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सीमा विवाद पर भारत सख्त, कहा- नेपाल की हरकतों ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी
भारत ने पड़ोसी देश से साफ कहा है कि नेपाल की हरकतों ने मश्किल स्थिति पैदा कर दी है और अब बातचीत के लिए सकारात्मक और अनुकूल माहौल बनाने की जिम्मेदारी नेपाल सरकार की है।
नई दिल्ली: भारत ने नेपाल के खिलाफ सख्त रूख अपना लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने पड़ोसी देश से साफ कहा है कि नेपाल की हरकतों ने मश्किल स्थिति पैदा कर दी है और अब बातचीत के लिए सकारात्मक और अनुकूल माहौल बनाने की जिम्मेदारी नेपाल सरकार की है।
नेपाल ने भारत के विरोध को दरकिनार कर विवादित नक्शे से संबंधित संविधान संशोधन विधेयक को संसद में पेश किया। इस नक्शे में भारत के तीन क्षेत्रों लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी को शामिल किया गया है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत ने कहा है कि हाल के दिनों में नेपाल की मौजूदा सरकार ने राजनीतिक कारणों से एकतरफा फैसले लिए हैं। भारत ने दोनों देशों के बीच सीमा के विवाद को सुलझाने के लिए बार-बार लगातार नेपाल के सामने बातचीत का प्रस्ताव रखा। लेकिन इसकी अनसुनी की गई और नेपाल की दोनों संसद ने ऐसा नक्शा पास किया जिसपर न सिर्फ भारत को आपत्ति है बल्कि इसका कोई आधार भी नहीं रहा है।
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नेपाल पर हालात को सामान्य करने की जिम्मेदारी
सोमवार को भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अब नेपाल ने ऐसी हरकत की है तो अब हालात को सामान्य करने की जिम्मेदारी भी नेपाल पर है। अब दोनों देशों के बीच आगे संबंध किस तरह बढ़ता है वह नेपाल के रूख पर निर्भर करेगा। नेपाल ने अपनी हरकतों से हालात को कठिन कर दिया है। इसके साथ ही भारत ने संकेत दिये कि वह नेपाल की हरकतों पर आंख बंद कर नहीं रहेगा।
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बातचीत को बेताब नेपाल को भारत का दो टूक जवाब
दोनों देशों के बीच विवाद पर पहली बार भारत ने विस्तार से अपना रूख स्पष्ट किया है। सरकार से जुड़े उच्चस्तरीय अधिकारी ने बताया नक्शे को जारी करने के बाद नेपाल ने इसपर और रिसर्च करने के लिए एक्सपर्ट की टाम बनाई।
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भारत ने कहा कि मानचित्र को जारी करने के बाद कमिटी बनाने से साफ हो गया कि यह सिर्फ राजनीतिक लाभ लेने के लिए किया गया न कि इसके पीछे कोई जमीनी आधार था। भारत ने कहा कि चाहे 1997 हो या 2014 या फिर 2019, इन सभी सालों में भारत ने बहुत अच्छे माहौल में सीमा विवाद को हल करने की पहल की, लेकिन नेपाल ने ही उत्साह नहीं दिखाया।