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पेट्रोल-डीजल होगा महंगा: तेल कंपनियां लेने जा रहीं बड़ा फैसला, जेब पर होगा असर

घरेलू मांग में तेजी आने के बाद ऑयल मार्केटिंग कंपनियां डायनामिक प्राइसिंग दोबारा शुरू करने की तैयारी में हैं। सूत्रों की मानें तो HPCL, BPCL और IOC इसे...

Ashiki
Published on: 20 May 2020 2:08 PM GMT
पेट्रोल-डीजल होगा महंगा: तेल कंपनियां लेने जा रहीं बड़ा फैसला, जेब पर होगा असर
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नई दिल्ली: घरेलू मांग में तेजी आने के बाद ऑयल मार्केटिंग कंपनियां डायनामिक प्राइसिंग दोबारा शुरू करने की तैयारी में हैं। सूत्रों की मानें तो HPCL, BPCL और IOC इसे जल्द ही लागू भी कर सकती हैं। इस तरह होने से सस्ते क्रूड का फायदा ग्राहकों को तो नहीं मिला पाया लेकिन उन्हें अब इस तेजी का भार उठाना पड़ सकता है।

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बता दें कि डायनामिक प्राइसिंग फार्मूला 16 मार्च से बंद है। मई के पहले दो सप्ताह में मांग 60 फीसदी से भी ऊपर हो गई है। लॉकडाउन के चौथे चरण में छूट से डिमांड का और बढ़ना तय ही है, जिसे ध्यान में रखते हुए कंपनियां डायनामिक प्राइसिंग शुरू कर सकती हैं।

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बता दें कि तेल की कीमतें दो प्रमुख वस्तुओं पर निर्भर करती हैं। पहला तो यह कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत और दूसरा सरकारी टैक्स। बता दें कि क्रूड ऑयल के रेट पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है, लेकिन सरकार इतना कर सकती है कि वह टैक्स घटा-बढ़ा सकती है।

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इस पर सरकार यह कर सकती है कि टैक्स कम करके बढ़े दाम से कुछ-बहुत फायदा जनता को पहुंचा सकती है। पहले तो देश में तेल कंपनियां अपने से दाम तय नहीं करती थीं। दाम तय करने का मसला केंद्र सरकार का था लेकिन जून 2017 से सरकार ने पेट्रोल के दाम को लेकर अपना नियंत्रण हटा लिया। सरकार ने कहा कि अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिदिन उतार-चढ़ाव के हिसाब से इसकी कीमतें तय होंगी।

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आपको पता होना चाहिए कि आप जिस दाम पर पेट्रोल-डीजल खरीदते हैं, उसमें करीब 50 फीसदी से ज्यादा टैक्स शामिल होता है। इस टैक्स में करीबन 35 फीसदी एक्साइज ड्यूटी और 15 फीसदी राज्यों की तरफ से सेल्स टैक्स रहता है। इसके अलावा कस्टम ड्यूटी और डीलर का कमीशन भी जुड़ता है। तेल के बेस प्राइस में कच्चे तेल की कीमत, उसे शोधित करने वाली रिफाइनरीज का खर्च शामिल होता है। यही वजह है कि क्रूड की कीमतें सीधे खुदरा कीमतों को प्रभावित नहीं करती हैं।

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