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बिल्डर और डेवलपर्स की मनमानी की कहानी, रियल इस्टेट की 48 हजार शिकायतें

यूपी रेरा ने कुल 18509 केस निपटाए हैं जबकि एक साल पहले तक मात्र 5989 मामले सुलझाए गए थे। दूसरे नंबर पर हरियाणा है जहां 9919 केस सुलझाये गए।

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Published on: 14 July 2020 8:14 PM IST
बिल्डर और डेवलपर्स की मनमानी की कहानी, रियल इस्टेट की 48 हजार शिकायतें
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नालमणि लाल

लखनऊ: बिल्डर और डेवलपर्स किस तरह मनमानी करते हैं और ग्राहकों को कितना परेशान करते हैं इसकी बानगी रेरा यानी रियल इस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी के पास आने वाली शिकायतों के अंबार से पता चलती है। रेरा की स्थापना हुये अभी तीन ही साल हुये हैं और जुलाई 2020 तक ये प्राधिकरण 48556 केस निपटा चुका है। यानी प्रतिदिन औसतन 44 केस निपटाए गए हैं। इसके अलावा भी पेंडिंग केसों की भी लंबी लिस्ट है।

उत्तर प्रदेश सबसे आगे

केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार रेरा ने अब तक जितने केस निपटाए हैं उनमें से 57 फीसदी या 27581 मामले पिछले एक साल में ही निपटाए गए। इसका मतलब है कि बीते साल में ही रेरा के काम में तेजी आई है। रियल एस्टेट की शिकायतों के समाधान में उत्तर प्रदेश सबसे आगे रहा है।

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यूपी रेरा ने कुल 18509 केस निपटाए हैं जबकि एक साल पहले तक मात्र 5989 मामले सुलझाए गए थे। दूसरे नंबर पर हरियाणा है जहां 9919 केस सुलझाये गए। 2019 में 3123 केस सुलझाइए गए थे। महाराष्ट्र का महा रेरा अब तक सिर्फ 7883 केस ही निपटा सका है।

प्रोजेक्ट्स में महाराष्ट्र टॉप पर

रेरा में पंजीकृत होने वाले प्रोजेक्ट्स की संख्या में काफी इजाफा देखने को मिला है। जुलाई 2019 तक करीब 43208 प्रोजेक्ट पंजीकृत हुये थे। लेकिन अब तक इनकी संख्या 53364 हो चुकी है। यानी प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन में 24 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

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सबसे ज्यादा प्रोजेक्ट महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु में चल रहे हैं। कुल प्रोजेक्ट्स में इस सात राज्यों का शेयर 45278 यानी 85 फीसदी है। इन राज्यों में भी महाराष्ट्र टॉप पर है जहां 25604 प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन हुये हैं।

यूपी में धीमी रफ्तार

उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहाँ सबसे सबसे कम वार्षिक वृद्धि हुई है। यूपी में प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन की ग्रोथ मात्र 5 फीसदी है। जुलाई 2019 में यूपी में 2676 प्रोजेक्ट रजिस्टर हुये और अब इनकी संख्या करीब 2818 है। इससे संकेत मिलता है कि यूपी में डेवलपर्स का फोकस नए प्रोजेक्ट लांच करने की बजाए पुराने प्रोजेक्ट को पूरा करने पर रहा है। दूसरी ओर प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन में तेलंगाना सबसे तेज ग्रोथ करने वाला राज्य है। यहां जुलाई 2019 में 1064 प्रोजेक्ट पंजीकृत हुए।

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जबकि अब इनकी संख्या 1902 प्रोजेक्ट है। यानी 79 फीसदी की ग्रोथ हुई है। तमिलनाडु में अच्छी ग्रोथ देखने को मिली है। यहां जुलाई 2019 में 1067 प्रोजेक्ट रजिस्टर हुये थे जबकि अब इनकी संख्या 1635 है। इस तरह तमिलनाडु में 54 फीसदी की ग्रोथ रही। एजेंट रजिस्ट्रेशन की बात करें तो इसमें 20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। जुलाई 2019 के अंत तक 34182 एजेंट रजिस्टर हुये थे जो अब 41143 हो गए हैं।

बॉक्स

- प्रोजेक्ट्स और प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन के मामले में महाराष्ट्र सबसे आगे है। 4 जुलाई 2020 तक महाराष्ट्र में 25604 प्रोजेक्ट तथा 23999 एजेंट रजिस्टर्ड थे।

- गुजरात में 7210 प्रोजेक्ट और 1178 एजेंट रजिस्टर्ड हैं।

- कर्नाटक में 3446 प्रोजेक्ट और 1916 एजेंट रजिस्टर्ड हैं।

- उत्तर प्रदेश में 2818 प्रोजेक्ट और 3808 एजेंट जुलाई 2020 तक रजिस्टर्ड थे।

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- मध्य प्रदेश में कुल रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट हैं 2663 और एजेंट हैं 677।

- छ्त्तीसगढ़ में 1142, राजस्थान में 1243 तमिलनाडु में 1635 और तेलंगाना में 1902 प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड हैं।

- दिल्ली में जुलाई 2020 में 22 प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड हुये।

बॉक्स

कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न असाधारण स्थिति से कन्स्ट्रकशन गतिविधियां करीब करीब पूरी तरह ठप पड़ गई हैं। 23 राज्यों की रेरा ने प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए 6 महीने का समय और दिया है। इसकी बाद भी रेरा को स्थानीय स्थितियाँ देखते हुये तीन महीने की और छूट देने का अधिकार है। अभी जो हालात हैं उसके अनुसार लंबित प्रोजेक्ट पूरा होने में अभी काफी समय लग सकता है।



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