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खौफनाक PFI: निशाने पर बड़े नेता, सूबे को दहलाने की साजिश

पीएफआई अपनी स्थापना की वर्षगांठ पर देश और उत्तर प्रदेश को दहलाने की साजिश का खुलासा हो चुका है। Newstrack.com ने PFI की नापाक गतिविधियों पर दो साल पहले स्पेशल रिपोर्ट दी थी।

Shivani Awasthi
Published on: 17 Feb 2021 11:02 AM IST
खौफनाक PFI: निशाने पर बड़े नेता, सूबे को दहलाने की साजिश
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रामकृष्ण वाजपेयी

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का खौफनाक सच एक बार फिर सामने आया है। इस संगठन की अपनी स्थापना की वर्षगांठ पर देश और उत्तर प्रदेश को दहलाने की साजिश का खुलासा हो चुका है। बसंत पंचमी पर यह संगठन सरस्वती पूजा हिन्दू संगठनों के कार्यक्रमों और महत्वपूर्ण व्यक्तियों को निशाना बनाना चाहता था। केरल से इसके दो कमांडर अन्सद बदरुद्दीन और फिरोज खान लखनऊ तक पहुंच गए थे। जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।

Newstrack.com ने पीएफआई की नापाक गतिविधियों पर दो साल पहले स्पेशल रिपोर्ट दी थी। जिसमें इस बात का उल्लेख किया गया था कि उत्तर प्रदेश सरकार ने पीएफआई पर प्रतिबंध की सिफारिश केंद्र सरकार को कर दी है। बावजूद इसके पीएफआई लगातार विध्वंसक गतिविधियों में लगा हुआ है आए दिन इसके कारनामे सामने आ रहे हैं। फिलहाल यह संगठन सिर्फ झारखंड में प्रतिबंधित है।

देखें न्यूजट्रैक की रिपोर्ट

https://newstrack.com/india/all-details-about-pfi-492130.html

आतंकियों का मकसद- पीएफआई के कुछ सदस्यों को विस्फोटक बांटना

एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश का यह कहना कि दोनो आतंकियों का मकसद यहां पीएफआई के कुछ सदस्यों को विस्फोटक बांटना था। पीएफआई की उत्तर प्रदेश में फैलती जड़ों का संकेत है। एसटीएफ अब संदेह के घेरे में आए युवकों के बारे में छानबीन कर रही है।

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आतंकियों का लखनऊ में कुकरैल पिकनिक स्पॉट तक पहुंचना खतरे का संकेत

एसटीएफ की निसंदेह यह बड़ी कामयाबी है लेकिन इन आतंकियों का लखनऊ में कुकरैल पिकनिक स्पॉट तक पहुंच जाना खतरे का संकेत है। क्योंकि एसटीएफ इनको लखनऊ में घुसते ही नहीं पकड़ पाई। अमिताभ यश के मुताबिक पहले 11 फरवरी को इनके आने की सूचना थी लेकिन घेराबंदी के बावजूद इनका पता नहीं चल सका।

पीएफआई के स्थापना दिवस के मौके पर 17 फरवरी को यूपी में अलर्ट

17 फरवरी को पीएफआई का स्थापना दिवस होने के कारण सूबे में अलर्ट जारी कर दिया गया है। आशंका है कि संगठन कुछ गड़बड़ी कर सकता है। एडीजी कानून व्यवस्था का यह भी कहना है कि पीएफआई ने इंटरनेट मीडिया पर स्वीकार किया है कि मथुरा में पकड़े गए उसके सदस्य हाथरस जा रहे थे। यह बात उसके खतरनाक मंसूबों को स्पष्ट करती है।

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इसके अलावा दोनो आरोपितों के कब्जे से 16 हाई एक्सप्लोसिव डिवाइस, बैट्री डेटोनेटर, लाल रंग का तार, .32 बोर की पिस्तौल, सात कारतुस और चौंका देने वाले दस्तावेजों का मिलना इस संगठन की करतूत को उजागर कर रहा है। इनके पास से हिन्दू संगठनों के कई बड़े नेताओं की सूची भी मिली है। मलयालम भाषा में दस्तावेज भी मिले हैं।

पीएफआई के निशाने पर कई बड़े नेता

पीएफआई के निशाने पर कई बड़े नेताओं के होने की बात भी आ रही है खासकर हिंदूवादी संगठनों के नेताओं की सीरियल कीलिंग की बात। यानी इसका मकसद देश के विभिन्न हिस्सों में एक साथ आतंकी हमले करके दहशत फैलाना था। पकड़े गए आतंकी बसंतपंचमी के अवसर पर दहशत फैलाने आए थे।

इनमें से एक फिरोज खान युवकों को हथियार चलाने व बम बनाने की ट्रेनिंग देने का एक्सपर्ट है। चौंकाने वाली सूचना यह है कि ये आतंकी लखनऊ आने के बाद कुछ युवकों को विस्फोटक बांट चुके हैं।

अबतक पीएफआई के 123 सदस्य गिरफ्तार

सूबे में अबतक पीएफआई के 123 सदस्य गिरफ्तार किये जा चुके हैं। सीएए के विरोध में लखनऊ में हुई हिंसा में उपद्रवियों ने जब जम्मू कश्मीर के आतंकियों की तर्ज पर पत्थरबाजी की थी उस समय भी पीएफआई की भूमिका सामने आयी थी। इसमें इसके प्रदेश अध्यक्ष वसीम अहमद समेत अन्य सदस्यों को पकड़ा भी गया था।

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Shivani Awasthi

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