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New Noida Masterplan: नोएडा की तर्ज पर बसने जा रहा एक और शहर, छह लाख लोग बसेंगे, जानिए क्या है पूरा प्लान
New Noida Masterplan: एनसीआर में नए सिरे से जमीन का अधिग्रहण कर नए शहर को विकसित किए जाने की जरूरत महसूस हो रही है। इसके लिए नोएडा अथॉरिटी ने गौतम बुद्धनगर और बुलंदशहर जिलों के कुल 86 गांवों में कुल 21 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि की पहचान कर ली है। इसी जमीन पर आधुनिक शहर बसाने की योजना बनाई जा रही है।
New Noida Masterplan: नोएडा की तर्ज पर एक नया शहर न्यू नोएडा के नाम से बसने जा रहा है। इसके लिए मास्टर प्लान तैयार कर लिया गया है। न्यू नोएडा का विकास दिल्ली एनसीआर में विकसित किया जाएगा। इसके लिए अथॉरिटी जल्द ही जमीन अधिग्रहण का काम शुरू कर सकती है। बोर्ड द्वारा मास्टरप्लान को मंजूरी मिलते ही भूमि अधिग्रहण का काम शुरू हो जाएगा। न्यू नोएडा बसाने का मास्टर प्लान को दादरी-नोएडा-गाजियाबाद इनवेस्टमेंट रीजन (DNGIR) के नाम से जाना जाता है। न्यू नोएडा के मास्टरप्लान ड्राफ्ट को बोर्ड की बैठक में मंजूरी के लिए रखा जाएगा।
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86 गांवों में कुल 21 हजार हेक्टेयर भूमि पर बसेगा शहर
दिल्ली एनसीआर में जनसंख्या बढ़ती जा रही है। बढ़तीआबादी के कारण उद्योग वाणिज्य और शहरीकरण की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। लेकिन नोएडा विस्तार के लिए जमीन काफी नहीं है। ऐसे में नये सिरे से जमीन का अधिग्रहण कर नए शहर को विकसित किए जाने की जरूरत महसूस हो रही है। इन समस्याओं के समाधान के लिए नोएडा अथॉरिटी ने गौतम बुद्ध नगर और बुलंदशहर जिलों के कुल 86 गांवों में कुल 21 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि की पहचान कर लिया गया है। इसी जमीन पर शहर बसाने की योजना बनाई जा रही है।
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नोएडा अथॉरिटी नें आवंटित किए एक हजार करोड़
नोएडा अथॉरिटी ने न्यू नोएडा के भूमि अधिग्रहण और आंतरिक विकास के लिए 1000 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। नए शहर में करीब छह लाख लोगों के बसने की उम्मीद की जा रही है। न्यू नोएडा में लॉजिस्टिक्स हब, नॉलेज सेंटर्स, इंटीग्रेटेड टाउनशिप्स और स्किल डेवलेपमेंट सेंटर्स जैसे तमाम सुविधाओं का विकास किया जा सकता है। खबरों के अनुसार न्यू नोएडा में इंडस्ट्रीज, ऑफिसेज, यूनिवर्सिटीज और आवासिय कालोनियों के लिए अलग-अलग क्षेत्र का विकास किया जाएगा।
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जमीनों का आवंटन
अथॉरिटी के प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार 8100 हेक्टेयर से अधिक जमीन को उद्योगों के लिए, 1600 हेक्टेयर जमीन मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए निर्धारित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त 2000 हेक्टेयर से अधिक जमीन को आवासीय परियोजनाओं के लिए नर्धारित किया जाएगा।