उम्मीदवारों को हराया। इनमें 5 ऐसे हैं जिनकी जीत का अंतर 40 फीसदी वोटों का रहा। राजस्थान के चित्तौड़गढ़ से बीजेपी उम्मीदवार चंद्र प्रकाश जोशी ने 39.5 फीसदी वोटों के साथ जीत हासिल की। 48 गैर करोड़पति उम्मीदवार ऐसे थे जिन्होंने करोड़पतियों को हराया और संसद पहुंचे। इनमें 21 उम्मीदवारों की जीत 50 फीसदी से ज्यादा वोटों से हुई है।

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चुनाव लड़े 542 उम्मीदवारों में 78 महिलाएं हैं। इनमें सूरत संसदीय क्षेत्र से बीजेपी की नेता दर्शन विक्रम जर्दोश ने सबसे ज्यादा 74.47 फीसदी वोट शेयर के साथ जीत दर्ज की है। 225 उम्मीदवार दोबारा चुन कर आए हैं जिनमें 160 (71 फीसदी) प्रत्याशी 50 फीसदी से ज्यादा वोट पाकर जीते हैं। 28 उम्मीदवारों ने 5 फीसदी से कम वोटों के अंतर से जीत हासिल की जबकि 15 ने 40 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल कर जीत दर्ज की है। इस बार लोकसभा चुनाव में कुल 61,31,33,300 वोट पड़े जिनमें 65,14,558 वोट नोटा के तहत पड़े। 2014 के चुनाव में यह आंकड़ा 60,02,942 था।



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