TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

सीमा पर सबसे बड़ा दुश्मनः आतंक ऐसा कि राज्य जवानों की आवाजाही पर लगा रहे रोक

पूर्वोत्तर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) औऱ असम राइफल्स के अलावा सेना के जवानों में भी संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है

Newstrack
Published on: 14 Aug 2020 7:22 PM IST
सीमा पर सबसे बड़ा दुश्मनः आतंक ऐसा कि राज्य जवानों की आवाजाही पर लगा रहे रोक
X
BSF Covid-19

नई दिल्ली: बांग्लादेश, चीन और म्यांमार की सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों के जवान भी कोरोना संक्रमण से जूझ रहे हैं। इस समय यह संक्रमण ही इन जवानों का सबसे बड़ा दुश्मन बन गया है। कुछ राज्य तो उनके प्रवेश पर पाबंदी लगा रहे हैं।

छुट्टी से लौट रहे जवानों से फैल रहा वायरस

पूर्वोत्तर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) औऱ असम राइफल्स के अलावा सेना के जवानों में भी संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है और यह तादाद करीब चार हजार तक पहुंच गई है। दरअसल छुट्टी के बाद देश के दूसरे हिस्सों से ड्यूटी पर लौटने वाले जवानों की वजह से ही यह संक्रमण तेज हुआ है।

ये भी पढ़ें- मौतों की भयानक साजिशः कोरोना पर भ्रामक जानकारी, मर गए दुनिया में लाखों

BSF Covid-19 BSF Covid-19

इसे ध्यान रखते हुए नागालैंड ने जहां सितंबर तक जवानों के बाहर से आने पर कुछ पाबंदियां लगा दी हैं। वहीं मिजोरम ने भी केंद्र से 31 अगस्त तक केंद्रीय बलों के जवानों की राज्य में आवाजाही पर पाबंदी लगाने का अनुरोध किया है। राज्य सरकार ने पहले ही 15 अगस्त तक ऐसी पाबंदी लगा दी है।

कोरोना के बढ़ते मामले

BSF Covid-19 BSF Covid-19

उग्रवाद प्रभावित नागालैंड में स्थिति ज्यादा गंभीर है। राज्य में कुल कोरोना संक्रमितों में से 1,226 यानी करीब 40 फीसदी लोग सुरक्षा बलों से जुड़े हैं। इसके बाद क्रमशः मणिपुर (823), अरुणाचल प्रदेश (738), त्रिपुरा (360), मिजोरम (350) औऱ मेघालय (300) का स्थान है। कई जवानों के परिजन भी कोरोना की चपेट में हैं। इन जवानों की जांच तो सरकारी लैब में की जा रही है। लेकिन तमाम रेजिमेंट अपना क्वारंटीन केंद्र चला रही हैं। वहीं संक्रमित जवानों का इलाज भी हो रहा है और आइसोलेशन भी।

ये भी पढ़ें- CM योगी के सख्त आदेश, बरेली में 300 बेड्स का कोविड अस्पताल शीघ्र हो कार्यशील

पूर्वोत्तर में बांग्लादेश के साथ लगी 1800 किमी लंबी सीमा पर तैनात बीएसएफ के जवानों पर कोरोना की मार सबसे गंभीर है। इस केंद्रीय बल के एक हजार जवान संक्रमित हो चुके हैं। हालांकि इनमें से कई लोग स्वस्थ होकर अपनी ड्यूटी पर भी लौट गए हैं। बीएसएफ के एक अधिकारी कहते हैं कि कई अधिकारी और जवान देश के उत्तरी और दक्षिणी राज्यों से संक्रमण लेकर यहां पहुंच रहे हैं। तबादले या छुट्टी से लौटने वाले जवान ट्रेनों या उड़ानों से आने के दौरान ही रास्ते में संक्रमित हो रहे हैं।

सीएम ने की PM मोदी से सुरक्षा बलों की आवाजाही स्थगित रखने की अपील

Mizoram CM Mizoram CM

केंद्रीय बलों में बढ़ते संक्रमण से चिंतित मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेज कर 31 अगस्त तक राज्य में केंद्रीय सुरक्षा बलों की आवाजाही स्थगित रखने की अपील की है। उनका कहना है कि राज्य में कोविड-19 के कुल मामलों में से 70 फीसदी सेना और अर्धसैनिक बलों से संबंधित है। केंद्रीय बलों में तेजी से बढ़ता संक्रमण गहरी चिंता का विषय बन गया है। राज्य सरकार ने राजधानी आइजल में एक उच्च-स्तरीय बैठक में स्थिति की समीक्षा के बाद प्रधानमंत्री से उक्त अनुरोध किया है।

जांच चौकियों पर एंटीजन टेस्ट

BSF Covid-19 BSF Covid-19

मिजोरम के अलावा पड़ोसी मेघालय के संक्रमितों में बीएसएफ के अलावा असम राइफल्स और एनडीआरएफ के जवानों में भी संक्रमण बढ़ रहा है। मेघालय के स्वास्थ्य मंत्री एएल हेक बताते हैं कि राज्य में तैनात अर्धसैनिक बलों के जवानों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अब राज्य की सीमा पर बनी छह जांच चौकियों पर एंटीजन टेस्ट किया जा रहा है ताकि समय रहते संक्रमण का पता लगाया जा सके। राज्य में विभिन्न केंद्रीय बलों के तीन सौ जवान अब तक कोरोना की चपेट में आ चुके हैं।

ये भी पढ़ें- बड़ी खबर: कर्मचारियों की बड़ी मांग, कहा- नहीं तो करेंगे बड़ा आंदोलन

इलाके के सबसे बड़े राज्य असम में भी तस्वीर अलग नहीं है। राज्य की लंबी सीमा बांग्लादेश से लगी है। वहां तैनात बीएसएफ के सैकड़ों जवान भी इस महामारी की चपेट में हैं। असम के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व व्यवस्था) जीपी सिंह के मुताबिक, असम पुलिस के लगभग 21 सौ जवान अब तक संक्रमित हो चुके हैं।

नागालैंड में 40% मामले केंद्रीय सुरक्षा बलों से संबंधित

BSF Covid-19 BSF Covid-19

नागालैंड के प्रमुख सचिव (गृह) अभिजीत सिन्हा बताते हैं कि नागालैंड में कुल मामलों में से 40 फीसदी केंद्रीय सुरक्षा बलों से संबंधित हैं। असम राइफल्स (नार्थ) के आईजी के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल विन्सेंट पैटन बताते हैं कि हमने सरकार को कोविड-19 से उपजी परिस्थिति के बेहतर प्रबंधन का भरोसा दिया है। हम छुट्टी पर गए जवानों को चरणबद्ध तरीके से बुलाएंगे।

ये भी पढ़ें- सैनिकों को बड़ा तोहफा: 12 लाख रुपये का लाइफ कवर, एचडीएफसी ने किया एलान

इससे क्वारंटीन केंद्र में जगह की समस्या नहीं होगी। नागालैंड की राजधानी कोहिमा में रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल सुमित कुमार शर्मा बताते हैं कि सेना और अर्धसैनिक बल खुद अपने क्वारंटीन केंद्र चला रहे हैं। इन केंद्रों में उपलब्ध जगह को ध्यान में रखते हुए छुट्टी पर बाहर गए जवानों को चरणबद्ध तरीके से बुलाने का फैसला किया गया है।

जागरूकता अभियान की जरूरत

BSF Covid-19 BSF Covid-19

मणिपुर के स्वास्थ्य मंत्री एल जयंतकुमार सिंह बताते हैं कि सरकार ने अर्धसैनिक बलों के राज्य में प्रवेश पर कुछ पाबंदियां लगा दी हैं। यहां आने वाले जवानों व अधिकारियों को कोविड-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन करना होगा। मणिपुर में आठ सौ से ज्यादा जवान संक्रमित हैं। अरुणाचल प्रदेश की स्थिति भी अलग नहीं हैं।

ये भी पढ़ें- बड़ी खबर: कर्मचारियों की बड़ी मांग, कहा- नहीं तो करेंगे बड़ा आंदोलन

स्वास्थ्य मंत्री आलो लिबांग कहते हैं कि हमारी सीमा चीन से लगी है। इसलिए हम सुरक्षा बलों के राज्य में प्रवेश पर पाबंदी नहीं लगा सकते। लेकिन राज्य में आने वाले इन जवानों और अधिकारियों में संक्रमण का पता लगाने के लिए रैपिड एंटीजन टेस्ट किया जा रहा है। राज्य में सामने आए 1,948 में से 738 मामले सेना और सुरक्षा बलों के ही हैं।

Newstrack

Newstrack

Next Story