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चक्रवाती तूफान अम्फान ने ओडिशा में मचाई भीषण तबाही, दो की मौत, ढहे कई मकान

अम्फान चक्रवात ने ओडिशा में भारी तबाही मचाई है। अधिकारियों के मुताबिक बुधवार को पश्चिम बंगाल तट की ओर बढ़ रहे चक्रवात के दौरान तेज हवाओं के साथ-साथ भीषण बारिश हुई है। इससे बड़ी संख्या में पेड़ उखड़ गए, तो वहीं कई कच्चे मकान गिर गए।

Dharmendra kumar
Published on: 20 May 2020 2:56 PM GMT
चक्रवाती तूफान अम्फान ने ओडिशा में मचाई भीषण तबाही, दो की मौत, ढहे कई मकान
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भुवनेश्वर: अम्फान चक्रवात ने ओडिशा में भारी तबाही मचाई है। अधिकारियों के मुताबिक बुधवार को पश्चिम बंगाल तट की ओर बढ़ रहे चक्रवात के दौरान तेज हवाओं के साथ-साथ भीषण बारिश हुई है। इससे बड़ी संख्या में पेड़ उखड़ गए, तो वहीं कई कच्चे मकान गिर गए। ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) पीके जेना ने बताया कि ओडिशा के निचले तटीय इलाकों और कच्चे मकानों में रह रहे 1.41 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है।

उन्होंने बताया कि सुरक्षित तरीके से हटाए गए लोगों को 2,921 आश्रय स्थलों में रखा गया है जहां उन्हें भोजन और अन्य सुविधाएं मुहैया करायी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि चक्रवात मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक ही बढ़ रहा है।

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पीके जेना ने कहा कि चक्रवात उसी दिशा में आगे बढ़ा, जैसा पुर्वानमुान में कहा गया था। उन्होंने मौसम विभाग खासकर उसके महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र को धन्यवाद दिया और कहा कि उनकी सटीक भविष्यवाणी से स्थिति को संभालने में काफी मदद मिली है। चक्रवात के ओडिशा तट से गुजरने के दौरान पुरी, खुर्दा, जगतसिंहपुर, कटक, केंद्रपाडा, जाजपुर, गंजाम, भद्रक और बालासोर जिलों में अलग-अलग स्थानों में मंगलवार से भारी बारिश हो रही है।

चक्रवात के दौरान केंद्रपाड़ा और भद्रक में दो लोगों की मौत हो गई है, हालांकि उनकी मौत की वजह अभी तक स्पष्ट नहीं हो सके हैं। अधिकारियों के मुताबिक भद्रक के तिहड़ी इलाके में तीन महीने के एक शिशु की मौत हो गयी। उन्होंने बताया कि केंद्रपाड़ा में प्राकृतिक कारणों से 67 वर्षीय एक महिला की घर में मौत हो गई। मौत की वजह का पता लगाया जा रहा है। केंद्रपाड़ा के जिलाधिकारी समर्थ वर्मा ने कहा कि तत्काल राहत के रूप में 12,000 रुपये दिए गए हैं और विस्तृत जांच की जा रही है।

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एसआरसी ने कहा कि शुरुआती रिपोर्टों के मुताबिक बड़ी संख्या में पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए हैं, तो वहीं कई मकान भी ध्वस्त हो गए हैं। उन्होंने कहा कि दूरसंचार अवसंरचना को बहुत क्षति नहीं हुई है और कुल मिलाकर सेवाएं अप्रभावित है।

मौसम विज्ञान केंद्र, भुवनेश्वर के निदेशक एच आर विश्वास ने कहा कि चक्रवात अब ओडिशा के पारादीप से लगभग 170 किलोमीटर पूर्व-उत्तरपूर्व, दीघा (पश्चिम बंगाल) से 105 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व और खेपूपारा (बांग्लादेश) से 240 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में केंद्रित है।

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उन्होंने कहा कि चक्रवात के केंद्र के पास हवा की गति 160-170 किमी प्रति घंटे है जबकि पारादीप के पास हवा की गति सुबह 110-120 किमी प्रति घंटे तक थी। पारादीप के पास हवा की गति अब कम हो गई है लेकिन भद्रक और बालासोर तटों पर इसकी गति बढ़ रही है।

अधिकारियों के मुताबिक 12 तटीय जिलों में एनडीआरएफ और ओडीआरएएफ की 36 टीमों को तैनात किया गया है। इसके अलावा, अग्निशमन सेवा की 250 से अधिक टीमों और ओडिशा वन विकास निगम की 100 इकाइयां भी तैनात की गई हैं। एसआरसी ने कहा कि उखड़े हुए पेड़ों से बाधित सड़कों को युद्धस्तर पर साफ किया जा रहा है। वहीं अगर बिजली की आपूर्ति बाधित होती है तो उसे जल्द से जल्द बहाल की जाएगी।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

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