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शाह के इस बयान से फंसे राज्यपाल, पवार ने बोला हमला, याद दिलाया स्वाभिमान
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दो दिन पूर्व एक चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा था कि पत्र में राज्यपाल की ओर से कुछ ऐसे शब्दों का प्रयोग किया गया है जिनसे बचा जाना चाहिए था। शाह के बयान के बाद पवार ने सोमवार को राज्यपाल पर एक बार फिर हमला बोला।
अंशुमान तिवारी
मुंबई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पत्र पर दिए गए बयान के बाद एनसीपी मुखिया शरद पवार ने एक बार फिर राज्यपाल पर निशाना साधा है। पवार ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री ने भी पत्र में राज्यपाल की भाषा पर निराशा जताई है और ऐसी स्थिति में कोई भी स्वाभिमानी व्यक्ति होता तो वह पद पर नहीं बना रहता। केंद्रीय गृहमंत्री के बयान के बाद उसने अपने पद से इस्तीफा दे दिया होता।
शाह ने दिया था यह बयान
दरअसल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दो दिन पूर्व एक चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा था कि पत्र में राज्यपाल की ओर से कुछ ऐसे शब्दों का प्रयोग किया गया है जिनसे बचा जाना चाहिए था। शाह के बयान के बाद पवार ने सोमवार को राज्यपाल पर एक बार फिर हमला बोला।
आत्मसम्मान वाला व्यक्ति पद पर नहीं रहता
उस्मानाबाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री के बयान के बाद कोई भी आत्मसम्मान वाला व्यक्ति पद पर नहीं बना रहता। उन्होंने कहा कि हम इस बाबत मांग करने वाले कौन होते हैं। पद पर बने रहने या ना बने रहने का फैसला तो उस व्यक्ति को ही लेना होगा।
राज्यपाल के इस पत्र पर हुआ था विवाद
दरअसल राज्यपाल कोश्यारी की ओर से हाल में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे गए पत्र पर खासा विवाद पैदा हो गया था। राज्यपाल ने अपने पत्र में महाराष्ट्र में धर्म स्थलों को फिर से खोलने की वकालत की थी और ठाकरे से सवाल किया था कि क्या शिवसेना अध्यक्ष अचानक सेक्युलर हो गए हैं।
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ठाकरे ने दिया था तीखा जवाब
राज्यपाल के इस पत्र के बाद मुख्यमंत्री की ओर से भी उन्हें तीखा जवाब दिया गया था। ठाकरे ने राज्यपाल को जवाब देते हुए कहा था कि मुझे अपने हिंदुत्व के लिए राज्यपाल के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। अब इस बाबत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है राज्यपाल की ओर से पत्र में और बेहतर शब्दों का इस्तेमाल किया जा सकता था।
राज्यपाल के इस पत्र पर आपत्ति जताते हुए पवार ने प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा था। पवार ने उम्मीद जताई थी कि मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री ने राज्यपाल के इस पत्र का संज्ञान जरूर लिया होगा।
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महाराष्ट्र की आर्थिक हालत खस्ता
एनसीपी नेता पवार ने महाराष्ट्र की खराब आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए कहा कि राज्य में बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए सरकार के पास कर्ज के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र इस समय ऐतिहासिक आर्थिक संकट का सामना कर रहा है और लोगों की मदद के लिए सिर्फ कर्जे ही विकल्प बाकी रह गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य की खराब आर्थिक स्थिति को लेकर वे जल्द ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात कर इस पर विस्तृत चर्चा करेंगे। भाजपा के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे के एनसीपी में शामिल होने की अटकलों के संबंध में पूछे जाने पर पवार ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया।
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महाराष्ट्र में बारिश और बाढ़ का कहर
महाराष्ट्र में हाल में भारी बारिश का कहर दिखा था और बारिश और बाढ़ से जुड़े हादसों में करीब 48 लोगों की मौत हो गई थी। खास तौर पर पुणे, औरंगाबाद और कोंकण इलाकों में बारिश का जबर्दस्त कहर दिखा था। बारिश और बाढ़ से प्रभावित इलाकों में सरकार की ओर से बड़ा अभियान चलाया गया है। 40,000 से अधिक लोगों को सरकार की ओर से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
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