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भ्रष्टाचार पर बड़ा वार करने की तैयारी में मोदी सरकार, अब नहीं बचेंगे ये अधिकारी

केंद्र की मोदी सरकार ने भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ मुहिम छेड़ दी है। प्रधानमंत्री कार्यालय(पीएमओ) ने केंद्र सरकार के सभी विभागों से खर्चीले और भ्रष्ट अधिकारियों की सूची मांगी है। सरकार का मकसद है कि व्यवस्था को साफ-सुथरा बनाए जाए।

Dharmendra kumar
Published on: 12 Nov 2019 4:52 PM IST
भ्रष्टाचार पर बड़ा वार करने की तैयारी में मोदी सरकार, अब नहीं बचेंगे ये अधिकारी
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नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ मुहिम छेड़ दी है। प्रधानमंत्री कार्यालय(पीएमओ) ने केंद्र सरकार के सभी विभागों से खर्चीले और भ्रष्ट अधिकारियों की सूची मांगी है। सरकार का मकसद है कि व्यवस्था को साफ-सुथरा बनाए जाए।

सरकार ने हाल के दिनों में इनकम टैक्स विभाग से लेकर तमाम दूसरे विभागों के भ्रष्ट और संदिग्ध चरित्र वाले अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया गया है, हालांकि सरकार ने यह देखा है कि सख्त कार्रवाई के बावजूद भ्रष्टाचार को लेकर शिकायतें बढ रही हैं।

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पीएमओ ने यह भी पाया है कि पहले जिन अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें थीं, उनके खिलाफ न सिर्फ शिकायतों में वृद्धि हुई है, बल्कि उनका रैंक भी बढ़ता गया है।

इस हालात को देखकर सरकार परेशान है, क्योंकि सरकार ने नौकरशाही में भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है, लेकिन हालात में ज्यादा बदलाव नहीं दिख रहा है। इसके बाद अब सरकार ने जीरो टालरेंस की नीति अपना ली है।

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सरकार की तरफ से 1007 अधिकारियों की जांच की जा रही है। इसके लिए कई तरीके अपनाए जा रहे हैं। इन अधिकारियों की संपत्तियों में अचानक बेतहाशा बढ़ोत्तरी, उनके बड़े-बडे़ खर्चो इत्यादि की जांच पड़ताल हो रही है।

सभी विभागों के सतर्कता इकाइयों को सक्रिय किया गया है। 21 आइएएस और समूह 'क' के नौ अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच की जा रही है। इसके अलावा समूह 'ख' और 'ग' के 1,815 अधिकारियों के खिलाफ जांच तेज हो गई है।

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रेल मंत्रालय, कोयला मंत्रालय, उड्डयन मंत्रालय और जहाजरानी मंत्रालय के कई अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति के एफआर 56 (जे) नियम के तहत बाहर का रास्ता दिखाने के लिए जांच चल रही है। इस नियम के मुताबिक सरकार को 30 की नौकरी या 50 साल की आयु पूरी करने के वाले भ्रष्ट अधिकारियों को जबरन रिटायर करने का अधिकार है।

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हाल ही में 37 भ्रष्ट अधिकारियों को हटाने की सिफारिश करने वाले केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) की जांच समिति की इस महीने के तीसरे हफ्ते में इस तरह के और अधिकारियों के नाम तय करने के लिए बैठक होने वाली है। 600 से ज्यादा केंद्रीय स्वायत्त निकायों को भी इस तरह की समीक्षा करने के सख्त निर्देश जारी किए गए हैं।

इसमें यह भी कहा गया है कि इन स्वायत्त निकायों द्वारा की गई कार्रवाइयों की प्रत्येक मंत्रालय और विभाग द्वारा समीक्षा की जाएगी, जिसके तहत वो निकाय आते हैं, ताकि समयबद्ध तरीके से आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।



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Dharmendra kumar

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