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गजब है ये! 1200 किलो की निशानी, जो याद दिलाएगी बापू की

वेस्ट प्लास्टिक का किस तरह से प्रयोग किया जा सकता है इसकी मिसाल दी है नोएडा प्राधिकरण ने। दुनिया के सबसे बड़े चरखे का मंगलवार का अनावरण किया गया है। ये चरखा 1250 किलो के प्लास्टिक वेस्ट से बनाया गया है। इस चरखे की लंबाई 14 फीट और चौड़ाई 8 फीट है।

Vidushi Mishra
Published on: 27 Jun 2023 4:48 PM IST
गजब है ये! 1200 किलो की निशानी, जो याद दिलाएगी बापू की
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नई दिल्ली: वेस्ट प्लास्टिक का किस तरह से प्रयोग किया जा सकता है इसकी मिसाल दी है नोएडा प्राधिकरण ने। दुनिया के सबसे बड़े चरखे का मंगलवार का अनावरण किया गया है। ये चरखा 1250 किलो के प्लास्टिक वेस्ट से बनाया गया है। इस चरखे की लंबाई 14 फीट और चौड़ाई 8 फीट है। इस चरखे को नोएडा के सेक्टर-94 स्थित महामाया फ्लाईओवर के पास ग्रीन एरिया में लगाया गया है। नोएडा प्राधिकरण ने सीएसआर के जरिए विश्व में सबसे बड़ा गांधी जी का चरखा बनाया है।

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देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त

केंद्र सरकार देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने के उद्देश्य से स्वच्छता की सेवा की शुरुआत की थी। इस क्रम में 11 सितंबर से 27 अक्टूबर तक आम जनमानस एवं विभिन्न संस्थाओं की सहभागिता से प्लास्टिक वेस्ट श्रमदान अभियान चलाया गया। इसके अंतर्गत लोगों को प्लास्टिक सामग्रियों को रिसाइकल करने के लिए जागरूक किया जा रहा है।

Single use plastic

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इसके साथ ही आम जनमानस एवं विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों द्वारा बड़े स्तर पर श्रमदान कर प्लास्टिक वेस्ट एकत्रित किया जा रहा है। इस प्लास्टिक से ही प्लास्टिक वेस्ट चरखा बनाया गया है, या यू कहे कि 1250 किलोग्राम वेस्ट प्लास्टिक को निस्तारित कर इसका सदुपयोग किया गया है।

2 अक्टूबर को ये है कार्यक्रम

इसके अलावा 2 अक्टूबर को शहर में 100 स्थानों से श्रमदान के जरिए वेस्ट प्लास्टिक को एकत्रित किया जाएगा। यह कार्यक्रम सुबह सात से 9 बजे तक चलेगा।

इसके बाद प्राधिकरण के ट्रको के जरिए प्लास्टिक नोएडा स्टेडियम में एकत्रित किया जाएगा। यहां से ट्रको के जरिए इसे सीमेंट फैक्ट्री भेजा जाएगा। इस बार का लक्ष्य करीब 10 मेट्रिक टन प्लास्टिक वेस्ट एकत्रित करना है।

सबसे बड़ा चरखा

नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के मुताबिक, चरखा गांधीजी के सपने स्वदेशी का प्रतीक है। नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु महेश्वरी ने कहा, यह लोगों में प्लास्टिक के सही उपयोग के प्रति जागरुकता लाने के लिए है।

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