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निकाह पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: कहा- बालिग होना जरूरी नहीं, ऐसे भी वैध है शादी
याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई की और कहा कि मुस्लिम प्रेमी जोड़े के मामले में विवाह के लिए लड़की का बालिग होना अनिवार्य नहीं है। अगर लड़की युवा है तो उसे यह तय करने का अधिकार मिलता है कि उसे अपना जीवन किसके साथ बिताना है।
पंजाब: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab-Haryana High Court) द्वारा लड़कियों के निकाह (Marriage) को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया गया है। हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि मुस्लिम लड़की अगर बालिग (Adult) ना हो तो भी उसका निकाह वैध है। दरअसल, हाईकोर्ट ने एक मुस्लिम प्रेमी जोड़े की सुरक्षा से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की है।
हाईकोर्ट ने दिया मुस्लिम पर्सनल लॉ का हवाला
यह प्रेमी जोड़ा मोहाली का रहने वाला है। याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मुस्लिम पर्सनल लॉ का हवाला देते हुए कहा कि अगर मुस्लिम लड़की बालिग नहीं है तो भी उसकी शादी वैध है। बता दें कि इस प्रेमी जोड़े ने याचिका दायर कर कहा था कि उन्होंने परिवार के खिलाफ जाकर मुस्लिम रीति रिवाजों से निकाह किया है। जिसके चलते दोनों के परिवार वाले काफी खफा हैं।
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जीवन पर बना हुआ है खतरा
जोड़े का कहना है कि इससे उनके जीवन की सुरक्षा को लेकर खतरा बना हुआ है। याचिकाकर्ता का कहना है कि उन्होंने जनवरी में निकाह किया था और तभी से उनकी जिंदगी पर खतरा बना हुआ है। निकाह करने वाले युवक की आयु 36, जबकि लड़की की आयु 17 साल है। ऐसे में लड़की के परिजनों का कहना है कि लड़की बालिग नहीं है, ऐसे में उसे हमें सौंपा जाए।
(फोटो- सोशल मीडिया)
हाईकोर्ट ने कहा निकाह के लिए बालिग होना अनिवार्य नहीं
निकाह के बाद दोनों ने सुरक्षा के लिए मोहाली के एसएसपी से भी गुहार लगाई थी, लेकिन वहां से सुरक्षा को लेकर ठोस कदम ना उठाए जाने के बाद याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इसी याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई की और कहा कि मुस्लिम प्रेमी जोड़े के मामले में विवाह के लिए लड़की का बालिग होना अनिवार्य नहीं है।
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लड़की को मिलता है यह अधिकार
अगर लड़की युवा है तो उसे यह तय करने का अधिकार मिलता है कि उसे अपना जीवन किसके साथ बिताना है। संविधान उसे स्वतंत्रतापूर्वक जीने और मनपसंद जीवनसाथी के चयन का अधिकार देता है। इसके साथ ही हाईकोर्ट द्वारा मोहाली के एसएसपी को यह आदेश दिया गया है कि वह प्रेमी जोड़े की सुरक्षा की समीक्षा करें और उनके जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
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