TRENDING TAGS :
बीसीसीआई ड्रीम-11 पर मेहरबान, मगर इसमें भी लगा है चीनी कंपनी का पैसा
मगर अब ड्रीम-11 के बारे में एक बेहद चौंकाने वाली जानकारी यह मिली है कि इस कंपनी में भी चीन का करीब 720 करोड़ रुपए लगा हुआ है।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के लिए ड्रीम-11 को टाइटल स्पॉन्सरशिप दे दी है। इसके लिए ड्रीम-11 को 222 करोड़ रुपए का भुगतान करना होगा। बीसीसीआई की ओर से मंगलवार को यह जानकारी दी गई। ड्रीम-11 को 18 अगस्त से 31 अगस्त 2020 तक के लिए यह टाइटल स्पॉन्सरशिप दी गई है। मगर ड्रीम-11 के बारे में एक चौंकाने वाली जानकारी यह मिली है कि इस कंपनी में भी चीन का करीब 720 करोड़ रुपए लगा हुआ है।
चीनी कंपनी का 720 करोड़ का निवेश
आईपीएल का आयोजन 19 सितंबर से 10 नवंबर तक यूएई में होना है। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के साथ तनाव बढ़ने और भारतीय जवानों की शहादत के बाद चीन की मोबाइल कंपनी वीवो से टाइटल स्पॉन्सरशिप का कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर दिया गया था। बीसीसीआई ने चौतरफा दबाव के बाद यह कॉन्ट्रैक्ट खत्म करने का फैसला किया था।
ये भी पढ़ें- चीन कर रहा उइगरों का दमन, मस्जिद ढहाकर बना दिया सार्वजनिक शौचालय
Dream 11
अब वीवो की जगह जिस फेंटेसी गेमिंग फर्म ड्रीम-11 के साथ डील की गई है उस कंपनी में भी चीन ने भारी-भरकम निवेश कर रखा है। चीन की टेक कंपनी टैंसेंट ने 2018 में ड्रीम 11 में 10 करोड़ डॉलर (करीब 720 करोड़) का निवेश किया था।
बीसीसीआई ने दी ये दलील
BCCI
सूत्रों का कहना है कि बीसीसीआई की ओर से ड्रीम 11 में टैंसेंट के निवेश की अनदेखी करने के पीछे दलील दी गई है। बीसीसीआई की दलील है कि ड्रीम-11 देसी कंपनी है और इसके फाउंडर हर्ष जैन और भावित सेठ समेत चार सौ से ज्यादा कर्मचारी भारतीय हैं।
ये भी पढ़ें- वकीलों और जनता की लड़ाई को सड़क से सदन तक लडे़गी कांग्रेस: अजय कुमार
बीसीसीआई का यह भी कहना है कि टैंसेंट के पास ड्रीम-11 का सिर्फ 10 फ़ीसदी शेयर है और ड्रीम-11 केवल भारतीय यूजर्स के लिए ही है। वैसे बीसीसीआई की ओर से जो भी दलील दी जाए, लेकिन यह सच्चाई है कि ड्रीम-11 में चीन ने भी भारी निवेश कर रखा है।
आखिरी दौर में बाहर हुई टाटा संस
TATA
सूत्रों के मुताबिक पहले टाटा संस को स्पॉन्सरशिप मिलने की उम्मीद जताई जा रही थी। मगर टाटा संस ने आखिरी दौर में बोली ही नहीं लगाई। दो और कंपनियां बायजू ने 210 करोड़ रुपए की बोली लगाई। जबकि अनएकेडमी ने 170 करोड़ रुपए की बोली लगाई। ये दोनों कंपनियां क्रमश: दूसरे और तीसरे नंबर पर रहीं।
ये भी पढ़ें- बीजेपी नेता की हत्या का बदला: सुरक्षाबलों ने लश्कर कमांडर को उतारा मौत के घाट
वीवो का करार खत्म करने के बाद बीसीसीआई ने भारतीय कंपनियों को लुभाने के लिए कदम भी उठाया था और इसके लिए स्पॉन्सरशिप की रकम को पहले की तुलना में काफी कम कर दिया था। पहले यह रकम 440 करोड़ रुपए सालाना थी। लेकिन बोर्ड ने नई बोली लगाने के लिए रकम घटाकर 300 से 350 करोड़ रुपए सालाना कर दी थी। हालांकि बीसीसीआई को इतना पैसा भी नहीं मिल सका और ड्रीम11 ने 222 करोड़ रुपए में ही टाइटल स्पॉन्सरशिप हासिल कर ली।
इसलिए मची है करार की होड़
IPL
आईपीएल के प्रति भारतीय क्रिकेट फैंस में गजब की दीवानगी दिखती रही है और इसलिए आईपीएल के टाइटल स्पॉन्सरशिप को पाने के लिए कंपनियों में जबर्दस्त होड़ मची रहती है। भारतीय क्रिकेट फैंस में पैठ बनाने के लिए ही वीवो ने 440 करोड़ रुपए में यह स्पॉन्सरशिप हासिल की थी।
ये भी पढ़ें- देश का सबसे बड़ा दानी एक भिखारी, किया ऐसा कारनामा, जान रह जाएंगे दंग
हालांकि बीसीसीआई को चीन से तनाव बढ़ने के बाद वीवो का करार खत्म करना पड़ा। अब देखने वाली बात यह होगी कि 31 दिसंबर 2020 को ड्रीम-11 का करार खत्म होने के बाद कौन सी कंपनी आईपीएल का टाइटल स्पॉन्सरशिप का कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने में कामयाब होती है।