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कमलनाथ की टिप्पणी से बैकफुट पर कांग्रेस, BJP को सियासी बढ़त मिलने की उम्मीद

कमलनाथ की ओर से इमरती देवी पर की गई इस टिप्पणी को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अनुचित बताया है। इस टिप्पणी के बाद कमलनाथ बुरी तरह घिर चुके हैं।

Shivani
Published on: 21 Oct 2020 9:14 AM IST
कमलनाथ की टिप्पणी से बैकफुट पर कांग्रेस, BJP को सियासी बढ़त मिलने की उम्मीद
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अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली। मध्यप्रदेश में विधानसभा की 28 सीटों पर हो रहे उपचुनाव के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की एक टिप्पणी कांग्रेस पर भारी पड़ती दिख रही है। एक चुनावी सभा के दौरान कमलनाथ द्वारा शिवराज सरकार की मंत्री और विधानसभा उपचुनाव में प्रत्याशी इमरती देवी पर अमर्यादित टिप्पणी को भाजपा ने बड़ा मुद्दा बना लिया है और इसे लेकर पार्टी जबर्दस्त ढंग से हमलावर है।

पार्टी इसे महिलाओं और अनुसूचित जाति के खिलाफ की गई टिप्पणी बताने में कामयाब रही है। यही कारण है कि कांग्रेस और कमलनाथ अब रक्षात्मक मुद्रा में दिख रहे हैं और उपचुनाव में भाजपा को इसका लाभ मिलता दिख रहा है।

कमलनाथ पर कसा कानूनी शिकंजा

कमलनाथ की ओर से इमरती देवी पर की गई इस टिप्पणी को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अनुचित बताया है। इस टिप्पणी के बाद कमलनाथ बुरी तरह घिर चुके हैं। पार्टी नेतृत्व की ओर से नाराजगी जताए जाने के अलावा कमलनाथ पर कानूनी शिकंजा भी कसता नजर आ रहा है।

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राष्ट्रीय महिला आयोग ने उनके बयान की निंदा करते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगा है जबकि अनुसूचित जाति राष्ट्रीय आयोग ने भी डीजीपी से रिपोर्ट तलब कर ली है। आयोग ने मध्य प्रदेश के डीजीपी और मुख्य सचिव को नोटिस जारी करते हुए निर्देश दिया है कि 15 दिनों के भीतर एक्शन टेकन रिपोर्ट जमा कराई जाए।

कमलनाथ की टिप्पणी से भाजपा को मिला मौका

भाजपा एक चुनावी सभा के दौरान कमलनाथ की इस टिप्पणी का फायदा उठाने में पूरे जी-जान से जुट गई है। भाजपा ने इस टिप्पणी को बड़ा मुद्दा बना दिया है और कांग्रेस को महिला और अनुसूचित जाति का विरोधी बताते हुए बड़ा हमला किया है।

2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा एससी वर्ग का समर्थन पाने में नाकाम रही थी मगर कमलनाथ की टिप्पणी ने पार्टी को इस वर्ग में खोया हुआ जनाधार पाने का एक बड़ा मौका मुहैया करा दिया है।



सियासी जानकारों का कहना है कि इमरती देवी प्रकरण के बहाने भाजपा उपचुनाव में अनुसूचित जाति के वोट बैंक को एक बार फिर पाने में कामयाब हो सकती है।

11 सीटों पर पड़ सकता है सीधा असर

एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि मध्यप्रदेश में जिन 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं उनमें से 9 सीटें अनुसूचित जाति और 2 सीटें अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है। इस तरह इमरती देवी प्रकरण का असर इन 11 विधानसभा सीटों पर पड़ना तय माना जा रहा है।

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इसका एक बड़ा कारण यह बताया जा रहा है कि इमरती देवी खुद अनुसूचित जाति वर्ग से जुड़ी हुई हैं। इस प्रकरण के बाद उन्होंने खुद भी कमलनाथ पर सीधा हमला बोला है। मंच पर रो-रोकर कही गई उनकी बातों का भी असर पड़ना तय माना जा रहा है।

ग्वालियर और चंबल अंचल में पिछले दो दिनों के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पार्टी के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इसे लेकर कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला है।

राहुल गांधी ने टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया

सियासी जानकारों का कहना है कि कमलनाथ के बयान के बाद भाजपा के जबर्दस्त हमले के कारण कांग्रेस बैकफुट पर दिख रही है और लगातार सफाई देने में जुटी हुई है। भाजपा की ओर से कमलनाथ के साथ ही कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व पर भी जोरदार हमला किया गया है।

माना जा रहा है कि इसी कारण कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी कमलनाथ की टिप्पणी को अनुचित बताते हुए कहा है कि पार्टी ऐसी टिप्पणियों का समर्थन नहीं करती। उन्होंने कमलनाथ की टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।

kamlnath-rahul gandhi

कमलनाथ माफी मांगने को तैयार नहीं

राज्य कांग्रेस के नेता इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। हालांकि कमलनाथ की ओर से कहा गया है कि उनकी टिप्पणी यदि किसी को अमर्यादित लगी हो तो उन्हें इसके लिए खेद है। हालांकि उन्होंने राहुल गांधी के बयान को उनकी निजी राय बताते हुए माफी मांगने से इनकार कर दिया।

भाजपा ने मुद्दे को भुनाकर बनाई बढ़त

राज्य की 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव काफी महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं क्योंकि इन सीटों के नतीजे राज्य की सत्ता के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होंगे। यही कारण है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों ने इन उपचुनाव को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है।

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हालांकि भाजपा इस मामले में कांग्रेस पर बढ़त बनाती दिख रही है। राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस मुद्दे पर अड़े हुए हैं और उनका कहना है कि कमलनाथ को इमरती देवी से माफी मांगनी चाहिए। उनका कहना है कि गरीब और अनुसूचित जाति की बेटी पर की गई अपमानजनक टिप्पणी को कभी स्वीकार नहीं किया जा सकता।

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