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मणिपुर हिंसा, कश्मीर, आतंकवाद और भ्रष्टाचार...अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में गरजे शाह,PM मोदी-CM बीरेन सिंह का भी जिक्र
No Confidence Motion: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान कहा कि मणिपुर हिंसा मुद्दे को लेकर संसद के मानसून सत्र में पहले दिन से ही हंगामा हो रहा है। इस मामले पर अमित शाह ने विपक्ष खासकर कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला।
Amit Shah Speech in Lok Sabha: लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव (No confidence motion) पर बहस के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार (9 अगस्त) को विपक्ष को करारा जवाब दिया। अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा, 'यह अविश्वास प्रस्ताव सिर्फ भ्रम पैदा करने के लिए लाया गया है। ये प्रस्ताव देश में विपक्ष का 'असली चरित्र' दिखाएगा। उन्होंने कहा, संप्रग (UPA) का चरित्र अपनी सरकार बचाने के लिए भ्रष्टाचार करना है।' वहीं, मणिपुर हिंसा को उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण और परिस्थितियों से उत्पन्न बताया।
गृह मंत्री अमित शाह ने अपने भाषण में विभिन्न मुद्दों पर बात रखी। कई ऐसे विषय थे जिन्हें विपक्ष लंबे समय से उठाता रहा था, उसका भी जवाब दिया। शाह ने प्रधानमंत्री मोदी, उनके विकास कार्यों और भविष्य की योजनाओं पर भी प्रकाश डाला। केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'आजादी के बाद पीएम मोदी की सरकार ही ऐसी है जिसने सबसे ज्यादा लोगों का भरोसा जीता। प्रधानमंत्री मोदी जनता के बीच सबसे लोकप्रिय नेता हैं। वह बिना एक भी दिन छुट्टी लिए 17-17 घंटे काम करते हैं। देशवासियों का उन पर भरोसा है।'
आर्थिक मोर्चे पर ये बोले शाह
केंद्रीय गृह मंत्री ने आर्थिक मोर्चे पर भारत की सफलता का भी जिक्र किया। अमित शाह ने कहा, 'हमारी सरकार (Modi Govt) ने पिछले 9 वर्षों में देश की अर्थव्यवस्था को 11वें नंबर से 5वें पर पहुंचाया। मुझे पूरा विश्वास है कि नरेंद्र मोदी एक बार फिर देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। साथ ही साथ 2027 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरेगा।'
'हंगामा कर चुप करा दोगे, ये आसान नहीं'
लोकसभा में 'अविश्वास प्रस्ताव' पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर विपक्ष ने मणिपुर हिंसा (Manipur Violence) पर चर्चा से भागने का आरोप लगाया। जिसके जवाब में उन्होंने कहा, 'मैं मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हूं। वो (विपक्ष) चर्चा नहीं चाहते हैं, क्योंकि उन्हें बस विरोध करना है। मेरी चर्चा से संतुष्ट नहीं होते तो प्रधानमंत्री भी बयान देने के लिए विचार करते।' शाह ने आगे कहा, 'क्या समझते हैं कि सदन में हंगामा कर हमें चुप करा दोगे। मुझे चुप नहीं करा सकते। क्योंकि, मुझे देश की जनता का समर्थन प्राप्त है। 130 करोड़ लोगों ने हमें आशीर्वाद दिया है।'
मणिपुर हिंसा परिस्थितिजन्य
केंद्रीय मंत्री ने मणिपुर हिंसा पर अपनी सरकार की बात रखी। उन्होंने कहा, 'मणिपुर में हिंसा परिस्थितिजन्य है। मोदी सरकार के आने के बाद मणिपुर में हिंसक घटनाएं बेहद कम हुई हैं। विपक्ष मणिपुर पर चर्चा नहीं चाहता है। उन्होंने कहा, मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष की ओर से कई अफवाहें फैलाई गई। लेकिन सच ये है कि, मणिपुर में 6 साल के बीजेपी सरकार में एक भी दिन कर्फ्यू नहीं लगा।'
PM मोदी ने रात के 4 बजे फोन कर लिया जायजा
अमित शाह ने कहा, 'मणिपुर में परिस्थिति से पैदा हुई हिंसा है। इसको राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए'। उन्होंने आगे कहा, 'विपक्ष कहता है कि पीएम मोदी ध्यान नहीं रखते। मैं बताना चाहता हूं कि 3, 4 और 5 मई, 2023 को प्रधानमंत्री मोदी लगातार संपर्क में रहे। 3 मई, 2023 को ही मणिपुर में हिंसा शुरू हुई थी। रात करीब 4 बजे पीएम मोदी ने फोन पर मुझसे मणिपुर के बारे में बात की। अगले दिन सुबह 6:30 बजे उन्होंने फिर फोन करके मुझे जगाया, चर्चा की। तीन दिन तक हमने लगातार काम किया। इस दौरान 16 वीडियो कॉन्फ्रेंस की। वायु सेना का इस्तेमाल किया। डीजीपी को बदला गया।'
मणिपुर हिंसा को लोगों को समझना होगा
अमित शाह ने आगे कहा, 'मणिपुर की नस्लीय हिंसाओं को लोगों को समझना होगा। करीब 6 साल से मणिपुर में बीजेपी सरकार है। एक दिन भी वहां कर्फ्यू (curfew) नहीं लगाना पड़ा। उग्रवादी हिंसा लगभग खत्म हो गई। मगर, 2021 में पड़ोसी देश म्यांमार (Myanmar) में सत्ता परिवर्तन हुआ। वहां लोकतांत्रिक सरकार गिर गई। मिलिट्री का शासन भी राज्य ने देखा। इस बीच, वहां कुकी डेमोक्रेटिक फ्रंट (Kuki Democratic Front) ने लोकतंत्र के लिए आंदोलन शुरू किया। फिर, वहां की सेना ने इन पर दबाव बनाना शुरू किया। ऐसे में कुकी लोग वहां से शरणार्थियों के रूप में मिजोरम और मणिपुर आने लगे।'
हाईकोर्ट के फैसले ने 'आग में तेल' डाला
गृह मंत्री ने मणिपुर मसले पर कहा, 'हमने वहां शरणार्थियों के परिचय पत्र बनवाए। थंब और आई इंप्रेशन लिए। उनको वोटर लिस्ट और आधार कार्ड (Aadhar card) की नेगेटिव लिस्ट में डाला गया। इसी तरह, 29 अप्रैल को एक अफवाह फैली कि, 58 शरणार्थियों की जो बसावट हैं उनको गांव घोषित कर दिया गया। इससे मैतई समुदाय (Meitei Community) के लोग नाराज हो गए। लोगों को लगा ये स्थाई तौर पर यहीं बस जाएंगे। फिर, मणिपुर हाईकोर्ट (Manipur High Court) के फैसले ने आग में तेल डाल दिया। उसने सालों से पेंडिंग पड़ी याचिका पर सुनवाई की। कह दिया कि, पहले मैतई को आदिवासी घोषित कर दिया जाएगा। इसके बाद हिंसा हो गई।'
CM बीरेन सिंह कर रहे हैं मदद
गृह मंत्री शाह ने कहा, 'भारत सरकार ने चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी भेजे। 3 मई को हिंसा शुरू हुई और 4 मई को सब कुछ समाप्त हो गया। ये कहते हैं कि 356 (राष्ट्रपति शासन) क्यों नहीं लगाया? शाह ने कहा, 356 तब लगाया जाता है जब हिंसा के समय राज्य सरकार मदद न करे। हमने जो बदलाव किए उसे राज्य सरकार ने स्वीकार किया। मुख्यमंत्री तब बदलना पड़ता है जब वो मदद न करे। लेकिन मणिपुर के सीएम मदद कर रहे हैं।'
मैतई और कुकी समुदाय से की खास अपील
अमित शाह ने लोकसभा से अपने संबोधन के जरिये मणिपुर के आदिवासी समुदायों से शांति की अपील की। उन्होंने कहा, 'मैं मैतई और कुकी दोनों ही समुदायों से बातचीत में शामिल होने की अपील करता हूं। उन्होंने कहा, हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि, हम राज्य में शांति लाएंगे। इस मुद्दे पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए। हम आगे देख रहे हैं।'
वायरल वीडियो पर ये बोले गृह मंत्री
मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने वाले वायरल वीडियो पर भी अमित शाह ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, 'ये वीडियो संसद के मानसून सत्र के शुरू होने से ठीक पहले क्यों आया? अगर, किसी के पास ये वीडियो था तो उन्हें इसे DGP को देना चाहिए था। उसी दिन यानी 4 मई को तुरंत कार्रवाई की जारी। हमें जिस दिन वीडियो मिला हमने उन सभी 9 लोगों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया। मैं मणिपुर में तीन दिन रहा। इस समय अवधि के दौरान कई अहम निर्णय लिए। राज्य में हालात सामान्य करने के लिए क्षेत्र में अर्धसैनिक बल की तैनाती की।
शाह का वंशवाद और भ्रष्टाचार पर प्रहार
अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने कुछ ऐतिहासिक फैसले लिए। जिससे देश की राजनीति में वंशवाद और भ्रष्टाचार खत्म किया। उन्होंने कहा, कांग्रेस नीत UPA का चरित्र सत्ता की रक्षा करना है। लेकिन, NDA सिद्धांत की रक्षा के लिए लड़ता है।'
एक नेता को 13 बार लॉन्च किया गया, मगर...
लोकसभा में अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा, 'इस सदन में एक ऐसे नेता हैं जिन्हें 13 बार लॉन्च किया गया, लेकिन हो नहीं पाए। कलावती गरीब बहन के घर के लिए क्या किया? उनके घर बिजली सहित अन्य सुविधाएं देने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। आज जिस कलावती के घर भोजन करने गए, वो भी आज पीएम मोदी के साथ है।'
'आर्टिकल-370 नेहरू की भूल...'
अमित शाह ने आगे कहा, 'आर्टिकल-370 नेहरू की भूल थी। उस भूल को मोदी सरकार ने हटाया। इसके साथ, कश्मीर के भीतर से दो झंडे, दो संविधान खत्म हुए। भारत के साथ उसका पूरा जुड़ाव हुआ। शाह ने कहा, उन्होंने विपक्ष से जुड़े एक एनजीओ की रिपोर्ट देखी थी। जिसमें लिखा था कि, समस्या सुलझाने के लिए हुर्रियत से चर्चा करो, जमीयत से चर्चा करो, पाकिस्तान से चर्चा करो। हमने इनमें से किसी से भी चर्चा नहीं की। हम चर्चा करेंगे तो घाटी की जनता से करेंगे, वहां के युवाओं से करेंगे। वो हमारे अपने हैं। अब कश्मीर में किसी आतंकी का जनाजा नहीं निकाला जाता। क्योंकि, जिसको जहां मारा जाता है, वहीं दफन कर दिया जाता है।