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लगातार छठी बार स्वतंत्रता दिवस पर संबोधित करेंगे मोदी, ये होंगे भाषण के मुख्य अंश

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लालकिले से गुरुवार को लगातार छठी बार स्वतंत्रता दिवस पर देश को संबोधित करेंगे। भारी बहुमत के बाद सत्ता में वापसी के बाद उनका लाल किले से यह पहला भाषण होगा।

Dharmendra kumar
Published on: 14 Aug 2019 3:21 PM GMT
लगातार छठी बार स्वतंत्रता दिवस पर संबोधित करेंगे मोदी, ये होंगे भाषण के मुख्य अंश
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लालकिले से गुरुवार को लगातार छठी बार स्वतंत्रता दिवस पर देश को संबोधित करेंगे। भारी बहुमत के बाद सत्ता में वापसी के बाद उनका लाल किले से यह पहला भाषण होगा।

जानकारों का मानना है कि जम्मू-कश्मीर पर किए गए ऐतिहासिक निर्णय से लेकर अर्थव्यवस्था की स्थिति तक वह विभिन्न मुद्दों पर वह चर्चा करेंगे। 15 अगस्त के मौके पर पीएम मोदी अपने संबोधन में सरकार की महत्वकांक्षी परियोजनाओं जैसे 'स्वच्छ भारत', 'आयुष्मान भारत' और भारत के अंतरिक्ष में पहले मानव मिशन जैसी घोषणाएं करते आए हैं।

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प्रधानमंत्री अपने संबोधन में उनके नेतृत्व में हो रहे विकास को रेखांकित करने और अपनी सरकार के कामकाज का लेखाजोखा भी पेश करने के लिए करते रहे हैं।

यह होगा खास

पार्टी नेता मानते हैं कि हाल में हुए आम चुनाव में बीजेपी को मिली प्रचंड जीत और इसके बाद जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 के प्रावधानों को हटाने के कदम को संसद की मंजूरी से प्रधानमंत्री के भाषण की दिशा पहले ही निर्धारित हो चुकी है। हाल ही में राष्ट्र के नाम दिए संदेश में प्रधानमंत्री ने घाटी के लोगों को विकास और शांति का वादा किया था।

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वाजपेयी की करेंगे बराबरी

मोदी गुरुवार को लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस पर भाषण देने के साथ ही अटल बिहारी वाजपेयी की बराबरी कर लेंगे। वाजपेयी बीजेपी के पहले नेता थे जिन्होंने 1998 से 2003 बीच लगातार छह बार लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस पर भाषण दिया। कई लोग मानते हैं वह इस अवसर का इस्तेमाल सुधार या समाज के विभिन्न वर्गों को रियायत देने की घोषणा के लिए कर सकते हैं।

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ऐसा भी विचार है कि मोदी आर्थिक मंदी को लेकर जताई जा रही चिंता पर भी बोलेंगे। वह अकसर अपनी पंसदीदा परियोजनाओं जैसे स्वच्छता, भ्रूण हत्या आदि के लिए जनसमर्थन जुटाने के लिए भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक परंपराओं का उल्लेख करते हैं। लेकिन इस बार वह जल संरक्षण के विषय को प्रमुखता से उठा सकते हैं जो उनके दूसरे कार्यकाल की प्राथमिकताओं वाला एक मुद्दा है।

Dharmendra kumar

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