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Maharashtra Politics: शरद-अजित की गुपचुप बैठक से सियासी हलचल तेज, मुंबई बैठक से पहले हो सकता है बड़ा धमाका

Maharashtra Politics: एक ओर एनसीपी के मुखिया शरद पवार एनडीए के खिलाफ विपक्षी दलों की एकजुटता के पैरोकार बने हुए हैं तो दूसरी ओर उनकी एनडीए में शामिल अजित पवार से बातचीत का दौर भी जारी है। शनिवार को भी दोनों नेताओं के बीच पुणे में एक बिजनेसमैन के घर पर गुपचुप मीटिंग हुई है।

Anshuman Tiwari
Published on: 13 Aug 2023 11:20 AM IST (Updated on: 13 Aug 2023 12:37 PM IST)
Maharashtra Politics: शरद-अजित की गुपचुप बैठक से सियासी हलचल तेज, मुंबई बैठक से पहले हो सकता है बड़ा धमाका
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Maharashtra Politics (Photo: Social Media)

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की सियासत में इन दिनों चल रहा खेल सियासी दिग्गजों को भी समझ में नहीं आ रहा है। एक ओर एनसीपी के मुखिया शरद पवार एनडीए के खिलाफ विपक्षी दलों की एकजुटता के पैरोकार बने हुए हैं तो दूसरी ओर उनकी एनडीए में शामिल अजित पवार से बातचीत का दौर भी जारी है। शनिवार को भी दोनों नेताओं के बीच पुणे में एक बिजनेसमैन के घर पर गुपचुप मीटिंग हुई है। शरद पवार की इन कोशिशों से एनसीपी में बगावत के बाद शरद पवार का साथ देने वाले विधायकों में भी बेचैनी दिख रही है।

एनसीपी में गत दो जुलाई को अजित पवार की अगुवाई में बगावत हुई थी। इस बगावत के बाद अजित पवार ने राज्य के डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी जबकि उनका साथ देने वाले आठ अन्य विधायकों को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी। बगावत की इस घटना के बाद एक बार दोनों गुटों ने शक्ति प्रदर्शन भी किया था मगर उसके बाद शरद पवार की अजित पवार और उनका साथ देने वाले अन्य नेताओं के साथ कई दौर की बातचीत हो चुकी है। विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया की जल्द ही मुंबई में दो दिवसीय बैठक होने वाली है और इस बैठक से पहले महाराष्ट्र में एक और बड़े सियासी खेल की संभावना जताई जाने लगी है।

शरद पवार की रणनीति से हर कोई हैरान

महाराष्ट्र की सियासत में शरद पवार की रणनीति सियासी दिग्गजों को भी हैरान कर रही है। अपनी पार्टी के नेताओं के लिए भी शरद पवार अबूझ पहेली बनते दिख रहे हैं। एनसीपी में बगावत के बाद अजित पवार गुट से उनकी बार-बार मुलाकात का राज एनसीपी के लोगों को भी समझ में नहीं आ रहा है। शनिवार को पुणे में एक बिजनेसमैन के बंगले पर दोनों नेताओं के बीच एक घंटे तक फिर सीक्रेट मीटिंग हुई है। बिजनेसमैन अतुल चोर्डिया के बंगले पर हुई इस बैठक को एनसीपी के दोनों गुटों को फिर एकजुट बनाने की कवायत के रूप में देखा जा रहा है।
हालांकि इस बैठक के बाद शरद पवार और अजित पवार दोनों नेताओं की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है। दोनों नेताओं की यह बैठक करीब एक घंटे से ज्यादा समय तक चली और बैठक के बाद दोनों नेता मीडिया से बात किए बगैर अलग-अलग रवाना हो गए। दोनों गुटों की ओर से अभी तक इस बैठक को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है।

अजित पवार के साथ कई दौर की बातचीत

मजे की बात यह है कि एनसीपी में पिछले महीने की दो तारीख को हुई बगावत के बाद दोनों नेताओं के बीच कई दौर की मुलाकात हो चुकी है। सबसे पहले अजित पवार एनसीपी के मुखिया शरद पवार की पत्नी का हाल-चाल लेने के लिए सपरिवार उनके ओल्ड लेक स्थित आवास पर पहुंचे थे। इसके बाद अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल समेत उनके गुट के अन्य नेताओं और मंत्रियों ने शरद पवार के साथ दो राउंड मीटिंग की थी।
इन बैठकों के बाद अजित पवार गुट ने शरद पवार को आदर्श नेता बताते हुए उनसे आशीर्वाद मांगा था। अजित पवार गुट की बगावत के बावजूद इस गुट के नेताओं अभी तक शरद पवार के खिलाफ सीधा हमला नहीं बोला है। समय समय पर अजित पवार गुट के सभी नेता शरद पवार के प्रति सम्मान और आदर का भाव दिखाते रहे हैं। इसे देखते हुए माना जा रहा है कि देर-सबेर दोनों गुटों के फिर एकजुट होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

जयंत पाटिल के भी पाला बदलने की चर्चाएं

अभी पिछले दिनों इस बात की सियासी अटकलें लगाई गई थीं कि जल्द ही एनसीपी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल भी शरद पवार को बड़ा झटका देते हुए अजित पवार के खेमे में शामिल हो सकते हैं। हालांकि पाटिल इस तरह की खबरों का खंडन कर रहे हैं मगर हाल के दिनों में उन्होंने अजित पवार और भाजपा के वरिष्ठ नेता और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के साथ कई बैठकें की हैं।
इन बैठकों के बाद जयंत पाटिल के जल्द ही पाला बदलने की चर्चाएं काफी तेज हैं। महाराष्ट्र की सियासत में जयंत पाटिल को शरद पवार का काफी करीबी माना जाता रहा है।

पार्टी में हुई इस बगावत के बाद शरद पवार गुट की ओर से जयंत पाटिल ने ही महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर को चिट्ठी लिखी थी। इस चिट्ठी में उन्होंने अजित पवार और आठ विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की थी। शरद पवार गुट की इस मांग पर अभी तक स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कोई फैसला नहीं लिया है।

अजित पवार से मुलाकात के बाद जयंत पाटिल का कहना था कि हम कई वर्षों से एक-दूसरे को जानते हैं और ऐसे में दोस्ताना बातचीत स्वाभाविक है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए कि मैं शरद पवार का साथ छोड़कर कहीं और जा रहा हूं।

दोनों खेमों के विधायकों में दिख रही बेचैनी

वैसे एनसीपी में हुई बगावत के बाद पार्टी के अधिकांश विधायक किसी भी खेमे के प्रति वफादारी दिखाने से बचते रहे हैं। इसी कारण विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान पार्टी के विधायकों ने कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया था। शरद पवार और अजीत पवार की बार-बार मुलाकातों से दोनों खेमों से जुड़े विधायकों में भी बेचैनी दिख रही है।

मजे की बात यह है कि विधानसभा सत्र के दौरान अजित पवार ने हल्के-फुल्के अंदाज में जयंत पाटिल को अपने साथ आने का संकेत भी किया था। उनका कहना था कि मैं और देवेंद्र फडणवीस जयंत पाटिल के साथ आने का इंतजार कर रहे हैं। वैसे अजित पवार और जयंत पाटिल को एनसीपी में एक-दूसरे के प्रतिस्पर्धी के रूप में देखा जाता था।

मुंबई बैठक से पहले नई सियासी खिचड़ी

एक और उल्लेखनीय बात है कि अजित पवार ने पिछले दिनों नई दिल्ली में हुई एनडीए की बैठक में हिस्सा लिया था जबकि शरद पवार विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक में हिस्सा लेने के लिए बेंगलुरु पहुंचे थे। बेंगलुरु बैठक के दौरान ही विपक्षी दलों के गठबंधन का नाम इंडिया रखा गया था। अब इंडिया की अगली बैठक 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में ही होने वाली है। विपक्षी दलों की इस बैठक से पहले महाराष्ट्र में नई सियासी खिचड़ी पकती दिख रही है।
सियासी दिग्गजों का भी मानना है कि महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार और शरद पवार की इस बैठक को देखते हुए महाराष्ट्र में बड़े सियासी खेल की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। शरद पवार ने हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ तिलक सम्मान समारोह में मंच साझा किया था और अजित पवार उन्हें समय पर भाजपा से हाथ मिलाने की सलाह देते रहे हैं। ऐसे में सभी की निगाहें शरद पवार के अगले सियासी कम पर टिकी हुई है।



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Anshuman Tiwari

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