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NIA प्रमुख बोले- यह आतंकवादी संगठन भारत में अपना विस्तार करने की कोशिश में
नई दिल्ली: NIA यानि राष्ट्रीय जांच एजेंसी के प्रमुख वाई.सी. मोदी ने एक बयान दिया है।
जिसमें उन्होंने जमात-उल मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (Jamaat-ul Mujahideen Bangladesh) की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह आतंकवादी संगठन भारत में अपना विस्तार करने की कोशिश में है और इससे संबंधित 125 संदिग्धों की सूची सभी राज्यों को दे दी गई है।
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बेंगलुरू में 20-22 ठिकाने बना लिए हैं
आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) के प्रमुखों के लिए आयोजित एनआई के राष्ट्रीय सम्मेलन में मोदी ने कहा कि जेएमबी एक बांग्लादेशी संगठन है, जो झारखंड, महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल जैसे भारतीय राज्यों में बांग्लादेशी अप्रवासियों की आड़ में अपना अभियान चला रहा है।
एनआईए के महानिरीक्षक, आलोक मित्तल ने आगे बताया कि जेएमबी ने बेंगलुरू में 20-22 ठिकाने बना लिए हैं और साल 2014-2018 में वह दक्षिण भारत में अपने और ठिकाने बनाने की तैयारी में लगा रहा।
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मित्तल ने बताया कि जेएमबी ने कृष्णागिरि पर्वतों के पास रॉकेट लॉन्चर्स का परीक्षण किया और वे कर्नाटक सीमा के पास स्थित बौद्ध मंदिर पर आक्रमण करने के फिराक में थे।
वे हमला कर म्यांमार में हुए रोहिंग्या मुसलमानों के साथ अत्याचार का बदला लेना चाहते थे।
कैफे में बड़ा आतंकी हमला किया था
मालूम हो कि इसी साल मई में भारत सरकार ने जमात-उल मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) को आतंकी संगठन घोषित किया था।
जेएमबी ने एक जुलाई 2016 को बांग्लादेश की राजधानी ढाका के एक कैफे में बड़ा आतंकी हमला किया था।
इस हमले में 17 विदेशियों सहित 22 लोग मारे गए थे और एक संयुक्त अभियान के दौरान पुलिस ने छह हमलावरों को मार गिराया था।
इसके छह दिन बाद आतंकवादियों ने बांग्लादेश में ईद के मौके पर इकट्ठा हुए लोगों के सबसे बड़े समूह की निगरानी कर रही पुलिस पर हमला किया था और तीन अन्य लोगों की हत्या कर दी थी।
जिहाद के जरिए एक खिलाफत
भारत की सुरक्षा एजेंसियों को भी दो अक्टूबर 2014 को पश्चिम बंगाल के वर्धमान और 19 जनवरी 2018 को बिहार के बोध गया में हुए बम धमाकों के तार जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश से जुड़े होने के सुराग मिले थे।
असम पुलिस को उसकी ओर से दर्ज पांच मामलों में जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश की संलिप्तता नजर आई है और इस संगठन से जुड़े 56 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।
अधिसूचना के मुताबिक, जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश 1998 में अस्तित्व में आया और उसका मकसद जिहाद के जरिए एक खिलाफत कायम करना है।