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इलेक्टोरल बॉन्ड पर संसद में संग्राम, कांग्रेस ने लोकसभा से वाॅकआउट किया
संसद के शीतकालीन सत्र का गुरुवार को चौथा दिन है। बुधवार को राज्यसभा में महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन को लेकर रिपोर्ट पेश की गई। कांग्रेस ने गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा हटाने का मुद्दा उठाया।
नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र का गुरुवार को चौथा दिन है। बुधवार को राज्यसभा में महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन को लेकर रिपोर्ट पेश की गई। कांग्रेस ने गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा हटाने का मुद्दा उठाया। गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कश्मीर की मौजूदा स्थिति और एनआरसी से जुड़े तमाम सवालों के जवाब दिए।
इसके अलावा लोकसभा में चिट फंड (संशोधन) विधेयक, 2019 पर चर्चा हुई और ध्वनिमत से बिल पास हो गया। गुरुवार को राज्यसभा और लोकसभा में कई मुद्दों पर चर्चा होनी है।
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गुरुवार को संसद के शुरु होते ही दोनों ही सदनों में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया है। राज्यसभा सभापति ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित करने की घोषणा की है। लोकसभा में भी विपक्ष का हंगामा जारी है। कांग्रेस ने सरकार को इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर घेरा है।कांग्रेस सासंद मनीष तिवारी ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
लोकसभा अध्यक्ष के टोकने पर कांग्रेस सांसद हंगामा करने लगे जिसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने उनसे पेपर टेबल पर रखने की बात कही।
मोदी सरकार द्वारा इलेक्टोरल बॉन्ड जारी करने के लिए बिल लाने से कुछ दिनों पहले ही रिजर्व बैंक ने एक लेटर भेजकर सरकार को इसके खिलाफ चेताया था। इसी पर कांग्रेस ने हंगामा किया है।
मनीष तिवारी ने इलेक्टॉरल बॉन्ड को सियासत में पूंजीपतियों का दखल करार दिया। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और चुनाव आयोग के विरोध के बाद भी चुनावी बॉन्ड जारी किए उससे सरकारी भ्रष्टाचार के ऊपर एक अमलीजामा चढ़ गया है। 2014 से पहले इस देश में एक मूलभूत ढांचा था। उस ढांचे के तहत जो धनपशु लोग हैं जो अमीर लोग हैं, उनका भारत की सियासत में पैसे के हस्तक्षेप पर एक नियंत्रण था।'
तिवारी ने चुनावी बॉन्ड पर सवाल उठाते हुए कहा कि 1 फरवरी 2017 को इस सरकार ने अज्ञात इलेक्टॉरल बॉन्ड का प्रावधान किया। इस प्रावधान के बाद अब न तो जो डोनर है उसका पता चल सकता है और न कितना पैसा दिया गया और किस पार्टी को दिया गया, किसको दिया गया उसका ही पता चल सकता है। सरकारी भ्रष्टाचार को इस सरकार ने अमलीजामा पहनाने का काम किया है।
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बता दें कि बीजेपी को 2018-19 के बीच कुल 743 करोड़ रुपये चंदा मिला है। बीजेपी को मिले चंदे की जानकारी चुनाव आयोग में जमा किए गए दस्तावेजों से मिली है। बीजेपी को मिला चंदा कांग्रेस समेत अन्य सभी छह राष्ट्रीय पार्टियों को मिले संयुक्त राशि से तीन गुना अधिक है।
बीजेपी को साल 2018-19 में सबसे ज्यादा दान प्रोग्रेसिव इलेक्ट्रोरल ट्रस्ट द्वारा दिया गया। इसने बीजेपी को 356 करोड़ रुपए चंदा दिया है। संस्था प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट पर टाटा समूह का नियंत्रण है।
राज्यसभा में चन्द्रयान मिशन पर चर्चा
राज्यसभा में चन्द्रयान मिशन की असफलता से जुड़े सवाल पर जवाब देते हुए अंतरिक्ष विभाग के राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने बताया कि चन्द्रयान मिशन असफल नहीं था। उसने अपने कई लक्ष्य पूरे किए। ऑर्बिटर सामान्य रूप से काम कर रहा है। मैं इसे फेल्योर नहीं कह सकता हूं। बस लैंडर की लैंडिग ठीक से नहीं हो पाई।
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लोकसभा अध्यक्ष ने विपक्ष को समझाने की कोशिश की सदन में युवाओं और खिलाड़ियों पर चर्चा हो रही है। आपको हमेशा अपनी बात रखने का मौका मिलता है। लेकिन आप वेल में आकर नारेबाजी कर रहे हैं। सदन की मर्यादा बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी है।
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राज्यसभा में डैम सेफ्टी बिल पर चर्चा होगी। इसके साथ ही राज्यसभा में सरोगेसी बिल और ट्रांसजेंडर पर्सन्स बिल पर भी चर्चा होगी। लोकसभा में दिल्ली के वायु प्रदूषण पर एक बार फिर चर्चा होगी।