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मोदी सरकार का किसानों के लिए बड़ा तोहफा, कैबिनेट में हुए ये फैसले
जूट उद्द्योग के लिए भी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने सभी अनाजों की 100 फीसदी पैकेजिंग में जूट की बोरियों का इस्तेमाल करना अनिवार्य कर दिया है।
नई दिल्ली: 15वें वित्त आयोग का कार्यकाल 12 महीने और बढ़ाने पर फैसला आज केंद्रीय कैबिनेट बैठक में किया गया। बैठक में लिए गये इस फैसले से वित्तीय घाटे का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी। जूट उद्द्योग के लिए भी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने सभी अनाजों की 100 फीसदी पैकेजिंग में जूट की बोरियों का इस्तेमाल करना अनिवार्य कर दिया है।
इस फैसले से पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, असम, आंध्र प्रदेश, मेघालय और त्रिपुरा में रहने वाले किसानों को मदद मिलेगी। हालांकि, ऑटो स्क्रैप पॉलिसी पर फैसला नहीं हो पाया है।
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आपको बता दें कि 15वें वित्त आयोग को अपनी रिपोर्ट 30 नवंबर तक सौंपनी थी। इससे पहले भी सरकार ने इसकी डेडलाइन को बढ़ा दिया था। आयोग को इस साल 30 अक्टूबर तक अपनी रिपोर्ट देनी थी।
आईये कैबिनेट के फैसलों पर डालते हैं एक नज़र-
सरकार ने सभी अनाजों की 100 फीसदी पैकेजिंग में जूट की बोरियों का इस्तेमाल अनिवार्य कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में यह निर्णय किया गया। सीसीईए ने 100 प्रतिशत अनाज और 20 प्रतिशत चीनी की पैकिंग अनिवार्य रूप से जूट की अलग-अलग बोरियों में करने की मंजूरी दी है।
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क्या होगा असर- जूट उद्द्योग को बढ़ावा
- इस फैसले से जूट उद्द्योग को बढ़ावा मिलेगा। कच्चे जूट की गुणवत्ता एवं उत्पादकता बढ़ेगी, जूट क्षेत्र का विविधीकरण होगा और इसके साथ ही जूट प्रोडक्ट की डिमांड बढ़ेगी। सरकार की ओर से उठाया गया है यह कदम अत्यंत महत्वपूर्ण है। जूट से जुड़े बिजनेस में करीब 3.7 लाख लोग काम करते है। इसके अलावा लाखों किसान परिवार अपनी आजीविका के लिए जूट क्षेत्रों पर ही निर्भर हैं। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए सरकार निरंतर ठोस प्रयास करती रही है।
जूट उद्योग मुख्य रूप से सरकारी क्षेत्र पर ही निर्भर है, जो खाद्यान्न की पैकिंग के लिए हर साल 6500 करोड़ रुपये से भी अधिक कीमत की जूट बोरियां खरीदता है। ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि जूट उद्योग के लिए मुख्य मांग निरंतर बनी रही और इसके साथ ही इस क्षेत्र पर निर्भर कामगारों एवं किसानों की आजीविका में आवश्यक सहयोग देना संभव हो सके।
- कैबिनेट ने त्रिपुरा एयरपोर्ट के लिए सेरीमोनियल लाउंज की जमीन के अलॉटमेंट को मंजूरी दे दी है।
- कैबिनेट ने सिक्किम माइनिंग कॉर्पोरेशन के बकाया 4 करोड़ से अधिक के कर्ज़ और ब्याज के पुनर्भुगतान की छूट की मंजूरी दी।
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क्या होता है वित्त आयोग-
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 280 (1) के तहत वित्त आयोग का गठन राष्ट्रपति के द्वारा किया जाता है। इसमें एक अध्यक्ष और चार सदस्य होते है। ये आयोग राष्ट्रपति को सिफारिश करता है कि संघ एवं राज्यों के बीच टैक्स के जरिए होने वाली आमदनी को कैसे केंद्र और राज्य सरकार के बीच बांटा जाए।
15वें वित्त आयोग के गठन के बाद 27 नवंबर, 2017 को एन.के. सिंह को उसका अध्यक्ष नियुक्त किया गया। सिंह भारत सरकार के पूर्व सचिव एवं वर्ष 2008-2014 तक बिहार से राज्य सभा के सदस्य भी रह चुके हैं।