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ऐसा है मोदी का महापैकेज: इस वर्ग को मिलेगा लाभ, बस शाम 4 बजे का इंतजार
वैश्विक महामारी की मार झेल रहे देश की बेजान पड़ी अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देशवासियों को संबोधित करते हुए आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है।
नई दिल्ली। वैश्विक महामारी की मार झेल रहे देश की बेजान पड़ी अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देशवासियों को संबोधित करते हुए आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है। मोदी सरकार के इस 20 लाख करोड़ के पैकेज में गरीबों, कारोबारियों और देश के लोकलों को राहत दी जाएगी। इस ऐलान के विस्तार से जानकारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देंगी।
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ये होगा मोदी के महापैकेज में
इस दौरान एमएसएमई सेक्टर यानी छोटे कारोबारी सरकार से कई उम्मीदें लगाए बैठे हैं, इनकी कई तरह की मांग हैं जिसे वो सरकार से पूरा करवाना चाहते हैं। चलिए जानते है क्या है इस वर्ग की सरकार से मांगे, जिसकी उम्मीद में ये बैठे हैं।
1. सूक्ष्म एवं लघु उघोग सेक्टर में रजिस्टर सभी कंपनियों को अतिरिक्त 20 प्रतिशत लोन की सुविधा मिले।
2. जिन कंपनियों ने बीते 3 साल में सही से टैक्स रिटर्न भरा है, उन्हें इस मामले में प्राथमिकता मिले। जिससे हकदार का फायदा हो सके।
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3. तो अब इन सब को एक साथ जोड़कर एक लाख करोड़ रुपये का बजट होता है, इसके अतिरिक्त एक लाख करोड़ की मांग की गई है जिससे वर्किंग कैपेसिटी के लिए अतिरिक्त लोन मिल सके।
5. रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार, कई बैंकों ने अभी तक एमएसएमई की कई इंडस्ट्री को 15 लाख करोड़ रुपये का लोन दिया है।
6. ऐसे में अगर 20 प्रतिशत अतिरिक्त लोन को मंजूरी मिलती है, तो एमएसएमई सेक्टर पर कुल दबाव 3 लाख करोड़ का हो सकता है।
7. इसके अलावा अप्रैल, मई और जून तक की सैलरी को महीने के अनुसार देने का प्रस्ताव। उसमें कोई बदलाव न हो।
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सैलरी को लेकर बड़ी आस
8. संकट की इस घड़ी में मौजूदा लोन को एक साल तक के लिए स्थगित कर दिया जाए।
9. एमएसएमई सेक्टर में बकाया देने के लिए 45 दिन का समय है, इसे दो भागों में बांट दिया जाए।
10. इसके साथ ही जिनकी सैलरी 15 हजार से कम है, केंद्र की ओर से उन्हें 15 हजार दिए हैं। ईपीएफओ खाते में 30,000 डाले जाएं।
11. केंद्र सरकार की तरफ से कंपनियों की मदद दी जाए, इसमें लोन का कुछ हिस्सा सरकार भरे। उनकी आर्थिक सहायता मिल सकें।
12. वहीं इन्हीं कंपनियों के लिए सरकार बैंक लोन को दोबारा तैयार करवाए। जिससे कर्मचारियों को ये कंपनियां राहत दे सकें।
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