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UN में बोले PM मोदी, हमने आत्मनिर्भर भारत अभियान चलाया, आगे बढ़ रहा भारत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र (यूएन) को संबोधित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह संबोधन संयुक्त राष्ट्र की 75वीं सालगिरह की पूर्व संध्या पर हो रहा है। यूएन (सुरक्षा परिषद) का अस्थायी सदस्य बनने के बाद पीएम मोदी का यह पहला संबोधन है।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र (यूएन) को संबोधित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह संबोधन संयुक्त राष्ट्र की 75वीं सालगिरह की पूर्व संध्या पर हो रहा है। यूएन (सुरक्षा परिषद) का अस्थायी सदस्य बनने के बाद पीएम मोदी का यह पहला संबोधन है।
संयुक्त राष्ट्र के अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे खाद्य सुरक्षा योजना से 830 मिलियन नागरिकों को फायदा मिली है। उन्होंने कहा कि पीएम आवास योजना के जरिए 2022 तक हर भारतीय के सिर के ऊपर अपनी क्षत होगी जब भारत अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा होगा।
उन्होंने कहा कि दूसरे विश्वयुद्ध के बाद दुनिया बदल गई है। पीएम मोदी ने भारत हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। हम अपनी महिलाओं को सशक्त बनाने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। पिछले 6 साल में हमने डायरेक्ट बिनिफिशियल प्रोग्राम के लिए 40 करोड़ बैंक खाते खोले हैं। जरूरतमंद लोगों के खाते में सीधे पैसे पहुंचाए।
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प्रधानमंत्री ने कहा कि हम एजेंडा 2030 को पूरा करने के लिए प्रयासरत हैं। हम विकासशील देशों की मदद कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य है सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास।"
पीएम मोदी ने आगे कहा कि हमने गरीबों के लिए घर बनाए। हमने गरीबों के इलाज के लिए आयुष्मान योजना चलाईं। पांच साल में हमने 38 मिलियन कार्बन उत्सर्जन कम किया। उन्होंने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक बैन का अभियान चलाया।
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प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सभी प्राकृतिक आपदाओं से लड़े। हमने सार्क कोविड इमरजेंसी फंड बनाया। कोरोना से लड़ाई को हमने जन आंदोलन बनाया। अर्थव्यवस्था को वापस ट्रैक पर लाने के लिए पैकेज लाए। हमने आत्मनिर्भर भारत अभियान चलाया।
कोरोना वायरस पर पीएम मोदी ने कहा कि हम सभी प्राकृतिक आपदाओं से लड़े। उन्होंने कहा कि भारत ने आपदाओं का मुकाबला तेजी और मजबूती से किया। हमने सार्क कोविड इमरजेंसी फंड बनाया। कोरोना से लड़ाई को हमने जन आंदोलन बनाया।
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उन्होंने कहा कि कोरोना पर भारत का रिकवरी रेट दुनिया में सबसे बेहतर है। हमने जनता को कोरोना के खिलाफ लड़ाई से जोड़ा। चुनौतियों से हमें मिल-जुल कर लड़ना होगा। अर्थव्यवस्था को वापस ट्रैक पर लाने के लिए पैकेज लाए। हमने आत्मनिर्भर भारत अभियान चलाया।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन के अंत में यह बात भी दोहराई कि भारत संयुक्त राष्ट्र के उद्देश्यों में पूरे समर्थन के साथ अपना सहयोग जारी रखेगा।
संयुक्त राष्ट्र ( United Nations)
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है। जिसके उद्देश्य में उल्लेख है कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून को सुविधाजनक बनाने के सहयोग, अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, मानव अधिकार और विश्व शांति के लिए कार्यरत है।
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स्थापना
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की स्थापना 24 अक्टूबर, 1945 को संयुक्त राष्ट्र अधिकार पत्र पर 50 देशों के हस्ताक्षर होने के साथ हुई। ऐसे में आज विश्व के हर देश एक-दूसरे पर अधिकार जमाने के लिए खड़े रहते हैं।
स्थापना की ये थी वजह
विश्व में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान दुनियाभर में तबाही का मंजर छाया हुआ था। काफी ज्यादा अशांति फैली हुई थी। जिसके बाद से दुनियाभर के तमाम देशों में आपसी रिश्ते खराब हो रहे थे।
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इसको देखते हुए विश्व युद्ध के बाद विजेता देशों ने मिलकर एक ऐसा संगठन बनाने का प्रस्ताव रखा, जो विश्व में शांति बना कर रख सके और फिर संयुक्त राष्ट्र संघ का गठन किया गया। 24 अक्तूबर 1945 को विश्व के 50 देशों ने चार्टर (संयुक्त राष्ट्र अधिकार पत्र) पर हस्ताक्षर कर इसका गठन किया।
उद्देश्य
संगठन का गठन करने का उद्देश्य सभी देशों के बीच अच्छे रिश्ते बनाए रखना, गरीब और भूखे लोगों की सहायता करना। साथ ही उनकी स्थिति को बेहतर बनाना।
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सदस्य देश
बता दें, गठन के संयुक्त राष्ट्र संघ में 50 सदस्य देश शामिल हुए थे, लेकिन अब इसके सदस्य देशों की संख्या 193 है। बड़ी जानकारी तो ये है कि भारत दो साल के लिए सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य चुना गया है। भारत के पक्ष में 192 में से 184 वोट पड़े थे।
ऐसे में भारत का पिछला कार्यकाल 1 जनवरी, 2021 को खत्म होना। अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, रूस और चीन सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य हैं। इसके अलावा 10 अस्थायी सदस्य होते हैं। इसमें से आधे हर साल दो साल के लिए चुने जाते हैं।
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