बड़ी खबर: मेडिकल स्टोर्स तीन दिन की हड़ताल पर, नहीं मिलेगी कोई भी दवाई

बिहार में तीन दिन के लिए दवाई मिलना बंद हो जाएगा। ऐसे में जरुरी दवाइयां लेकर आज ही रख लें, ताकि आपके स्वास्थ्य पर कोई असर न पड़े।

Shivani Awasthi
Published on: 21 Jan 2020 11:36 AM GMT
बड़ी खबर: मेडिकल स्टोर्स तीन दिन की हड़ताल पर, नहीं मिलेगी कोई भी दवाई
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पटना: कड़कड़ाती ठंड से लोगों का बुरा हाल है। ठंड से बीमारों का आंकड़ा बढ़ गया है, वहीं कई लोगों की जान भी चली गयी। ऐसे में ये खबर मुश्किलें और बढ़ा देगी। दरअसल, बुधवार से तीन दिन के लिए दवाई मिलना बंद हो जाएगा। ऐसे में जरुरी दवाइयां लेकर आज ही रख लें, ताकि आपके स्वास्थ्य पर कोई असर न पड़े। दरअसल बिहार के मेडिकल स्टोर्स में तीन दिन की हड़ताल के चलते कल से बंद रहेंगे। ये हड़ताल 22 जनवरी से 24 जनवरी तक जारी रहेगी। ऐसे में लोगों को दवा से सम्बंधित परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

22 से 24 जनवरी होगी बिहार में हड़ताल-

बिहार की राजधानी पटना में सोमवार देर शाम बुलाई गयी बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन की बैठक में यह फैसला लिया गया कि दवा खाने स्ट्राइक पर जायेंगे। दरअसल, बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने सभी 52 हज़ार दवा दुकानदारों को इस शर्त पर दवा बेचने की अनुमति देने का फैसला किया गया था कि, उनकी दुकान में अनिवार्य रूप से एक फार्मासिस्ट हो, लेकिन दवा दुकानदारों ने सरकार की शर्त को खारिज कर दिया।

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उनका कहना है कि बिहार में अभी मात्र साढ़े सात हजार फार्मासिस्ट हैं। ऐसे में 52 हज़ार दुकानों के लिए फार्मासिस्ट की व्यवस्था कैसे हो पाएगी।

केवल सरकारी और नर्सिंग होम में मिलेंगी दवा-

बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष परसन कुमार ने बताया की 3 दिनों की हड़ताल में केवल सरकारी अस्पतालों और बड़े नर्सिंग होम में ही दवा की आपूर्ति की जाएगी। ऐसा बिहार ड्रग कंट्रोलर के विशेष अनुरोध पर किया गया है।

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एसोसिएशन के महासचिव अमरेंद्र कुमार ने बताया कि सरकार का फैसला तुगलकी फरमान है। जिसका पालन करना व्यवहारिक रूप से संभव नहीं है। एसोसिएसन ने कहा है कि, हज़ारों दवा दुकानें पुरानी है। जिनका लाइसेंस पहले ही जारी हो चुका है। ऐसे में सरकार जो कि नई दुकानों के लिए फार्मासिस्ट के माध्यम से दवा बिक्री अनिवार्य कर चुकी है, तो सभी दुकानों के लिए फार्मासिस्ट की बहाली की अनिवार्यता का फैसला सही नहीं है।

अनिश्चितकाल हड़ताल की धमकी-

वहीं एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार उनकी बात नहीं मानती है, तो मार्च में बिहार की सभी दवा दुकानों को अनिश्चितकाल के लिये बन्द कर दिया जाएगा। एसोसिएशन ने कहा है कि अनिश्चितकाल हड़ताल के 15 दिन पहले से ही दवा की खरीद बन्द कर दी जाएगी।

20 साल पहले भी हुई थी हड़ताल-

बिहार में 3 दिनों तक दवा दुकानों को बन्द रखने का यह फैसला बड़ा माना जा रहा है।गौरतलब है कि इसके पहले साल 2000 में दवा दुकानदारों ने टीओटी के मुद्दे पर 7 दिनों तक दवा दुकानों में हड़ताल कर दी थी। जिसे लेकर काफी हड़कंप मचा हुआ था।

Shivani Awasthi

Shivani Awasthi

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