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मौत का तांडव-बिछी लाशें: PM मोदी ने ऐसे बचाया भारत, नहीं तो होता बुरा हाल

दुनियाभर में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैलता ही जा रहा है, लेकिन भारत अब इस दुनिया से कुछ अलग सा प्रतीत होता दिखाई दे रहा है। हर कोई बस भारत भारत कर रहा है।

Vidushi Mishra
Published on: 10 April 2020 7:45 AM GMT
मौत का तांडव-बिछी लाशें: PM मोदी ने ऐसे बचाया भारत, नहीं तो होता बुरा हाल
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Narendra Modi

नई दिल्ली: दुनियाभर में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैलता ही जा रहा है, लेकिन भारत अब इस दुनिया से कुछ अलग सा प्रतीत होता दिखाई दे रहा है। हर कोई बस भारत भारत कर रहा है। क्योंकि हमारा भारत है ही इतना महान। कोरोना से जंग में जीतते भारत को आज हर कोई सलाम कर रहा हैं और सबक भी ले रहा है। अमेरिका से लेकर ब्रिटेन तक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी ओर से भारत में कोरोना से लड़ने के लिए की गई तैयारियों की तारीफ की है। फिर ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर वो कौन कौन से कदम थे जिसने दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका भी नहीं उठा सका, और भारत ने मजबूती से वो कर दिखाया।

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WHO ने परखा भारत को

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने कोरोना वायरस को लेकर भारत की ओर से उठाए गए कदम की तरीफ की है। साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन( WHO) पहले ही कह चुका है कि भारत में पास वो ताकत है जिसके बल पर वह कोरोना को आसानी से हरा देगा।

खुशी की बात तो ये है कि भारत में प्रति 10 लाख में सिर्फ 3.8 फीसदी मामले ही कोरोना संक्रमण के हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि अभी भी भारत की स्थिति अन्य देशों की तुलना में काफी बेहतर है। और जल्द से जल्द से ठीक भी हो जाएगा।

दुनियाभर में 11 लाख से अधिक लोग कोरोना संक्रमि​त हो चुके हैं। इनमें से अमेरिका में 4.68 लाख लोगों कोरोना वायरस से संक्रमित बताए जा रहे हैं। वहीं अमेरिका में कोरोना वायरस से अब तक 16697 लोगों की मौत हो चुकी है।

भारत के महत्वपूर्ण 5 कदम

1- भारत में कोरोना की दस्तक देर से

सबसे पहले तो भारत के लिए सबसे अच्छी बात यह रही कि कोरोना जब दुनिया में फैल चुका ,था तब भारत पूरी तरह से सुरक्षित था। चीन में जिस तैजी से कोरोना वायरस बढ़ा उसके बाद उसने तुरंत लॉकडाउन कर दिया।

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चीन के इस प्रयास को देख भारत ने भी हिम्मत दिखाई और विदेशी नागरिकों के भारत आने पर सख्ती करने लगा। जब ये वायरस यूरोप की ओर बढ़ा तो इसकी भयावहता का अंदाजा लग गया लेकिन तब तक भारत को इससे लड़ने के लिए काफी समय मिल गया। अमेरिका को लगा कि उसकी सीमा चीन से काफी दूर है और कोरोना से उसे कोई खतरा नहीं है. लेकिन अमेरिका की यही बात उसकी सबसे बड़ी भूल साबित हो रही है।

2- भारत ने सही समय पर कर दिया लॉकडाउन

जैसे ही भारत में कुछ ही मामले कोरोना वायरस के आए थे तभी मोदी सरकार ने लॉकडाउन का फैसला ले लिया। बाकी देशों को इसकी पहचान करने में काफी समय लग गया।

भारत में पहले सख्ती की उसके बाद पूरे देश में लॉकडाउन कर दिया, जिससे कोरोना की चेन तोड़ने में काफी मदद मिली। भारत सरकार ने 24 मार्च को 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी। तब से ही पूरे देश में बाजार, मॉल, स्कूल बंद हैं। हर किसी को घर से ही काम करने को कहा गया है। जिसका भारत की जनता ने भी पूर्ण सहयोग दिया।

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3- भारत में काफी मात्रा में है उपचार

बता दें कि वैज्ञानिक शोध में पता चला है कि मलेरिया के लिए इस्तेमाल की जाने वाली हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा कोरोना वायरस के मरीजों के लिए भी काफी मददगार है।

इस शोध के बाद भारत में मरीजों को ये दवा दी जानें लगी। यहां तक की अमेरिका के राष्ट्रपति ने खुद प्रधानमंत्री को फोन कर दवा की मांग की। ये दवा भारत के लिए संजीवनी साबित हुई और मरीजों की संख्या में तेजी से कमी देखने को मिली।

भारत में हर साल ही मलेरिया से बहुत से लोगों की जान जाती है, इसीलिए यहां हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का खूब उत्पादन किया जाता है।

4- भारत के डॉक्टर बने भगवान

कोरोना से लड़ने के लिए अभी तक कोई भी देश वैक्सीन तैयार नहीं कर सका है. इसके बावजूद जिस देश में डॉक्टरों की टीम बेहतर है वह इस जंग को जीत रहा है। भारत इसमें भी अन्य देशों से काफी आगे दिखाई दे रहा है।

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भारत में जब कोरोना के मामले आना शुरू भी नहीं हुए थे तभी से यहां के डॉक्टरों को हर दिन 100 मरीजों के आने की ट्रेनिंग दी जाने लगी थी. उन्हें ये भी पता है कि अगर मरीजों की संख्या 500 या 1000 तक पहुंचे तो क्या करना है. भारत सरकार को पता है कि यहां की जनसंख्या के हिसाब से अस्पताल कम हैं इसलिए तैयारी भी वैसी ही होनी चाहिए.

5- कोरोना के चरण ही नही रख पाए भारत में कदम

कहा जाता है कि हमेशा गलतियों से सबक लेना चाहिए। और बात ही भारत के वरदान साबित हो गई। भारत को दूसरे देशों की गलतियों से बहुत कुछ सीखने को मिला।

भारत को कोरोना से किसी भी हालत में ये जंग जीतनी थी। इसलिए उसे दूसरे चरण में जाने से रोकना होगा। भारत को पता था कि तीसरे चरण में इसे रोकना आसान नहीं होगा।

ऐसें में पहले चरण में विदेशों से आए लोगों में इसके लक्षण दिखते हैं, दूसरे चरण में उनके संपर्क में आने वालों में कोरोना फैलता है और तीसरे चरण में ये कम्युनिटी में फैलने लगता है। मोदी सरकार ने इसको लेकर इतनी जबरदस्त प्लानिंग की थी, जिसकी जितनी तारीफ की जाएं उतना ही कम है।

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Vidushi Mishra

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