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नवरात्री स्पेशल: इस बार आदिशक्ति की ये होगी सवारी, जानें कैसा होगा प्रभाव

देवीभाग्वत पुराण में इस बात का जिक्र किया गया है की देवी मां के आगमन का अलग-अलग वाहन है। माना जाता है कि अगर नवरात्रि की शुरुआत सोमवार या रविवार को हो रही है तो इसका मतलब है कि वो हाथी पर आएंगी।

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Published on: 14 Oct 2020 6:34 PM IST
नवरात्री स्पेशल: इस बार आदिशक्ति की ये होगी सवारी, जानें कैसा होगा प्रभाव
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नवरात्री स्पेशल: इस बार आदिशक्ति की ये होगी सवारी, जानें कैसा होगा प्रभाव

लखनऊ: हिंदू धर्म में नवरात्री का ख़ास महत्व होता है। शारदीय नवरात्र मां नवदुर्गा की उपासना का पर्व है। यह हर साल पावन पर्व श्राद्ध के खत्म होते ही शुरू हो जाता है। इस बार नवरात्र 17 अक्टूबर दिन शनिवार से प्रारंभ हो रहे हैं और 25 अक्टूबर तक चलेंगे। गौर करने वाली बात यह है कि इस साल कोरोना की वजह से आने वाले त्योहारों पर असर देखने को मिलेगा।

प्रशासन द्वारा जारी गाईडलाईन की बात करें तो इस बार दशहरे का त्यौहार थोड़ा फीका पड़ सकता है। शारदीय नवरात्र भगवती दुर्गाजी की आराधना का श्रेष्ठ समय होता है। नौ दिनों की नवरात्री को मनाने के पीछे कई पौराणिक कथाएं और इसकी मान्यताएं हैं। नवरात्रों में मां दुर्गा के आने और जाने में उनकी सवारियों का ख़ास महत्त्व होता है। इसका प्रभाव हमारे जीवन पर सीधा देखने को मिलता है। बता दें कि इस बार माता की सवारी घोड़ा होगा।

यहां हम आपको नवरात्री से सम्बंधित कथाओं और माता की सवारी के बारे में बताते हैं-

मां दुर्गा ने महिषासुर का किया था वध

पहली पौराणिक कथा के अनुसार, महिषासुर नाम का एक राक्षस था जो ब्रह्माजी का बड़ा भक्त था। उसने अपने तप से ब्रह्माजी को प्रसन्न करके एक वरदान प्राप्त कर लिया। वरदान मिला था कि उसे कोई देव, दानव या पृथ्वी पर रहने वाला कोई मनुष्य मार ना पाए। वरदान प्राप्त करते ही वह बहुत निर्दयी हो गया और तीनों लोकों में आतंक माचने लगा। उसके आतंक से परेशान होकर देवी देवताओं ने ब्रह्मा, विष्णु, महेश के साथ मिलकर मां शक्ति के रूप में दुर्गा को जन्म दिया। मां दुर्गा और महिषासुर के बीच नौ दिनों तक भयंकर युद्ध हुआ और दसवें दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर दिया। इस दिन को अच्छाई पर बुराई की जीत के रूप में मनाया जाता है।

Navratri 2020-mahishasur ka vadh

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भगवान राम ने की शक्ति की देवी मां भगवती की पूजा

दूसरी पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान श्रीराम ने लंका पर आक्रमण करने से पहले और रावण के साथ होने वाले युद्ध में जीत के लिए शक्ति की देवी मां भगवतीजी की पूजा आराधना की थी। रामेश्वरम में श्री रामचन्द्र ने नौ दिनों तक माता की पूजा की। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर मां ने श्रीराम को लंका में विजय प्राप्ति का आशीर्वाद दिया था। दसवें दिन भगवान राम ने लंका नरेश रावण को युद्ध में हराकर उसका वध कर लंका पर विजय प्राप्त किया था।

Navratri 2020- bhagvan ram worship maa durga

नवरात्र के नौ दिनों में होती है नौ रूपों की पूजा

नौ दिनों तक मां के अलग-अलग रुपों की पूजा बेहद धूम-धाम और प्यार से की जाती है। नवरात्र के 9 दिनों में देवी भगवती के 9 अलग-अलग स्वेरूपों की पूजा-उपासना की जाती है।

पहले दिन मां शैलपुत्री, दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन मां चंद्रघंटा, चौथे दिन मां कुष्मांडा, पांचवें दिन मां स्कंदमाता, छठे दिन मां कात्यायनी, सातवें दिन मां कालरात्रि, आठवें दिन मां महागौरी और नौवें और अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।

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Navratri 2020- maa durga ke kalash ki sthapana

नवरात्रि के पहले दिन घट की स्थापना की जाती है

नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना के साथ ही मां की पूजा शुरु हो जाती है और हर पंडालों में मा दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर दी जाती है। हर साल होती मां की होती है अलग-अलग सवारी मान ऐसे में चलिए जानते हैं कि इस बार आखिर कौन से सवारी पर सवार होकर मां पृथ्वी पर आ रही हैं और इसके क्या प्रभाव पड़गें।

Navratri 2020- maa durga ki sawari

यहां जानें मां के नवरात्र की कौन-कौन सी है सवारी

ज्योतिषशास्त्र और देवीभाग्वत पुराण के अनुसार मां दुर्गा का आगमन आने वाले भविष्य की घटनाओं के बारे में हमें सीधा संकेत देता है और चेताता है। देवीभाग्वत पुराण में इस बात का जिक्र किया गया है की देवी मां के आगमन का अलग-अलग वाहन है। माना जाता है कि अगर नवरात्रि की शुरुआत सोमवार या रविवार को हो रही है तो इसका मतलब है कि वो हाथी पर आएंगी। वहीं अगर शनिवार या फिर मंगलवार को कलश स्थापना हो रही है तो मां घोड़े पर सवार होकर आती है। गुरुवार या शुक्रवार को नवरात्र का आरंभ होता है तो माता डोली पर आती हैं। वहीं बुधवार के दिन मां नाव को अपनी सवारी बनाती हैं।

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Navratri 2020- maa durga by horse

इस बार घोड़े पर आएंगी मां

इस बार दुर्गा पूजा और नवरात्रि की शुरूआत शनिवार से हो रही है ऐसे में मां घोड़े को अपना वाहन बनाकर धरती पर आएंगी। इसके संकेत अच्छे नहीं हैं। माना जाता है कि घोड़े पर आने से पड़ोसी देशों से युद्ध, सत्ता में उथल-पुथल और साथ ही रोग और शोक फैलता है। बता दें कि इस बार मां भैंसे पर विदा हो रही है और इसे भी शुभ नहीं माना जाता है।

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Navratri 2020- maa durga ki pooja

मां दुर्गा को इस नवरात्रि ऐसे करें प्रसन्न

जैसा की बताया गया है कि इस बार मां घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं औऱ इसके संकेत अच्छे नहीं है, ऐसे में कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। इसलिए नवरात्रि के दौरान पूरे मन से देवी की अराधना करें, व्रत करें ताकि मां आपके सारे दुखों को कम कर दें। "क्योंकि मां तो आखिर मां ही होती है"

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