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चीन-अमेरिका में टकरार: मिली ये धमकी, अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहे देश

चीन को फटकार लगाने वाले अमेरिका को लेकर चीन ने बुधवार को बड़ी बात कही है। चीन के विदेश मंत्रालय ने ताइवान के मुद्दे को लेकर अमेरिका को अंजाम भुगतने की धमकी दी है।

Vidushi Mishra
Published on: 20 May 2020 7:30 PM IST
चीन-अमेरिका में टकरार: मिली ये धमकी, अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहे देश
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नई दिल्ली। चीन को फटकार लगाने वाले अमेरिका को लेकर चीन ने बुधवार को बड़ी बात कही है। चीन के विदेश मंत्रालय ने ताइवान के मुद्दे को लेकर अमेरिका को अंजाम भुगतने की धमकी दी है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन को दूसरे कार्यकाल की बधाई दी थी। इसी ट्वीट को लेकर चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर नाराजगी व्यक्त की है।

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अंजाम जरूर भुगतना पड़ेगा

इसी सिलसिले में चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने ताइवान क्षेत्र की स्थिरता और शांति के साथ-साथ अमेरिका-चीन के संबंधों को भी गंभीर नुकसान पहुंचाया है।

आगे चीन ने कहा कि वह इसके खिलाफ जरूरी कार्रवाई करेगा और अमेरिका को इसका अंजाम जरूर भुगतना पड़ेगा।

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ताइवान के साथ हमारी साझेदारी और मजबूत

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने ट्वीट किया था, "ताइवान की राष्ट्रपति के दूसरे कार्यकाल के लिए डॉ. साई इंग वेन को बधाई। ताइवान का फलता-फूलता लोकतंत्र पूरी दुनिया और क्षेत्र के लिए एक प्रेरणा है। राष्ट्रपति साई के नेतृत्व में ताइवान के साथ हमारी साझेदारी और मजबूत होगी।"

बता दें कि चीन सन् 1949 में गृह युद्ध के बाद से ही ताइवान पर अपना दावा ठोंकता आया है। एक तरफ जहां ताइवान खुद को आजाद और संप्रभु मानता है, वहीं चीन हॉन्ग कॉन्ग की तरह इस पर 'एक देश, दो व्यवस्था' लागू करना चाहता है।

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चीन उसे धमकी देने लगता

और तो और चीन यहां तक कह चुका है कि जरूरत पड़ने पर बलपूर्वक ताइवान पर कब्जा किया जा सकता है। यही कारण है कि जब भी कोई देश ताइवान का समर्थन करता है तो चीन उसे धमकी देने लगता है।

वहीं ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन ने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जिस तरह से काम किया, उसे लेकर पूरी दुनिया में वाह-वाही हो रही है।

लेकिन जब विश्व स्वास्थ्य संगठन की सालाना बैठक में ताइवान को भी शामिल करने की बात कही तो चीन ने इसका विरोध जताया। चीन ने कहा गया कि ताइवान को एक देश का दर्जा नहीं दिया जा सकता है।

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सहअस्तित्व का रास्ता खोजें

ताइवान राष्ट्रपति साई इंग वेन ताइवान को एक संप्रभु देश के तौर पर देखती हैं और वह दोहराती रही हैं कि ताइवान 'वन चाइना' का हिस्सा नहीं है।

आगे उन्होंने कहा, "हम 'एक देश, दो व्यवस्था' वाली दलील के नाम पर चीन का अधिपत्य नहीं स्वीकार करेंगे जिसमें ताइवान का दर्जा कम कर दिया जाएगा।

राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने चीन से बातचीत की पेशकश की है और उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से अपील की है कि वे तनाव घटाने के लिए उनके साथ मिलकर काम करें। उन्होंने कहा, "दोनों पक्षों की ये जिम्मेदारी है कि मतभेद खत्म कर सहअस्तित्व का रास्ता खोजें।"

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