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LPG गैस पर बड़ी खबर: मोदी सरकार को मिली जीत, पूरा हुआ लक्ष्य

देश के लिए वरदान साबित हुई प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) अपने लक्ष्य में सफल हो गई। इस योजना के तहत 8 करोड़ नए एलपीजी कनेक्शन देने का लक्ष्य पूरा कर लिया गया है।

Newstrack
Published on: 14 Sep 2020 11:25 AM GMT
LPG गैस पर बड़ी खबर: मोदी सरकार को मिली जीत, पूरा हुआ लक्ष्य
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प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) अपने लक्ष्य में सफल हो गई। इस योजना के तहत 8 करोड़ नए एलपीजी कनेक्शन देने का लक्ष्य पूरा कर लिया गया है।

नई दिल्ली: देश के लिए वरदान साबित हुई प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) अपने लक्ष्य में सफल हो गई। इस योजना के तहत 8 करोड़ नए एलपीजी कनेक्शन देने का लक्ष्य पूरा कर लिया गया है। साथ ही तेल विपणन कंपनियों ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के जरिए उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को 1306.87 लाख LPG Refill जारी कर दिए हैं। ये समस्त जानकारी पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने दी है।

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योजना का लक्ष्य पूरा

प्रधानमंत्री उज्जवला योजना(PMUY) के जरिए 8 करोड़ नए एलपीजी(LPG) कनेक्शनों को जरूरतमंद लोगों को देने में केंद्र सरकार की इस योजना का लक्ष्य पूरा हो गया है।

ऐसे में जयपुर से बड़ी बात ये सामने आई है कि केंद्र सरकार ने कोरोना काल में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के अंतर्गत लाभार्थियों को नि:शुल्क गैस सिलेंडर दिए, इसके बावजूद गरीबों ने 95 लाख सिलेंडर नहीं लिए।

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असल में प्रदेश में उज्जवला गैस योजना के 66 लाख उपभोक्ता हैं। इन्हें तीन-तीन सिलेंडर के हिसाब कुल 1.98 करोड़ एलपीजी सिलेंडर दिए जाने थे। अभी तक 1.03 करोड़ सिलेंडर ही जारी हो सके हैं। कहीं दूसरी आवश्यकता में तो नहीं ले लिए 48 करोड़... प्रदेश में उपभोक्ताओं के पास अभी भी सिलेंडर के हिस्से के करीब 48 करोड़ रुपए बकाया हैं।

LPG फोटो-सोशल मीडिया

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ये हो सकते हैं कारण

इसके साथ ही तेल कम्पनियों ने यह राशि सिलेंडर लेने के लिए गरीबों के खाते में जमा करवाई थी, लेकिन अभी तक इनमें से 8.04 लाख सिलेंडरों की बुकिंग नहीं करवाई गई। अब ये भी अनुमान लगाया जा रहा है कि कोरोना काल में खराब आर्थिक स्थिति के चलते गरीबों ने सिलेंडर की राशि का इस्तेमाल अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए तो नहीं कर लिया।

इसका कारण ये भी हो सकता है कि कोरोना महामारी के दौर में श्रमिक व गरीब तबके के लोग अपने जिलों या राज्यों में पलायन कर गए। लॉकडाउन में काम नहीं होने की वजह से लोगों के पास भोजन की कमी रही हो।

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