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घर लौटने के लिए यह खतरनाक काम कर रहे प्रवासी, बच्चे और महिलाएं भी पीछे नहीं

काम-धंधा छिन जाने के बाद घर लौटने के लिए प्रवासी मजदूर जान की बाजी लगाने से भी बाज नहीं आ रहा है। सहारनपुर के नजदीक हरियाणा से यूपी में दाखिल होने के लिए प्रवासी मजदूर यमुना में छलांग लगाने का जोखिम भी उठा रहे हैं।

Dharmendra kumar
Published on: 21 May 2020 5:52 PM GMT
घर लौटने के लिए यह खतरनाक काम कर रहे प्रवासी, बच्चे और महिलाएं भी पीछे नहीं
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अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली: काम-धंधा छिन जाने के बाद घर लौटने के लिए प्रवासी मजदूर जान की बाजी लगाने से भी बाज नहीं आ रहा है। सहारनपुर के नजदीक हरियाणा से यूपी में दाखिल होने के लिए प्रवासी मजदूर यमुना में छलांग लगाने का जोखिम भी उठा रहे हैं। जानकारों के मुताबिक करीब तीन हजार प्रवासी मजदूर रोज रात के अंधेरे में यमुना में छलांग लगाते हैं। छलांग लगाने वालों में बच्चे और महिलाएं भी शामिल होती हैं। यमुना में डूबने का खतरा टालने के लिए ये लोग रबर ट्यूब का इस्तेमाल करते हैं।

हजारों लोग लगा रहे यमुना में छलांग

सहारनपुर के कमिश्नर संजय कुमार का करना है कि रोज रात में करीब तीन हजार लोग ऐसा काम करते हैं। लॉकडाउन के कारण कामधंधा छिन जाने के बाद घर पहुंचने की हड़बड़ी वे अपनी जान की बाजी लगाने से भी बाज नहीं आते हैं। कमिश्नर ने बताया कि यमुना में छलांग लगाकर प्रवासी मजदूर अपनी और अपने परिवार की जिंदगी खतरे में डालने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वे दो सौ से तीन सौ रुपए में पुराने ट्यूब खरीदते हैं और इसी के सहारे यमुना पार करने की कोशिश करते हैं। इन ट्यूबों में कोई दम नहीं होता और वे कभी भी फट सकती हैं। इसलिए हमेशा उन लोगों के नदी के बीच डूबने का खतरा बना रहता है।

प्रतीकात्मक तस्वीर

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सहारनपुर में मजदूरों की गतिविधियां ज्यादा

सहारनपुर हरियाणा और उत्तराखंड की सीमा पर स्थित है और इस कारण यहां पर प्रवासी मजदूरों की गतिविधियां काफी ज्यादा है। पंजाब और जम्मू कश्मीर से लौटने वाले प्रवासी मजदूर इसी रूट का इस्तेमाल करते हैं। हाल में पानीपत के एक बड़े समूह ने यमुना को तैरकर पार किया था। इस समूह में शामिल लोग पानीपत में थोक सब्जी बाजार में काम करते थे मगर लॉकडाउन के कारण उनका रोजगार खत्म हो गया। आर्थिक दिक्कतें खड़ी होने के बाद इन लोगों ने घर लौटने का फैसला किया और फिर जमुना को तैर कर पार किया।

पुलिस मजदूरों को रोकने में जुटी

मजदूरों को यमुना में छलांग लगाने से रोकने के लिए सहारनपुर पुलिस भी सक्रिय हो गई है। हाल में पुलिस ने ऐसे तीन लोगों को गिरफ्तार किया है जो पैसे लेकर मजदूरों को नदी पार कराने की कोशिश कर रहे थे।

प्रतीकात्मक तस्वीर

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सहारनपुर के एसएसपी दिनेश कुमार का कहना है कि हमने सिर्फ ऐसे प्रवासी मजदूरों को ही यूपी में प्रवेश की इजाजत दी है जिनकी हरियाणा सरकार स्क्रीनिंग कर चुकी है। हजारों प्रवासी मजदूर ऐसे हैं जिनकी अभी तक स्क्रीनिंग नहीं की गई है। ऐसे मजदूर जिनकी अभी तक की स्क्रीनिंग नहीं की गई है, वे अपनी जान की बाजी लगाकर घर लौटने को तैयार हैं।

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मजदूरों की जान पर खतरा

सहारनपुर के कमिश्नर का कहना है कि प्रवासी मजदूरों का इस तरह नदी पार करना ठीक नहीं है। हम इसे रोकने की कोशिश में लगे हुए हैं क्योंकि नदी की धारा चढ़ती-उतरती रहती है और इससे मजदूरों की जान पर खतरा है। उन्होंने कहा कि यहां रोज करीब 12000 से 15000 प्रवासी मजदूर आ रहे हैं। इनमें से 70 फ़ीसदी प्रवासी मजदूर ही तय प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं और बाकी अन्य प्रवासी मजदूर दूसरे तरीकों से दाखिल होने की कोशिश करते हैं।

Dharmendra kumar

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