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ऐतिहासिक 2019: मोदी सरकार के इन बड़े फैसलों ने मचा दिया बवाल

केद्र की मोदी सरकार (Modi Government) ने सत्ता में आते ही बेहद बड़े और ऐतिहासिक फैसले किये, जिनका प्रभाव केवल देश की जनता पर ही नहीं, बल्कि विदेशों व पड़ोसी देशों पर भी पड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के कामों को याद करें तो साल 2019 का जिक्र आना तय है।

Shivani Awasthi
Published on: 31 Dec 2019 1:54 PM IST
ऐतिहासिक 2019: मोदी सरकार के इन बड़े फैसलों ने मचा दिया बवाल
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दिल्ली: केद्र की मोदी सरकार (Modi Government) ने सत्ता में आते ही बेहद बड़े और ऐतिहासिक फैसले किये, जिनका प्रभाव केवल देश की जनता पर ही नहीं, बल्कि विदेशों व पड़ोसी देशों पर भी पड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के कामों को याद करें तो साल 2019 का जिक्र आना तय है। इस साल मोदी सरकार ने कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने से लेकर मुस्लिम महिलाओं के लिए तीन तलाक, सामान्य वर्ग के लिए आरक्षण, नागरिकता कानून अधिनियम और बैकों के विलय तक कई अहम मुद्दों पर बड़े फैसले किये।

बालाकोर्ट एयर स्ट्राइक:

पीएम मोदी की सरकार ने साल 2019 की शुरुआत ही धुंआधार तरीके से की। पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 शहीद जवानों की शहादत का बदला लेने के किये मोदी सरकार का सबसे बड़ा और अहम कदम रहा, आतंकियों के खिलाफ भारतीय सेना का 'बालाकोर्ट एयर स्ट्राइक'।

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26 फरवरी 2019 को भारतीय एयरफोर्स ने एलओसी के पार जाकर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंप पर बम गिराये। इस पूरे ऑपरेशन के दौरान पीएम मोदी लगातार जुड़े हुए थे। सरकार ने दावा किया कि इस गोपनीय ऑपरेशन में आतंकियों के कई ठिकानों को सेना ने तबाह कर दिया।

तीन तलाक का खात्मा:

केंद्र सरकार ने मुस्लिम महिलाओं को समाज में समान और प्रबल स्थिति देने के लिए तीन तलाक को खत्म करने वाला कानून बना दिया। सरकार ने तीन तलाक से जुड़े विधेयक को लोकसभा में 25 जुलाई और राज्यसभा से 30 जुलाई को पारित करवाया, जिसके बाद एक अगस्त 2019 को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर करते ही तीन तलाक बिल ने कानून का रूप ले लिया।

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इस कानून के अंतर्गत, भारत में तीन तलाक गैर कानूनी हो गया। दोषी पाए जाने वाले के लिए तीन साल की सजा का प्रावधान के साथ पीड़ित महिला को गुजारा भत्ता देने का भी प्रावधान किया गया।

कश्मीर से हटाया अनुच्छेद 370 :

जम्मू कश्मीर भारत का हिस्सा होते हुए भी आजाद भारत के बाद से ही कहीं न कहीं देश से अलग थलग था। इसकी वजह आर्टिकल 370 से कश्मीर को मिला विशेष अधिकार था। मोदी सरकार ने कश्मीर से विशेष अधिकार का दर्जा खत्म कर दिया। जिसके बाद जम्मू कश्मीर में भी भारतीय संविधान पूर्ण रूप से लागू हो गया।

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5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए जम्मू कश्मीर से विशेष आर्टिकल 370 खत्म कर दिया। साथ ही आर्टिकल 35ए को भी खत्म कर दिया। इतना ही नहीं मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विभाजित करते हुए जम्मू-कश्मीर और लद्दाख नाम से दो नए केंद्रशासित प्रदेश बनाया।

सड़क सुरक्षा को लेकर मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन :

एक सितम्बर से मोदी सरकार ने पूरे देश में मोटर व्हीकल संशोधन एक्ट लागू कर दिया। इस कानून के तहत ट्रैफिक नियमों को तोड़ने पर दस गुना ज्यादा चालान काटने का प्रावधान किया गया। सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के मकसद से काफी कठोर प्रावधान बनाये गये। इसमें बिना लाइसेंस, गलत ढंग से वाहन चलाने, नशे में वाहन चलाने, तेज गति और अन्य कई मानकों को तोड़ने पर कठोर दंड की व्यवस्था की गयी।

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अर्थ व्यवस्था के सुधार के लिए दस बैकों का विलय:

केंद्र सरकार ने आर्थिक सुधार की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुये 30 अगस्त को देश के दस बैकों के आपस में विलय का ऐलान किया। इस फैसले के बाद यूनाइटेड बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और पंजाब नेशनल बैंक का विलय किया गया। वहीं केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक का भी आपस में विलय किया गया। यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक को भी विलय हो गया। इंडिय़न बैंक और इलाहाबाद बैंक का आपस में विलय हुआ। इस बड़े फैसले के बाद अब भारत में सरकारी बैंको की संख्या 12 रह गयी।

सामान्य वर्ग आरक्षण

भारत में आरक्षण एक बड़ा और अहम मुद्दा है। मोदी सरकार ने आरक्षण का मुद्दा तो उठाया पर ये पहली बार था कि आरक्षण सामान्य वर्ग को लाभ देने के लिए बना। सरकार ने फैसला किया कि सामान्य वर्ग को आर्थिक स्थिति के आधार पर सरकारी नौकरियों और शिक्षा में दस फीसदी का आरक्षण दिया जाएगा। पीएम मोदी के इस संविधान संशोधन विधेयक का आम जन ने स्वागत किया।

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नागरिकता संशोधन कानून

साल के अंत में मोदी सरकार ने शरणार्थियों और भारत में बसे घुसपैथियों के खिलाफ नागरिकता कानून में संशोधन कर बढ़ा कानून बनाया। 12 दिसंबर को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद नागरिकता संशोधन विधेयक भारत में लागू हो गया। इसके तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश में बसे छः समुदाय जिसमें हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी लोगों को भारत की नाग्रिटका आसानी से मिल सकेगी। हालाँकि मुस्लिमों के इसमें शामिल न किये जाने को लेकर देशभर में विरोध किया जा रहा है।

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Shivani Awasthi

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