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कृषि बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी: विरोध के बीच हुआ पास, विपक्ष ने की थी ये अपील
विरोध के बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) ने रविवार को किसानों और खेती से जुड़े बिलों को मंजूरी दे दी है।
नई दिल्ली: संसद से पारित होने के बाद कृषि विधेयकों को राष्ट्रपति की ओर से मंजूरी मिल गई है। किसानों और विपक्षी दलों के लगातार विरोध के बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) ने रविवार को किसानों और खेती से जुड़े बिलों को मंजूरी दे दी है। बता दें कि किसान और राजनीतिक दलों द्वारा इन विधेयकों को वापस लेने की मांग की जा रही थी, लेकिन अब राष्ट्रपति द्वारा भी इन पर सहमति दे दी गई है।
इन विधेयकों को राष्ट्रपति ने दी मंजूरी
गौरतलब है कि मॉनसून सत्र में लाए गए कृषि संबंधित बिल कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक-2020 को लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों से मंजूरी मिल चुकी है। अब इनको राष्ट्रपति ने भी हरी झंडी दिखा दी है।
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किसानों और राजनीतिक दलों ने किया प्रदर्शन
बता दें कि बीते रविवार जब मोदी सरकार ने कृषि सम्बन्धी इन विधेयकों को राज्यसभा से पास कराया तो इस पर संसद में जमकर हंगामा हुआ था। साथ ही देशभर में किसान सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए थे। राजनीतिक दलों समेत किसान संगठनों द्वारा 25 सितंबर शुक्रवार को भारत बंद बुलाया गया था। इस दौरान उत्तर भारत, पंजाब, हरियाणा, और पश्चिम उत्तर प्रदेश में जमकर विरोध प्रदर्शन हुआ।
गुलाम नबी आजाद ने की थी राष्ट्रपति से मुलाकात
इसके बाद बुधवार को कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने इस मसले पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की थी। विपक्ष के प्रतिनिधिमंडल की तरफ से गुलाम नबी आजाद राष्ट्रपति से मिलने पहुंचे थे। आजाद का कहना था कि सरकार को सभी राजनीतिक दलों से बात करके ही यह बिल लाना चाहिए था।
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कृषि बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी (फोटो- ट्विटर)
PM ने बिलों पर की चर्चा
वहीं इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रविवार सुबह सुबह 'मन की बात' रेडियो कार्यक्रम के दौरान तीन बिलों से किसानों को होने वाले लाभ के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि अब किसानों को अपनी उपज को देश में कहीं भी बेचने की आजादी मिली है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संकट के इस काल में भी हमारे देश के कृषि क्षेत्र ने फिर अपना दमखम दिखाया है।
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किसान मजबूत होंगे तो आत्मनिर्भर भारत की नीवं मजबूत होगी
कृषि बिलों को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि फल-सब्जियों के अतिरिक्त किसान अपने खेत में, जो कुछ पैदा कर रहे हैं, धान, गेहूं, सरसों, गन्ना उसको अपनी इच्छा अनुसार जहां ज्यादा दाम मिले, वहीं पर बेचने की आजादी मिल गई है। उन्होंने यह भी कहा कि देश का कृषि क्षेत्र, हमारे किसान, हमारे गांव, आत्मनिर्भर भारत का आधार हैं। ये मजबूत होंगे तो आत्मनिर्भर भारत की नीवं मजबूत होगी।
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