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नए संसद भवन पर बवाल: इन IAS अधिकारीयों ने PM को लिखा पत्र, बताया गैर जरूरी

अब नए संसद भवन के निर्माण को लेकर पूर्व नौकरशाहों के एक समूह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला पत्र लिखकर सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना (Central Vista Project) पर चिंता व्यक्त करते हुए आरोप लगाया है कि शुरुआत से ही गैर जिम्मेदाराना रवैया दिखाया जा रहा है।

Newstrack
Published on: 23 Dec 2020 9:44 AM GMT
नए संसद भवन पर बवाल: इन IAS अधिकारीयों ने PM को लिखा पत्र, बताया गैर जरूरी
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Y- Factor | PM Modi रच सकते हैं इतिहास, New Parliament बनवाने की बजाय ये काम था ज़रूरी! | Ep- 118

नई दिल्ली: पुराने संसद भवन के मुकाबले नए संसद भवन का निर्माण अक्टूबर 2022 तक पूरा करने की योजना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नए संसद की नींव रख चुके हैं। अब नए संसद भवन के निर्माण को लेकर पूर्व नौकरशाहों के एक समूह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला पत्र लिखकर सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना (Central Vista Project) पर चिंता व्यक्त करते हुए आरोप लगाया है कि शुरुआत से ही गैर जिम्मेदाराना रवैया दिखाया जा रहा है।

69 सेवानिवृत्त नौकरशाहों ने किया ये दावा

बता दें कि ‘कांस्टिट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप' के बैनर तले 69 सेवानिवृत्त नौकरशाहों ने दावा किया है कि देश का लोक स्वास्थ्य ढांचा निवेश का इंतजार कर रहा है और सवाल किया कि स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी सामाजिक प्राथमिकताओं के स्थान पर बेकार और अनावश्यक परियोजना को प्रधानता क्यों दी जा रही है।

जावेद उस्मानी समेत कई पूर्व आईएएस अधिकारी शामिल

इस पत्र पर पूर्व आईएएस अधिकारी-जवाहर सरकार, जावेद उस्मानी, एन सी सक्सेना, अरूणा रॉय, हर्ष मंदर और राहुल खुल्लर तथा पूर्व आईपीएस अधिकारी-ए एस दुलत, अमिताभ माथुर और जुलियो रिबेरो के दस्तखत हैं। उन्होंने कहा, "संसद के नए भवन के लिए कोई खास वजह नहीं होने के बावजूद यह बेहद चिंता की बात है कि जब देश में अर्थव्यवस्था गिरावट का सामना कर रही है, जिसने लाखों लोगों की बदहाली को सामने ला दिया है, सरकार ने धूमधाम से इस पर निवेश करने का विकल्प चुना है।''

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टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को मिला है ये प्रोजेक्ट्स

टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने नये भवन के निर्माण के लिए टेंडर हासिल किया है। इसका निर्माण सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत किया जा रहा है। नई बिल्डिंग में हर सांसद के लिए अलग ऑफिस होगा और हर ऑफिस सभी आधुनिक डिजिटल तकनीकों से लैस होगा। नए संसद भवन में कॉन्स्टिट्यूशन हॉल, सांसद लाउन्ज, लाइब्रेरी, कमेटी रूम, भोजनालय और पार्किंग की व्यवस्था होगी। इस भवन में 1400 सांसदों के बैठने की व्यवस्था की जाएगी।

अनुमानित लागत से बढ़ गया बजट

राष्ट्रीय राजधानी में सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत संसद के नए परिसर, केंद्रीय मंत्रालयों के लिए सरकारी इमारतों, उपराष्ट्रपति के लिए नए इनक्लेव, प्रधानमंत्री के कार्यालय और आवास समेत अन्य निर्माण किए जाने हैं। परियोजना का काम कर रहे केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) ने अनुमानित लागत को 11,794 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 13,450 करोड़ रुपये कर दिया है।

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परियोजना में गैर जिम्मेदाराना रवैया दिखाया गया

पत्र में आरोप लगाया गया है, "हम अपनी चिंताओं से अवगत कराने के लिए आपको यह पत्र आज इसलिए लिख रहे हैं क्योंकि सरकार और इसके प्रमुख के तौर पर आपने केंद्रीय विस्टा पुनर्विकास परियोजना के मामले में कानून के शासन का अनादर किया। शुरुआत से ही इस परियोजना में गैर जिम्मेदाराना रवैया दिखाया गया, जो शायद ही इससे पहले कभी दिखा हो।''

राष्ट्रपति को इसकी आधारशिला रखनी चाहिए थी

पत्र में आरोप लगाया, "खासकर चिंता की बात है कि जिस तरीके से योजना के लिए पर्यावरण मंजूरी हासिल की गई, उसमें सेंट्रल विस्टा के हरित स्थानों और विरासत भवनों को महात्वाकांक्षा से प्रेरित लक्ष्यों की उपलब्धि में अनावश्यक अड़चन माना गया है।'' पूर्व नौकरशाहों ने हैरानी जताते हुए कहा है, "प्रधानमंत्री कार्यपालिका के प्रमुख होते हैं, विधायिका के नहीं।

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पीएम मोदी ने 10 दिसंबर को संसद के नए भवन का शिलान्यास

उस भवन में जिसमें संसद के दोनों सदन होंगे, नियमों के मुताबिक राष्ट्रपति को इसकी आधारशिला रखनी चाहिए थी।'' पीएम मोदी ने 10 दिसंबर को संसद के नए भवन का शिलान्यास किया था। पत्र में पूर्व नौकरशाहों ने मामला अदालत में होने के बावजूद संसद के नए भवन के निर्माण की दिशा में ‘अनुचित तरीके' से आगे बढ़ने के आरोप लगाए हैं।

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