
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (फोटो सोशल मीडिया)
रक्षामंत्री व लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह ने संविधान दिवस के अवसर पर लगातार कई ट्वीट करके संविधान दिवस की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी हैं। राजनाथ सिंह ने कहा है कि विविधताओं से भरे भारत को जोड़ने के लिए बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर समेत देश के संविधान निर्माताओं की जो भूमिका रही है उसे यह देश कभी नहीं भूलेगा। हम सभी अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक पालन करें हमारा संविधान भी हमें यही निर्देश देता है।
संविधान का हम पालन करेंगे
रक्षामंत्री ने कहा भारतीय संविधान की प्रस्तावना के अंतिम शब्द हैं, कि हम दृढ़संकल्प होकर, इस संविधान को ‘आत्मार्पित’ करते हैं। हम इसे ‘आत्मार्पित’ करते हैं, यानी सबसे पहले इसका पालन हम स्वयं करेंगे, फिर औरों को भी इसके प्रति जागरूक करेंगे। यह संविधान की भावना है। इसी का हमें ध्यान रखना है।
भारतीय संविधान की प्रस्तावना के अंतिम शब्द हैं, कि हम दृढ़संकल्प होकर, इस संविधान को ‘आत्मार्पित’ करते हैं। हम इसे ‘आत्मार्पित’ करते हैं, यानी सबसे पहले इसका पालन हम स्वयं करेंगे, फिर औरों को भी इसके प्रति जागरूक करेंगे। यह संविधान की भावना है। इसी का हमें ध्यान रखना है।
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) November 26, 2020
भाजपा के वरिष्ठ नेता सभी देशवासियों को ‘संविधान दिवस’ की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ देते हुए कहते हैं कि 26 नवंबर भारतीय इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना है। भारत का संविधान वह ताक़त है जो इस देश को एक और अखंड रखने के साथ एक नए भारत के निर्माण की बुनियाद भी तैयार करता है।
सभी देशवासियों को ‘संविधान दिवस’ की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ। 26 नवंबर भारतीय इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना है। भारत का संविधान वह ताक़त है जो इस देश को एक और अखंड रखने के साथ एक नए भारत के निर्माण की बुनियाद भी तैयार करता है।
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) November 26, 2020
रक्षा मंत्री ने देश के युवाओं से संविधान की मूल भावना को समझने और उसके आदर्शों को हासिल करने के लिए निष्ठा के साथ काम करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कई वर्षों की गहन चर्चा और संवाद के बाद हमारा संविधान बना है। हमारे संविधान की प्रस्तावना “हम” के साथ आरंभ होती है और इस तरह से यह हम सब पर निर्भर करता है कि कैसे हम अपने देश और अपनी व्यवस्था को आगे लेकर जाते हैं।
जागरुक करने की आवश्यकता
उन्होंने कहा कि हमें लोगों को संविधान में सुनिश्चित उनके अधिकारों के संबंध में जागरूक करने की आवश्यकता है लेकिन साथ ही उन्हें उनके कर्तव्यों के बारे में भी जानकारी देने की जरूरत है क्योंकि अधिकार और कर्तव्य एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।
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श्री सिंह ने कहा कि अपने अधिकारों के इस्तेमाल से पहले यह जरूरी है कि हम अपने कर्तव्यों का पालन करें। उन्होंने कहा कि इस अभियान के माध्यम से लोगों को यह जानकारी दी जानी चाहिये कि संविधान अनुषासन, विविधता में एकता, स्वतंत्रता, समानता, सार्वभौमिकता और सामाजिक एकता के आधारभूत मूल्यों के माध्यम से उनके जीवन को निर्देशित करता है।
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रक्षा मंत्री ने कहा कि न्यू इंडिया के निर्माण के लिए यह आवश्यक है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद, डॉ. बी. आर. आम्बेडकर और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जैसे महान नेताओं से प्रेरित होकर हमें कृतसंकल्पित होकर संविधान के आदर्शों का अनुसरण करना चाहिये।
भारतीय संविधान की प्रस्तावना के अंतिम शब्द हैं, कि हम दृढ़संकल्प होकर, इस संविधान को ‘आत्मार्पित’ करते हैं। हम इसे ‘आत्मार्पित’ करते हैं, यानी सबसे पहले इसका पालन हम स्वयं करेंगे, फिर औरों को भी इसके प्रति जागरूक करेंगे। यह संविधान की भावना है। इसी का हमें ध्यान रखना है।
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) November 26, 2020
श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि संविधान हमें एकता, ईमानदारी, अनुशासन और विविधता की शिक्षा देता है तथा आजादी, समानता, सामाजिक सौहार्द और सदभावना इसके मुख्य स्तम्भ है।
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उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे संविधान के बुनियादी सिद्धान्तों के बारे में समाज को जागरूक करने के लिए आगे आयें। उन्होंने नागरिकों के अधिकारों तथा उनके कर्तव्यों के बारे में जागरूक करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
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