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हिंसा पर बड़ी खबर: ट्रैक्टर परेड पर HC का तगड़ा जवाब, जल्द याचिका वापस लो

किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा और सुरक्षा में कथित गलती की जांच की मांग करने वाली याचिका बड़ा फैसला करते हुए सुनवाई से बृहस्पतिवार को मना कर दिया। ऐसे में मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने याचिकाकर्ता से पूछा कि आप याचिका वापस लेंगे या वह जुर्माना लगाकर इसे खारिज करें।

Vidushi Mishra
Published on: 4 Feb 2021 5:31 PM IST
हिंसा पर बड़ी खबर: ट्रैक्टर परेड पर HC का तगड़ा जवाब, जल्द याचिका वापस लो
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आपने 26 जनवरी दोपहर को ही याचिका लिखनी शुरू कर दी थी? क्या आपको पता है कि दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत जांच करने के लिए कितना समय दिया गया है?

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा और सुरक्षा में कथित गलती की जांच की मांग करने वाली याचिका बड़ा फैसला करते हुए सुनवाई से बृहस्पतिवार को मना कर दिया। ऐसे में मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने याचिकाकर्ता से पूइसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता एंव वकील विवेक नारायण शर्मा से पूछा कि क्या उन्होंने 26 जनवरी की घटना के तुरंत बाद ही याचिका लिखनी शुरू कर दी थी, क्योंकि इसे 29 जनवरी को दायर किया गया है।

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क्या सरकार के पास कोई जादू की छड़ी

किसान ट्रैक्टर रैली मामले में पीठ ने वकील से पूछा, ‘आपने 26 जनवरी दोपहर को ही याचिका लिखनी शुरू कर दी थी? क्या आपको पता है कि दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत जांच करने के लिए कितना समय दिया गया है? आप एक वकील हैं। बताएं जांच के लिए कितना समय दिया गया है?’

इस पर उसने कहा, ‘आप चाहते हैं कि घटना के दो दिन के अंदर ही जांच पूरी हो जाए? क्या सरकार के पास कोई जादू की छड़ी है, जिसे घुमाते ही सब कुछ हो जाएगा? हम दंड लगाकर इसे खारिज करें या आप इसे वापस ले रहे हैं?’

kisan protest फोटो-सोशल मीडिया

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दायर की गई याचिका को वापस ले लेंगे

फिर इसके बाद शर्मा ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश के तीन निवासियों की ओर से दायर की गई याचिका को वापस ले लेंगे। याचिका में हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी। इस पर पीठ ने कहा, ‘ अनुमति दी जाती है। याचिका अब खारिज हो गई है क्योंकि उसे वापस ले लिया गया है।’

लेकिन इस बारे में सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने सुनवाई के दौरान अदालत को बताया था कि हिंसा के संबंध में 43 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं और इनमें से 13 दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ (अपराध शाखा) को स्थनांतरित कर दी गई है।

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