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मजदूर के बेटे ने किया कमाल, UPSC में पाया 8वां स्थान, गरीबी में गुजारे कभी दिन

बेटे की सफलता पर उनके पिता ने कहा कि मुझे नहीं पता कि मेरा बेटा कहां तक और क्या पढ़ा है, लेकिन मुझे पता है कि वह एक मास्टर बन गया है।

Shreya
Published on: 8 Feb 2021 6:15 AM GMT
मजदूर के बेटे ने किया कमाल, UPSC में पाया 8वां स्थान, गरीबी में गुजारे कभी दिन
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मजदूर के बेटे ने किया कमाल, UPSC में पाया 8वां स्थान, गरीबी में गुजारे कभी दिन

सोलापुर: सफलता केवल मेहनत और सच्ची लग्न से हासिल होती है, ये बात साबित कर दिखाया है, शरण कांबले ने। जिसने यूपीएसी की परीक्षा में देशभर में आठवां स्थान हासिल किया है। शरण के पिता महाराष्ट्र के सोलापुर (Solapur) में खेत में मजदूरी कर परिवार का पेट पालते हैं। लेकिन बेटे की सफलता ने उनका सिर गर्व से ऊपर कर दिया है। यही नहीं पूरे गांव में खुशी की लहर है। रविवार रात को बारशी तहसील में गांवालों ने शरण को कंधे पर उठाकर जुलूस निकाला।

शरण ने बताया कैसे मिली सफलता

मजदूर के बेटे ने कामयाबी की नई इबारत लिखी है। अपनी सफलता के बारे में बताते हुए शरण ने कहा कि उनका घर आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहा है। उनके माता-पिता जैसे-तैसे घर चलाते थे। उन्होंने बताया कि उनके परिवार को कई रातें भूखे पेट भी काटनी पड़ी हैं। शरण का कहना है कि उनका बचपन से ही पढ़ाई में मन लगता था। ऐसे में उनके माता-पिता ने तय किया था कि उन्हें अच्छी शिक्षा दिलाएंगे।

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माता-पिता ने की खूब मेहनत

शरण को एक अच्छी पढ़ाई दी जा सके, इसलिए मां ने सब्जी बेचने का काम किया, जबकि पिता खेत में मजदूरी किया करते थे। शरण के बड़े भाई ने भी परिवार की मदद के लिए बीटेक किया और नौकरी हासिल की। जब आर्थिक स्थिति थोड़ी सही हुई तो उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए दिल्ली भेज दिया गया। आज श्रवण की मेहनत रंग लाई और उन्होंने ना केवल अपने माता-पिता बल्कि पूरे गांव को गर्व महसूस कराया है।

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पिता का क्या है कहना?

वहीं बेटे की सफलता पर उनके पिता ने कहा कि मुझे नहीं पता कि मेरा बेटा कहां तक और क्या पढ़ा है, लेकिन मुझे पता है कि वह एक मास्टर बन गया है। कांबले परिवार मानता है कि परिवर्तन के चमत्कार केवल शिक्षा के माध्यम से हो सकते हैं। बच्चों को कड़ी मेहनत के माध्यम से सिखाया जाता है।

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