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PM मोदी के बचपन की ये अद्भुत कहानियां आपको कर देंगी हैरान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज यानी मंगलवार को अपना 69वां जन्मदिन मना रहे हैं। पीएम मोदी को देश भर से शुभकामनाएं मिल रही हैं। इस मौके पर हम आपको उनके बचपन से लेकर इस उम्र तक उनकी जिंदगी की कई रोटक कहानियां बताते हैं, लेकिन इन किस्सों में सबसे खास हैं उनके बचपन की कहानी।

Dharmendra kumar
Published on: 8 May 2023 8:50 AM GMT
PM मोदी के बचपन की ये अद्भुत कहानियां आपको कर देंगी हैरान
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज यानी मंगलवार को अपना 69वां जन्मदिन मना रहे हैं। पीएम मोदी को देश भर से शुभकामनाएं मिल रही हैं। इस मौके पर हम आपको उनके बचपन से लेकर इस उम्र तक उनकी जिंदगी की कई रोटक कहानियां बताते हैं, लेकिन इन किस्सों में सबसे खास हैं उनके बचपन की कहानी।

बेचते थे चाय

17 सितंबर 1950 को गुजरात के वडनगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्म हुआ था। पीएम मोदी पांच भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर थे। उनके पिता वडनगर रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने का काम करते थे। नरेंद्र मोदी अपने पिता के काम में हाथ बंटाते थे। मोदी स्कूल से पढ़ाई खत्म कर स्टेशन पर चाय बेचते थे। ट्रेन आती तो उसमें घुसकर भीतर भी चाय बेचा करते थे।

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इसलिए खंभे पर चढ़ गए

पीएम मोदी के बार में कहा जाता है कि वो स्कूली दिनों में एक एनसीसी कैंप में गए थे। वहां अचानक उन्होंने एक खंभे पर पंछी को फंसा हुआ देखा, लेकिन कैंप में निकलने की मनाही थी। वो पक्षी को बचाने के लिए बिना सोचे समझे खंभे ऊपर चढ़ गए। उनके टीचर गोवर्धनभाई पटेल को देखा मोदी खंभे पर चढ़ हैं तो वो नाराज हो गए। फिर, जब उनकी नजर इस बात पर पड़ी कि एक फंसे हुए पक्षी को निकालने के लिए नरेंद्र खंभे पर चढ़े हैं तो उनका गुस्सा शांत हुआ।

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चारदीवारी की कहानी

नरेंद्र मोदी का उनकी हाईस्कूल की पढ़ाई के दौरान का किस्सा काफी प्रसिद्ध है। स्कूल का रजत जयंती वर्ष आने वाला था और स्कूल में चारदीवारी नहीं थी। स्कूल के पास इतना पैसा भी नहीं था कि चारदीवारी बनवाई जा सके। प्रधानमंत्री मोदी ने मन में ठान लिया कि वो स्कूल की बाउंड्री बनवाएंगे। इसके लिए उन्होंने नाटक तैयार किया और फिर अपने साथियों के साथ मिलकर नाटक का मंचन किया। नाटक से जो धनराशि जमा हुई, वो स्कूल को चारदीवारी बनवाने के लिए दे दी।

ऐसे करते थे जूते पाॅलिश

प्रधानमंत्री मोदी को उनके मामा ने एक बार सफेद कैनवस के जूते खरीद कर दिए। घर में नये जूते खरीदने के पैसे नहीं थे। जब नये जूते मिल गए तो उन्हें साफ रखने की जद्दोजेहद शुरू हो गई। उनके पास पॉलिश खरीदने के पैसे नहीं थे। ऐसे में उन्होंने एक अलग तरीका निकाला और स्कूल में बची हुई चाक लेकर घर आने लगे। इसी चाक को पानी में भिगोकर वो पॉलिश बना लेते और वही लेप जूतों पर लगा देते।

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मगरमच्छ के बच्चे को पकड़ लिया

मोदी के बचपन को लेकर छपी बाल नरेंद्र के मुताबिक वो अपने बचपन के दोस्त के साथ शर्मिष्ठा सरोवर गए थे। यहां से वो एक मगरमच्छ के बच्चे को पकड़ लाए। उनकी मां हीरा बा ने जब देखा तो बहुत गुस्सा हुईं और उनसे कहा कि इसे वापस छोड़कर आओ। बच्चे को कोई मां से अलग करता है तो दोनों को ही परेशानी होती है। मां की बात सुनकर वो बच्चे को वापस छोड़ आए।

Dharmendra kumar

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