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थम जाएंगी साँसे! हवा में था प्लेन तभी पायलट को पड़ा दिल का दौरा, फिर हुआ ये...
ये घटना रुस की है, जहां पर एक यात्री विमान को आपातकालीन स्थिति में लैंड कराना पड़ा। दरअसल, विमान के पायलट को अचानक दिल का दौरा पड़ने पर, विमान की आपातकालीन लैंडिंग करानी पड़ी।
हवाई यात्रा के दौरान कई बार ऐसी स्थितियां सामने आ जाती हैं, जिसमें विमान की आपातकालीन लैंडिंग करानी पड़ती है। अक्सर ये देखा गया है कि, हवाई यात्रा के दौरान कुछ बाधा सामने आने पर (जैसे- विमान में गड़बड़ी आना, किसी की आचानक तबीयत अत्यधिक खराब हो जाना, विमान के साथ किसी हादसे का हो जाना) विमान को तत्काल लैंड कराना पड़ता है।
इस बार भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है। ये घटना रुस की है, जहां पर एक यात्री विमान को आपातकालीन स्थिति में लैंड कराना पड़ा। दरअसल, विमान के पायलट को अचानक दिल का दौरा पड़ने पर, विमान की आपातकालीन लैंडिंग करानी पड़ी। हालांकि, बाद में डॉक्टरों ने पायलट को मृत घोषित कर दिया गया।
ये स्थिति किसी के साथ भी हो सकती है, लेकिन ऐसी स्थिति में अगर कुछ सावधानियां बरती जाएं तो आप बच सकते हैं। तो चलिए हम आपको बताते हैं कि अगर दिल का दौरा पड़ता है तो आपको उस वक्त क्या करना चाहिए।
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ये हैं लक्षण-
शुरूआत में उल्टी आना
सांस लेने में दिक्कत
सीने में तेज दर्द
अशांत मन और बेचैनी
तनाव और घबराहट
चक्कर आना
कमजोरी महसूस होना
हाथों और उंगलियों में दर्द होना
कंधें, गर्दन और पीठ में दर्द
अधिक पसीने का आना
हालांकि डायबिटीज (मधुमेह) के मरीजों में कभी-कभी यह लक्षण नजर नहीं आते हैं। डायबिटीज के मरीजों में बिना किसी लक्षण के या दर्द के ही Silent Heart Attack पड़ता है।
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बचने के लिए करें ये उपाय-
हार्ट अटैक (दिल का दौरा) पड़ने पर सबसे पहले मरीज के चुस्त कपड़ो को खोल दें और उन्हें समतल स्थान पर लिटा दें। इस दौरान मरीज के सिर को नीचे की तरफ और पैर को थोड़ा ऊपर की तरफ कर दें। ऐसा करने से पैरों के ब्लड की सप्लाई हार्ट की ओर होगी।
अगर मरीज को उल्टी आ रही हो तो उसका मुंह एक तरफ मोड़कर खोल दें ताकि मरीज का दम न घुटे।
मरीज की नब्ज और सांस को चेक करें। अगर मरीज की नब्ज नहीं चल रही है हॉस्पिटल पहुंचने तक सी.पी.आर. करें। सी.पी.आर. करने के लिए मरीज को कमर के बल लिटा दें, फिर अपनी हथेलियो को मरीज के सीने के बीच में रखकर हाथ को नीचे की ओर दबाएं। ऐसा प्रति मिनट कम से कम 100 बार करें।
अक्सर हार्ट अटैक पड़ने पर मरीज को सांस लेने में मुश्किल होती है। ऐसी स्थिति में आप मरीज की नाक को उंगलियों से दबाकर अपने मुंह से उन्हें धीरे-धीरे सांस दें। ऐसा 2-3 मिनट तक करने पर मरीज के फेफड़ों में हवा भर जाएगी और नाक को दबाए रखने से मुंह से दी जा रही सांस सीधे मरीज के तक पहुंच जाएगी।
अगर ऐसी स्थिति में आपके घर में ऐस्पिरिन है तो मरीज को उसे चबाने के लिए दें। इसके अलावा उन्हें गहरी और लंबी-लंबी सांस लेते रहने के लिए बोलें, ताकि उनके फेफड़ों में ऑक्सीजन की कमी न हो।
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