TRENDING TAGS :
व्यापमं घोटाले में बड़ा फैसला! 31 आरोपी दोषी करार, 25 को होगा सजा का ऐलान
अब इस संबंध में 25 नवंबर को फैसला सुनाया जाएगा, सीबीआई की ओर से 31 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी, सभी आरोपी जमानत पर थे जिन्हें फैसला आने के बाद सभी दोषियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
नई दिल्ली: 2013 में मध्यप्रदेश का बहुचर्चित व्यापमं पुलिस भर्ती मामले में हुए घोटाले में स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने सभी 31 आरोपियों को दोषी करार दिया है।
बता दें कि अब इस संबंध में 25 नवंबर को फैसला सुनाया जाएगा, सीबीआई की ओर से 31 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी, सभी आरोपी जमानत पर थे जिन्हें फैसला आने के बाद सभी दोषियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
यह भी पढ़ें. पाकिस्तान को आया चक्कर! सीमा पर तैनात हुए लाखों की संख्या में सैनिक
यह है पूरा मामला...
आपको बता दें कि व्यापमं में गड़बड़ी का बड़ा खुलासा सात जुलाई, 2013 को पहली बार पीएमटी परीक्षा के दौरान तब हुआ, जब एक गिरोह इंदौर की अपराध शाखा की गिरफ्त में आया।
यह गिरोह पीएमटी परीक्षा में फर्जी विद्यार्थियों को बैठाने का काम करता था, मुख्यमंत्री चौहान ने इस मामले को अगस्त 2013 में एसटीएफ को सौंप दिया।
यह भी पढ़ें- कांपा पाकिस्तान! अभी-अभी भारत को मिली बड़ी कामयाबी, आतंकियों में हायतौबा
गठित हुई एसआईटी...
हाई कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया और उसने हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज चंद्रेश भूषण की अध्यक्षता में अप्रैल 2014 में एसआईटी गठित की, जिसकी देखरेख में एसटीएफ जांच करता रही। नौ जुलाई, 2015 को मामला सीबीआई को सौंपने का फैसला हुआ और 15 जुलाई से सीबीआई ने जांच शुरू की।
यह भी पढ़ें. तो इमरान देंगे इस्तीफा! मौलाना का प्लान-B हुआ तैयार, पाक PM की टेंशन टाइट
सरकार के पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, उनके ओएसडी रहे ओपी शुक्ला, बीजेपी नेता सुधीर शर्मा, राज्यपाल के ओएसडी रहे धनंजय यादव, व्यापमं के नियंत्रक रहे पंकज त्रिवेदी, कंप्यूटर एनालिस्ट नितिन मोहिद्रा जेल जा चुके हैं।
इस मामले में दो हजार से अधिक लोग जेल जा चुके हैं, और चार सौ से अधिक अब भी फरार हैं. वहीं 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
पहले होती थीं मेडिकल परीक्षाएं...
पहले व्यापम का नाम व्यावसायिक परीक्षा मंडल था जिसे बाद में प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड कर दिया गया है। व्यापम की शुरुआत जनवरी, 1970 में हुई थी, इसे पहले प्री-मेडिकल टेस्ट बोर्ड के नाम से जाना जाता था।
उस दौरान इसका गठन मेडिकल परीक्षाओं के आयोजन करने के लिए किया गया था, 1981 में गठित प्री-इंजिनियरिंग बोर्ड को प्री-मेडिकल बोर्ड के साथ 1982 में मिला दिया गया।
दोनों को मिलाकर व्यावसायिक परीक्षा मंडल का गठन किया गया, यह बोर्ड और भी शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले के लिए परीक्षाएं आयोजित करता था।