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गडकरी ने PMO को भेजे गए लेटर में ऐसा क्या लिखा, दुकानों पर शुरू हो गई छापेमारी

नकली मक्खन बनाने वाली कम्पनियों की अब खैर नहीं है। सभी राज्य सरकारें अगले कुछ दिनों में नकली मक्खन की बिक्री के खिलाफ अभियान शुरू करने जा रही हैं।

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Published on: 8 Aug 2020 5:59 PM GMT
गडकरी ने PMO को भेजे गए लेटर में ऐसा क्या लिखा, दुकानों पर शुरू हो गई छापेमारी
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केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी की फ़ाइल फोटो

नई दिल्ली: नकली मक्खन बनाने वाली कम्पनियों की अब खैर नहीं है। सभी राज्य सरकारें अगले कुछ दिनों में नकली मक्खन की बिक्री के खिलाफ अभियान शुरू करने जा रही हैं। खासकर होटल और रेस्तरां में मक्खन की गुणवत्ता की जांच शुरू की जाएगी। केंद सरकार ने इस बाबत सभी राज्यों सरकारों को सख्त निर्देश जारी किये हैं।

क्या है ये पूरा मामला

दरअसल ये पूरा मामला कुछ यूं हैं कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बीते दिनों नकली मक्खन की बिक्री को लेकर पीएमओ को पत्र लिखकर शिकायत की थी।

गडकरी की तरफ से पत्र में कहा गया था कि नकली मक्खन के इस्तेमाल से न केवल लोगों की सेहत पर गंभीर असर पड़ रहा है, बल्कि पशुपालकों और किसानों को भारी नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।

जिसके बाद गडकरी के पत्र का संज्ञान लेकर पीएमओ ने अब भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने कड़े निर्देश जारी किए हैं। जिसमें नकली मक्खन बनाने वाली कम्पनियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही गई है।

ध्यान रहें कि एफएसएसएआई ने खाद्य सुरक्षा और मानक विनिमय (पैकेजिंग एवं लेबलिंग) नियम 2011 में संसोधन कर नकली मक्खन को भी डेयरी उत्पादों का हिस्सा बना दिया था, जिससे कि इसके इस्तेमाल पर बाकायदा लेबलिंग की जा सके। लेकिन, अब एफएसएसएआई ने इस नियम में बदलाव कर नी अधिसूचना जारी कर दी है।

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चोरी छिपे तैयार की जा रही नकली मक्खन की फ़ाइल फोटो चोरी छिपे तैयार की जा रही नकली मक्खन की फ़ाइल फोटो

हरकत में आए एफएसएसएआई के अधिकारी

पीएमओ के निर्देश के बाद एफएसएसएआई के अधिकारियों ने कार्रवाई शुरू कर दी है। खाद्य सुरक्षा विभाग होटल, रेस्तरां, रेहड़ी पटरी वाले और खुले में खाद्य पदार्थों की बिक्री करने वाले दुकानदारों पर दबिश दे रहे हैं।

राज्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी नकली मक्खन और दूध से संबंधित उत्पादों की गुणवत्ता जांच के लिए छापेमारी अभियान चला रहे हैं। नकली मक्खन का व्यापार रफ्तार पकड़ने लगा है

देश में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद अब फिर से नकली मक्खन का धंधा जोर पकड़ने लगा है। हाई क्वालिटी वाले मक्खन की कीमत नकली मक्खन के मुकाबले 8-10 गुना ज्यादा होती है।

यही कारण है कि लोग सेहत की चिंता छोड़ कर नकली मक्खन का उपयोग करते हैं। एक अनुमान के मुताबिक देश में 80 से 90 फीसदी दुकानों और होटलों में नकली मक्खन का उपयोग होता है।

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चोरी छिपे तैयार की जा रही नकली मक्खन की फ़ाइल फोटो चोरी छिपे तैयार की जा रही नकली मक्खन की फ़ाइल फोटो

ट्रांस फैट की मात्रा को मानक से कई गुना ज्यादा

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक सिर्फ ट्रांस फैट के कारण ही हर साल 5 लाख के आस-पास लोग अपनी जान गंवा देते हैं। ट्रांस फैट स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। इससे मोटापा तो बढ़ता ही है साथ में मधुमेह और दिल संबंधी बीमारियों का भी जन्म होता है।

नकली मक्खन को लंबे समय तक उपयोगी और ठोस बनाए रखने के लिए ट्रांस फैट की मात्रा को तय मानक से कई गुना ज्यादा बढ़ा दी जाती है।

भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) 2022 तक इसे 2 फीसदी तक सीमित करने पर काम कर रहा है। हालांकि, नकली मक्खन में इसकी मात्रा कहीं ज्यादा होती है।

डब्ल्यूएचओ ने खाद्य पदार्थों में ट्रांस फैट की मात्रा एक फीसदी निर्धारित की है, जबकि भारत में खाद्य पदार्थों में 5 फीसदी तक अधिकतम ट्रांस फैट का उपयोग किया जा सकता है।

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