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रहें सावधान: खतरे में ये राज्य, बहुत तेजी से दूषित होते जा रहे शहर

बढ़ती जनसंख्या और उस वजह से हो रहे प्रदूषण के कारण पूरा वातावरण दूषित हो चूका है। पिछले साल विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची जारी की थी, जिसके 15 बड़े शहरों में 14 भारत के थे।

Roshni Khan
Published on: 28 Aug 2023 11:15 AM GMT
रहें सावधान: खतरे में ये राज्य, बहुत तेजी से दूषित होते जा रहे शहर
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नई दिल्ली: बढ़ती जनसंख्या और उस वजह से हो रहे प्रदूषण के कारण पूरा वातावरण दूषित हो चूका है। पिछले साल विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची जारी की थी, जिसके 15 बड़े शहरों में 14 भारत के थे। अगर अभी के आंकड़ों से तुलना करें तो इन शहरों में प्रदूषण का स्तर ठंड की शुरुआत में ही खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। लास्ट अक्तूबर में दीपावली और नवंबर-दिसंबर में इन शहरों में प्रदूषण का स्तर और ज्यादा बढ़ने का अंदाजा लगाया जा रहा है।

WHO की बड़े खास 15 प्रदूषित देशों की सूची में कानपुर सबसे ऊपर था। इसमें फरीदाबाद, वाराणसी, गया, पटना, दिल्ली, लखनऊ, आगरा, मुजफ्फरपुर, श्रीनगर, गुरुग्राम, जयपुर पटियाला और जोधपुर शामिल थे। आज हम आपको बतातें हैं भारत के ऐसे शहरों के बारे में जो शीर्ष 50 प्रदूषित शहरों में शामिल रहे हैं।

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कानपुर : सांस लेना मुश्किल

कानपुर में पीएम 2.5 का स्तर दोपहर दो बजे के पहले ही अधिकतम 300 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गया। टूटी सड़कों और खुदाई के कारण उड़ती धूल, कूड़ा जलाने और वाहनों से निकल रहा धुआं हवा जहरीली हो रही है।

लखनऊ : दमघोंटू हवा

यूपी की राजधानी लखनऊ में सुबह के वक्त हवा से दम घुटने जैसा माहौल रहा। अलीगंज में पीएम 2.5 का अधिकतम स्तर 353, गोमतीनगर में 287 और तालकटोरा में 329 रहा। प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम की अध्यक्षता में 17 विभागों की संयुक्त बैठक हुई। भवन निर्माण कर रहे 60 लोगों को नोटिस भेजी जा चुका है। सड़कों पर पैच वर्क का काम भी शुरू हो गया है। पेड़ों व सड़कों पर पानी का छिड़काव अभी शुरू नहीं हो सका है।

वाराणसी : नागरिकों का जीना मुहाल

पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में प्रदूषण के खतरनाक महीन कण पीएम 2.5 का स्तर दोपहर को 314 तक पहुंच गया। जबकि पीएम 10 का स्तर 248 रहा। शहर में पिछले एक हफ्ते से प्रदूषण का स्तर बेहद गंभीर है। शहर की सड़कों की बदहाल स्थिति, भारी ट्रैफिक और प्रोजेक्ट निर्माण लापरवाही से धूल और धुआं बढ़ा है।

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आगरा : फिलहाल संतोषजनक स्थिति

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक आगरा के व्यस्ततम इलाके संजय प्लेस में चार दिनों से पीएम 2.5 का अधिकतम स्तर 120 से लेकर 130 के बीच रहा। गुरुवार की दोपहर 12 बजे ये घटकर 98 रह गया। हालांकि दिवाली के आसपास पटाखों का धुआं भी होगा। इससे स्मॉग का खतरा गहराएगा।

मुरादाबाद : रेड जोन में पहुंचा

मुरादाबाद में सुबह 8 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 320 दर्ज किया गया। हवा में पीएम 10 कणों की मात्रा 227 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रही। दोपहर में कम ट्रैफिक के दौरान प्रदूषण का स्तर थोड़ा सुधरा। अमरोहा का गजरौला क्षेत्र बीते साल प्रदेश के टॉप 15 प्रदूषित शहरों में रहा है। मुरादाबाद में पीतल भट्ठियों के कारण सुबह और रात की हवा खराब होती है।

मुजफ्फरपुर में लगातार बढ़ा स्मॉग

मुजफ्फरपुर में गुरुवार का प्रदूषण स्तर 269 (पीएम 2.5 का स्तर) बिहार में सबसे अधिक रहा। जबकि मुजफ्फरपुर औद्योगिक शहर नहीं है। फिर भी यहां की हवा में पीएम 2।5 मात्रा दिल्ली के ओखला औद्योगिक क्षेत्र की हवा के आसपास है।

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मेरठ : सांस लेना दूभर

मेरठ में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब स्तर पर है। दो बजे मेरठ में एयर क्वालिटी इंडेक्स 289 दर्ज हुआ। देर शाम प्रदूषण का स्तर 315 से 340 तक पहुंच रहा है। मेरठ देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में तीसरे स्थान पर था। मेरठ में मुख्य प्रदूषक पीएम-2.5 है। शहर में खुले में जलाया जा रहा कूड़ा, धुंआ उगलते वाहन और उद्योग हैं।

शहरों में प्रदूषण का हाल

दिल्ली : 325

नोएडा : 325

आगरा : 144

गाजियाबाद : 378

कानपुर : 430

फरीदाबाद : 309

वाराणसी : 329

पटना : 318

लखनऊ : 353

मुजफ्फरपुर : 318

गुरुग्राम : 324

गया : 300

जयपुर : 152

WHO की रेड लिस्ट

कानपुर : 173

फरीदाबाद : 151

वाराणसी : 151

गया : 149

पटना : 144

दिल्ली : 143

लखनऊ : 138

आगरा : 131

मुजफ्फरपुर : 120

श्रीनगर : 113

गुरुग्राम : 113

Roshni Khan

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