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लोकसभा में नागरिकता बिल पास, राज्यसभा में सरकार के लिए है ये बड़ी चुनौती

लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक सोमवार देर रात पास हो गया। इस बिल के समर्थन में 311 वोट पड़े, जबकि 80 सांसदों ने इसके खिलाफ मतदान किया। अब इस बिल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए शरणार्थियों को इस बिल में नागरिकता देने का प्रस्ताव है।

Dharmendra kumar
Published on: 10 Dec 2019 9:19 AM IST
लोकसभा में नागरिकता बिल पास, राज्यसभा में सरकार के लिए है ये बड़ी चुनौती
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नई दिल्ली: लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक सोमवार देर रात पास हो गया। इस बिल के समर्थन में 311 वोट पड़े, जबकि 80 सांसदों ने इसके खिलाफ मतदान किया। अब इस बिल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए शरणार्थियों को इस बिल में नागरिकता देने का प्रस्ताव है। इस बिल में इन तीनों देशों से आने वाले हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रस्ताव है।

बीजेपी की जेडीयू और एलजेपी जैसी सहयोगी पार्टियों ने बिल के पक्ष में वोट किया, तो वहीं शिवसेना, बीजेडी, एआइएडीएमके और वाईएसआर कांग्रेस जैसी गैर बीजेपी पार्टियों ने भी बिल के पक्ष में मतदान किया। कांग्रेस, टीएमसी, एआईएमआईएम और सीपीआई(एम) समेत कई विपक्ष पार्टियों ने इल बिल का विरोध किया है।

लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के सभी सवालों का जवाब भी दिया। इस बिल के समर्थन में 311 वोट पड़े, जबकि 80 सांसदों ने इसके खिलाफ मतदान किया। बिल पास होने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने अमित शाह के भाषण की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तारीफ की है और बिल पास होने पर खुशी जताई।

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पीएम मोदी ने कहा कि नागरिकता संशोधन बिल पास होने पर खुश हूं। मैं बिल का समर्थन करने वाले सांसदों और पार्टियों का धन्यवाद करता हूं। पीएम मोदी ने बिल पास कराने के लिए गृह मंत्री अमित शाह को भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री ने सदन में सभी सदस्यों के सवालों के विस्तार से जवाब दिए। इसके बाद अमित शाह ने भी पीएम मोदी का शुक्रिया अदा किया।



जेडीयू, बीजेडी, एआइएडीएमके और वाईएसआर कांग्रेस जैसे दलों की ओर से लोकसभा में बिल का समर्थन किए जाने के बाद अब राज्यसभा से भी इसके पास होने की उम्मीद बढ़ गई है। इससे पहले बिल पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह विधेयक लाखों करोड़ों लोगों को यातना से मुक्ति देगा। उन्होंने कहा कि यह बिल किसी समुदाय विशेष के लिए नहीं है बल्कि अल्पसंख्यकों के लिए है।

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नागरिकता संशोधन विधेयक को लोकसभा से मंजूरी मिलने के बाद अब केंद्र सरकार ने इसे राज्यसभा में भी पास कराने की तैयारी शुरू कर दी है। बीजेपी ने मंगलवार और बुधवार को पार्टी के सभी राज्यसभा सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है। माना जा रहा है कि इस विधेयक पर मंगलवार को ही राज्यसभा में चर्चा और वोटिंग हो सकती है।

राज्यसभा में आंकड़े

राज्यसभा में फिलहाल सदस्यों की कुल संख्या 239 है। अगर सदन में सभी सदस्य मतदान करते हैं तो बहुमत के लिए 120 वोट की जरूरत होगी। अगर एनडीए के साथ उन दलों की बात करें जो एनडीए का सहयोग कर सकते हैं तो उनकी संभावित संख्या 114 बनती है। इनमें बीजेपी के 83, बीजेडी के 7, एआइएडीएमके के 11 और अकाली दल के 3 सदस्य शामिल हैं।

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नागरिकता संशोधन विधेयक पर विपक्ष जैसा विरोध कर रहा है ऐसे में सरकार को राज्यसभा में कड़ी चुनौती मिल सकती है। कांग्रेस के 46, टीएमसी के 13, सपा के 9, सीपीएम और डीएमके के 5-5 और आरजेडी, एनसीपी और बसपा के 4-4 सदस्यों समेत बाकी दलों को मिलाकर विपक्ष के पास कुल 108 सांसदों का समर्थन हासिल है।

अमित शाह ने कहा कि 1947 में पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आबादी 23 पर्सेंट थी, लेकिन 2011 में 3.7 पर्सेंट हो गई। बांग्लादेश में 47 में 22 प्रतिशत आबादी 22 प्रतिशत थी, लेकिन 2011 में यह 7.8 पर्सेंट हो गई। आखिर ये लोग कहां चले गए या तो मार दिए गए। भगा दिए गए या फिर धर्मांतरण हो गए। आखिर उनका क्या दोष था? हम चाहते हैं कि इन लोगों का सम्मान बना रहे।

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इस बिल के लोकसभा से पास होने मोदी सरकार का जश्न मना रही है तो वहीं विपक्ष पूरी तरह से इसका विरोध कर रहा है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर का कहना है कि आज लोकतंत्र के लिए काला दिन है, क्योंकि संविधान से उलट इस बिल को पास किया गया है। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस बिल का पुरजोर विरोध किया और सदन में ही इस बिल की कॉपी को फाड़ दिया।



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