कसाब को जिंदा गिरफ्तार करने वाले पुलिसकर्मियों को मिला ये शानदार तोहफा

Ashiki
Published on: 5 March 2020 6:47 AM GMT
कसाब को जिंदा गिरफ्तार करने वाले पुलिसकर्मियों को मिला ये शानदार तोहफा
X

नई दिल्ली: मुंबई 26/11 का वो आतंकी हमला जिसने पुरे देश को हिला कर रख दिया था। इस हमले को आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने अंजाम दिया था। अब घटना के 12 साल बीतने के बाद हमले के दौरान आतंकवादी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ने वाले 14 पुलिसकर्मियों को राज्य सरकार ने वन रैंक प्रमोशन देने का फैसला लिया है।

12 साल बाद सभी को मिलेगा प्रमोशन-

महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने राज्य विधानसभा के बाहर मीडिया से बातचीत के दौरान यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि 26/11 आतंकी हमले में शहीद हुए तुकाराम ओम्बले और 14 अन्य पुलिसकर्मियों ने आतंकवादी अजमल कसाब को जिंदा गिरफ्तार किया था। सरकार ने बहादुरी दिखाने वाले इन 14 पुलिसकर्मियों को पदोन्नति देने का निर्णय किया है।’’

ये भी पढ़ें: जम्मू कश्मीर से बड़ी खबर, अब नहीं छोड़ेंगे लोग यहां घरबार, जानिए क्यों?

धमाकों और गोलीबारी से थर्रा उठा था पूरा शहर-

26 नवंबर 2008 की वो शाम जब बॉलीवुड नगरी अपने शबाब पर थी। तभी अचानक शहर के एक हिस्से में गोलियां तड़तड़ाने लगी। ये वही शाम थी जब आतंकियों ने मुंबई पर कहर बरपाना शुरू कर दिया था। जिसकी शुरुआत लियोपोल्ड कैफे और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस से हुई थी। इससे पहले कि देश की आर्थिक राजधानी आतंकियों के साजिस को समझ पाती तब तक धमाकों और गोलीबारी से पूरा शहर थर्रा उठा था।

ये भी पढ़ें: इजराइली PM ने कोरोना से बचने के लिए दी ‘नमस्ते’ करने की सलाह, थरूर ने कहा…

गौरतलब है कि पाकिस्तान से दस आतंकवादी समुद्र के मार्ग से मुंबई में घुसे थे। 26 नवंबर 2008 को इन आतंकवादियों ने खुलेआम मुंबई के अलग-अलग हिस्सों में फायरिंग शुरू कर दी थी। इसमें 166 लोगों की मौत हुई थी। इन आतंकवादियों से लड़ते हुए 18 सुरक्षाकर्मी भी शहीद हुए थे।

पुलिस ने नौ आतंकवादियों को मार गिराया था-

उस दौरान मुंबई शहर को आतंकियों ने हिलाकर रख दिया था। उन्होंने हर तरफ कोहराम मचा रखा था। शहर के हर हिस्से में दहशत और मौत का खौफ साफ देखा जा सकता था। आतंकियों के खिलाफ मुंबई में 11 जगहों पर पुलिस और सुरक्षा बलों ने कार्रवाई की थी। जिसमें पुलिस ने नौ आतंकवादियों को मार गिराया था। अजमल कसाब इकलौता आतंकवादी था, जिसे पुलिस ने जिंदा पकड़ा था। कसाब को चार साल बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 21 नवंबर 2012 को फांसी की सजा दी गई।

ये भी पढ़ें: कोरोना का कहर: गायब हुए हैंड सैनेटाइजर और मास्क, कीमतों में भी आया भारी उछाल

Ashiki

Ashiki

Next Story